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UP Budget:योगी सरकार के दूसरे बजट में 32 हजार 721 करोड़ की नई योजनाएं,बजट के प्रमुख अंश

उत्तर प्रदेश: वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट अनुमान

● उत्तर प्रदेश 24 करोड़ की देश की सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है हमारा प्रदेश न केवल भारत का सबसे बड़ा उपभोक्ता एवं श्रम बाजार है अपितु गंगा के उपजाऊ मैदानों के किनारे प्रदेश में प्रचुर प्राकृतिक संसाधन विद्यमान हैं। देश की जीडीपी में प्रदेश का योगदान 08 प्रतिशत से अधिक का हैं।

● मुझे यह बताते हुये हर्ष है कि वर्ष 2021 2022 में प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 16.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी जो देश की विकास दर से अधिक रही।

● वित्तीय वर्ष 2023 2024 के लिये जीएसडीपी में वृद्धि की दर 19 प्रतिशत अनुमानित की गयी है। वैश्विक मंदी के दौर में प्रदेश की अर्थव्यवस्था की विकास दर उत्साहजनक है।

● वर्ष 2017 के पूर्व, प्रदेश की बेरोजगारी दर 14.4 प्रतिशत थी, आज यह घटकर लगभग 4.2 प्रतिशत हो गयी है। यह प्रदेश की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

● प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दिनांक 10 से 12 फरवरी, 2023 के मध्य यू.पी. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का भव्य एवं अत्यन्त सफल आयोजन किया गया। इस समिट के आयोजन के पूर्व प्रदेश सरकार के मंत्रियों एवं अधिकारियों के प्रतिनिधि मण्डल 16 देशों के 21 शहरों में भेजे गये जहाँ उनके द्वारा व्यापारिक समुदाय को प्रदेश में निवेश की संभावनाओं के संबंध में अवगत कराया गया और इसी थीम पर रोड शो आयोजित किये गये इन देशों में अमेरिका, कनाडा, यूके जर्मनी, बेल्जियम, स्वीडन, नीदरलैण्ड्स, फ्रांस, मैक्सिको, ब्राजील, अर्जेन्टीना, जापान, दक्षिण कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर व ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा भारत के 08 प्रमुख नगरों मुम्बई, बंगलूरू, हैदराबाद, चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद एवं चण्डीगढ़ में रोड शो का आयोजन किया गया।

● इसके परिणामस्वरूप उ०प्र० ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में 25,000 से अधिक निवेशकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

● ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में लगभग 33.50 लाख करोड़ रूपये के 19,000 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गये अधिकांश समझौता ज्ञापन नवीकरणीय ऊर्जा ( 16 प्रतिशत), इलेक्ट्रॉनिक्स (12 प्रतिशत) औद्योगिक पार्क (11 प्रतिशत), शिक्षा (09 प्रतिशत) तथा लॉजिस्टिक्स (09 प्रतिशत), सेक्टर्स में किये गये हैं।

सुधर गई कानून- व्यवस्था
उद्योगों की अलख जगी
यूपी बना ग्रोथ का इंजन
यह सब पहली दफा समझ
फकत किनारे बैठे-बैठे
लहरों से मत सवाल कर
डूब के खुद गहरे पानी में
पानी का फलसफा समझ

● यह हमारे लिये अत्यन्त गर्व का विषय है कि दिनांक 01 दिसम्बर, 2022 से 30 नवम्बर 2023 के मध्य विश्व के सबसे शक्तिशाली 20 देशों के समूह जी -20 के सम्मेलन की मेजबानी का गौरव भारत सरकार को प्राप्त हुआ है। इस सम्मेलन के अन्तर्गत भारत सरकार की अध्यक्षता में 200 से अधिक बैठकें होंगी, जिसमें उत्तर प्रदेश के 04 शहरों- लखनऊ, आगरा, वाराणसी एवं ग्रेटर नोएडा में 11 बैठकों का आयोजन किया जायेगा।

● जी-20 सम्मेलन की बैठकों की मेजबानी उत्तर प्रदेश के लिये बुनियादी ढांचे सांस्कृतिक विरासत तथा विकास के स्तर और सम्भावनाओं को दुनिया के सम्मुख प्रदर्शित करने का एक वृहद एवं व्यापक अवसर होगा जिसका लाभ प्रदेश की अर्थव्यवस्था एवं जनता को प्राप्त होगा।

