उप्र : दुष्कर्म आरोपी सांसद अतुल राय एमपी-एमएलए कोर्ट से बरी
आरोपी सांसद पर कार्रवाई की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के बाहर पीड़ित युवती ने चश्मदीद के साथ कर लिया था आत्मदाह
वाराणसी। घोसी लोकसभा से बसपा सांसद अतुल राय को दुष्कर्म के मामले में शनिवार को बड़ी राहत मिली। विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए कोर्ट) सियाराम चौरसिया की अदालत ने लंका थाना में दर्ज दुष्कर्म के मामले में विचारण के बाद साक्ष्य के आभाव में संदेह का लाभ देते हुए बसपा सांसद अतुल राय को आरोप सिद्ध न होने पर दोषमुक्त कर दिया।
अदालत ने अपने आदेश में कहा की संपूर्ण तथ्य एवं परिस्थितियों तथा विवेचना विश्लेषण व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के अवलोकन से अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि पीड़िता द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य/अभिकथन न तो न्यायालय का विश्वास प्रेरित करने वाला विश्वासप्रद तथा विश्वसनीय है न तो बेदाग तथा वास्तविक गुणवत्ता वाला है। इस प्रकार अभियोजन पक्ष आरोपित अतुल राय पर लगाए गए आरोपों को समाधानप्रद साक्ष्य से युक्तियुक्त संदेह से परे साबित करने में पूर्णतया असफल रहा है। ऐसी दशा में आरोपित अतुल राय को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया जाना न्यायसंगत है। जिसके बाद अदालत ने उन्हें दोषमुक्त करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव व दिलीप श्रीवास्तव ने पक्ष रखा।
प्रकरण के अनुसार बलिया जिले की रहने वाली और वाराणसी के यूपी कॉलेज की पूर्व छात्रा ने लंका थाने में एक मई 2019 को अतुल राय के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़िता ने अपनी तहरीर में लिखा था कि वाराणसी में पढ़ाई के दौरान अतुल राय से उसका परिचय हुआ। मार्च 2018 में अतुल उसे अपनी पत्नी से मिलवाने की बात कह कर चितईपुर स्थित फ्लैट में ले गए। मगर, वहां कोई नहीं था। उसी दौरान उन्होंने उसके साथ रेप किया। साथ ही उसकी फोटो खींची और वीडियो बना लिया।
इसके बाद उसे ब्लैकमेल कर रेप करने लगे। विरोध करने पर अतुल राय उसे जान से मारने की धमकी देते थे। इस मामले में न्याय न मिलने और बेवजह प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाते हुए बीते साल अगस्त महीने में रेप पीड़िता और उसके गवाह ने खुद को आग लगा कर जान दे दी थी।