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शहरी वन शहरों के फेफड़े हैं, जो ऑक्सीजन बैंक और कार्बन घटाने के तंत्र के रूप में काम करते हैं: जावड़ेकर

नई दिल्ली में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के कार्यालय में अनूठे शहरी वन का उद्घाटन किया गया

नई दिल्ली । दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) वर्षों से चिंता का कारण बना हुआ है। इसके अलावा नई दिल्ली की आईटीओ क्रॉसिंग ने विशेष रूप से वायु प्रदूषण का उच्च स्तर छू लिया है। इस तरह वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर और इस संबंध में सामुदायिक जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के बहादुर शाह ज़फर मार्ग स्थित भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कार्यालय ने कार्यालय पार्क में एक शहरी वन स्थापित करने के लिए कदम उठाए हैं।

कार्यालय पार्क में सीमित क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए इसके गहन वनीकरण के लिए स्थानीय सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। इस वनमें स्थानीय पेड़ों को लगाया गया हैजो तीन आयामी, बहुस्तरीय समुदाय के हैं और जो एकल-स्तरीय लॉन की हरियाली के सतह क्षेत्र का 30 गुना है। प्राकृतिक आपदाओं से बचाने और पर्यावरण के संरक्षण के लिए इस वन की क्षमता 30 गुना से अधिक है।

इस शहरी वन का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने खुशी जताई और कहा कि यह एक घना शहरी जंगल होगा जिसमें आने वाले समय में 59 देसी प्रजातियों के 12000 पौधों सहित कई स्तरों पर पेड़ लगाए जाएंगे। पर्यावरण मंत्री जावडेकर ने शहरी वनों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये शहरी वन हमारे शहरों के फेफड़े हैं और ऑक्सीजन बैंक तथा पर्यावरण से कार्बन घटाने के तंत्र के रूप में काम करते हैं। उन्होंने इस बात की सराहना की कि इस वन के निर्माण में मियावाकी तरीके का इस्तेमाल किया गया है जिससे तापमान में 14 डिग्री तक कमी और नमी में 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी करने में मदद मिल सकती है।

 

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