● गवर्नेन्स के हर पहलू पर हमारे तेजस्वी मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में समयबद्ध रूप से की गयी प्रभावी कार्यवाही के कारण आज उत्तर प्रदेश कई क्षेत्रों में देश के अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है।

● इनमें से कुछ प्रमुख कार्यक्रमों के संबंध में मैं इस सम्मानित सदन के समक्ष संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करना चाहूँगा।

● प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं शहरी के अन्तर्गत आवास निर्माण, ग्रामीण स्वच्छ शौचालय निर्माण, सूक्ष्म लघु मध्यम उद्योगों की स्थापना, स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत इंडिया स्मार्ट सिटी अवॉर्ड कॉटेस्ट में तथा पीएफएमएस पोर्टल द्वारा डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों को धनराशि हस्तांतरण करने में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
दुग्ध उत्पादन, गन्ना एवं चीनी उत्पादन तथा एथेनॉल की आपूर्ति में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। कृषि निवेशों पर किसानों को देय अनुदान डीबीटी के माध्यम से भुगतान करने वाला देश में उत्तर प्रदेश पहला राज्य बना।

● कोरोना के बचाव हेतु वैक्सीनेशन के 39.20 करोड़ से अधिक डोज लगाने वाला देश में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है तथा चिकित्सा शिक्षण संस्थान स्थापित कर संचालित करने वाला देश का अग्रणी राज्य बन गया है।

● भारत सरकार द्वारा स्टार्टअप रैकिंग के तहत उत्तर प्रदेश को “इनस्पायरिंग लीडर” के रूप में सम्मानित किया गया है। उत्तर प्रदेश कौशल विकास नीति को लागू करने वाला देश का प्रथम राज्य बन गया है।

● अटल पेंशन योजना के अन्तर्गत पंजीकरण करने में उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान पर है।

● आज हमारा प्रदेश न केवल देश के अन्दर बल्कि वैश्विक समुदाय के मध्य भी अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रहा है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निरन्तर कठोर परिश्रम एवं अनुशासन से सम्भव हो सका है।

श्रम के जल से राह सदा सिंचती है
गति मशाल आंधी में ही हंसती है
छालों से ही श्रृंगार पथिक का होता है
वो विपरीत परिस्थितियों में चलने के आदी हैं
मंजिल की मांग लहू से ही सजती है।

● हमारी सरकार द्वारा अपने पिछले कार्यकाल तथा वर्तमान कार्यकाल में प्रदेश के सर्वागीण विकास की ठोस नीतियां तैयार कर उन्हें घरातल पर प्रभावी रूप से मूर्त रूप प्रदान किया गया हैं । हमने न केवल प्रदेश में अवस्थापना विस्तार, निवेशानुकूल वातावरण तैयार करने और उद्योग स्थापित करने पर बल दिया अपितु समाज के विभिन्न समूहों, विशेषकर किसान, महिला, युवा, श्रमिक तथा आर्थिक एवं सामाजिक रूप से दुर्बल वर्ग के सशक्तिकरण एवं स्वावलम्बन की दिशा में निरन्तर कार्य किया।

● हमारी सरकार द्वारा प्रदेश के लगभग 46 लाख 22 हजार गन्ना किसानों को वर्ष 2017 से अब तक 1,96,000 करोड रूपये से अधिक का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया जो वर्ष 2012 से 2017 तक की अवधि में किये गये कुल गन्ना मूल्य भुगतान 95,125 करोड़ रूपये से 86,728 करोड़ रूपये अधिक है।

● गन्ना उत्पादकता में 1,00,875 टन प्रति हेक्टेयर की वृद्धि किसानों की आय में औसतन 349 रुपये प्रति कुन्तल की दर से 34,656 रुपये प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त, गन्ने के साथ अंतःफसली खेती से कृषकों को लगभग 25 प्रतिशत की अतिरिक्त आय हुई।

● रबी विपणन वर्ष 2022 2023 में 2015 रुपये प्रति कुन्तल गेहूँ, का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित था विपणन वर्ष के दौरान 87991 किसानों से 3.36 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का क्रय किया गया. जिसके सापेक्ष किसानों के खातों में पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से 675 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

● खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा कॉमन श्रेणी हेतु रु0 2040 तथा ग्रेड ए हेतु रु. 2060 प्रति कुन्तल मूल्य निर्धारित किया गया है। अद्यतन 62.66 लाख मीट्रिक टन धान क्रय किया गया है जिसके सापेक्ष सीधे किसानों के खातों में पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से 10.30 लाख किसानों के बैंक खातों में 12 हजार करोड़ रूपये का भुगतान किया है।

● प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022 2023 में अब तक 51.639.68 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की गयी।

● किसानों के निजी नलकूपों के क्षतिग्रस्त परिवर्तकों को निर्धारित समय पर बदला जा रहा है।

● प्रदेश के डार्क जोन में किसानों को निजी नलकूप कनेक्शन देने पर लगे प्रतिबंध को हटाने से 01 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं।

● बालिकाओं के प्रति आमजन की सकारात्मक सोच विकसित करने हेतु संचालित “मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना” के अन्तर्गत प्रति लाभार्थी को रु० 15,000 तक की धनराशि से लाभान्वित किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-2024 हेतु 1050 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● सभी वर्गों की पुत्रियों की शादी हेतु संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना हेतु 600 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी अनुदान योजना हेतु 150 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● ग्रामीण महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए महिला सामर्थ्य योजना के अन्तर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गठन किया जाता है। योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 83 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● निराश्रित विधवाओं के भरण-पोषण अनुदान योजनान्तर्गत वर्तमान में 32 लाख 62 हजार निराश्रित महिलाओं को पेंशन दी जा रही है। इस हेतु वर्ष 2023 2024 के बजट में 4032 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित हैं।

● प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को लाभान्वित किया जा रहा है। प्रदेश में जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम आदि संचालित हैं।

● प्रदेश में नियमित टीकाकरण के अंतर्गत अक्टूबर, 2022 तक 95 प्रतिशत बच्चों को टीका लगाया गया। मिशन इन्द्र धनुष के अंतर्गत 36 लाख 82 हजार से अधिक बच्चों एवं 10 लाख 31 हजार से अधिक गर्भवती माताओं का टीकाकरण किया गया।

● प्रदेश में कानून एवं शान्ति व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनश्चित करने हेतु 03 महिला पीएसी बटालियन का गठन किया जा रहा है।

● स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना के पात्र छात्र-छात्राओं को टैबलेट / स्मार्टफोन देने हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 3600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● उप्र स्टार्टअप नीति-2020 के अन्तर्गत कृषि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ऊर्जा, खादी, शिक्षा, पर्यटन, परिवहन आदि क्षेत्रों में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश में 50 इन्क्यूबेटर तथा 7200 स्टार्टअप्स कार्यरत हैं। नीति के अंतर्गत पीजीआई लखनऊ, आईआईटी कानपुर तथा नोएडा परिसर में आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स के क्षेत्र में परिचालन प्रारम्भ किया जा चुका है।

● इन्क्यूबेटर्स को बढ़ावा देने तथा स्टार्टअप्स के लिये सीड फण्ड हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है।

● उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप्स नीति हेतु 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों को एग्रीटेक स्टार्ट-अप्स की स्थापना के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एग्रीकल्चर एक्सीलरेटर फण्ड के लिए 20 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।

● प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को रोजगारोन्मुख व्यावसायिक कोर्सेज / स्किल्स में प्रशिक्षण देने की योजना के तहत कौशल विकास मिशन के माध्यम से 06 वर्षों में 12 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया तथा 4 लाख 88 हजार युवाओं को प्रतिष्ठित कंपनियों में सेवायोजित कराया गया।

● युवा अधिवक्ताओं को कार्य के शुरूआती 03 वर्षों के लिये किताब एवं पत्रिका क्रय करने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने के लिये 10 करोड़ रूपये तथा युवा अधिवक्ताओं के लिये कॉपर्स फण्ड हेतु 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● मनरेगा योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022- 2023 में अब तक प्रदेश में 26 लाख 29 हजार मानव दिवस सृजित कर प्रदेश द्वारा देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया गया है।

● राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-2023 में अब तक लगभग 01 लाख 07 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है एवं 81,283 स्वयं सहायता समूहों को रिवॉल्विंग फण्ड प्रदान करते हुये 3,497 स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि उपलब्ध करायी गयी है।

● प्रदेश सरकार द्वारा अधिकाधिक उद्यमों की स्थापना हेतु अनुकूल वातावरण का सृजन किया गया है। एमएसएमई अधिनियम, 2020 के माध्यम से इकाईयों को 1000 दिवस तक किसी भी विभाग से निरीक्षण से छूट प्रदान की गई है। इसी प्रकार, निवेश मित्र के माध्यम से उद्यमियों को उद्यम स्थापना के क्रम में वांछित अनापत्ति / लाइसेन्स /अनुमति आदि को प्राप्त करने की व्यवस्था की गयी है। जिसमें उद्यमी समयबद्ध रूप से स्वीकृतियाँ आदि प्राप्त कर रहा है।

● सरकार के इन प्रयासों से वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 24 नवम्बर 2023 तक 03 लाख 95 हजार से अधिक उद्यम पंजीकृत हुये जिसमें 25 लाख 64 हजार से अधिक रोजगार का सृजन हुआ।

●एक जनपद एक उत्पाद वित्त पोषण योजनान्तर्गत 01 लाख 35 हजार से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ।

● एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण एवं टूलकिट वितरण योजना के अंतर्गत अब तक 83473 से अधिक हस्तशिल्पियों / पारम्परिक कारीगरों को प्रशिक्षण एवं टूलकिट वितरण किया गया।

● विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अंतर्गत 01 लाख 73 हजार से अधिक लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया।

● मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना अंतर्गत 17,147 लाभार्थी लाभान्वित हो चुके हैं तथा रोजगार के 01 लाख 37 हजार से अधिक अवसरों का सृजन हुआ हैं।

● उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा विगत 06 वर्षों में 12 लाख 50 हजार से अधिक युवाओं को विभिन्न प्रकार के अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में पंजीकृत किया गया है। प्रमाणीकृत हुये युवाओं में से 4.88 लाख को विभिन्न प्रतिष्ठित कम्पनियों में सेवायोजित कराया गया है।

● प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत अब तक 17,559 इकाइयां स्थापित करते हुए 01 लाख 96 हजार से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये

● मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अन्तर्गत अब तक 4837 इकाइयां स्थापित करते हुए 88,808 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये। वित्तीय वर्ष 2023-2024 में वस्त्रोद्योग के क्षेत्र में 40,000 रोजगार सृजन का लक्ष्य है ।

● अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से युवाओं को उद्योगों में भो के साथ प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के क्रम में मुख्य मंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत 31 हजार युवाओं को प्रशिक्षण करने का लक्ष्य रखा गया है।

● नई उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2022 के अंतर्गत अगले 05 वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश एवं 20 हजार रोजगार सृजन का लक्ष्य निर्धारितकिया गया है।

● पुलिस विभाग के विभिन्न पदों पर 153,728 अभ्यर्थियों को चयनित किया जा चुका है ।

● माध्यमिक शिक्षा विभाग में प्रदेश सरकार द्वारा अब तक राजकीय विद्यालयों में 8,314 सहायक अध्यापक 1,890 प्रवक्ता एवं 80 प्रधानाचार्यों का चयन किया गया है। सहायता प्राप्त विद्यालयों में 25,249 सहायक अध्यापक 5,226 प्रवक्ता एवं 849 प्रधानाचार्यों का पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुए चयन कर नियुक्त किया गया।

● वृद्धावस्था / किसान पेंशन योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023 2024 के बजट में 7248 करोड़ रूपये का बजट प्राविधान प्रस्तावित है ।

● दिव्यांग पेंशन योजना के अन्तर्गत लगभग दिव्यांग भरण पोषण अनुदान हेतु 1120 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● कुष्ठावस्था पेंशन योजना हेतु 42 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत इस वर्ष 35,950 जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया गया।

● प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत देश में सर्वाधिक 10.33 लाख से अधिक पथ विक्रेताओं को 1190 करोड़ 49 लाख रुपये का ऋण वितरित कराते हुये उत्तर प्रदेश ऋण वितरण में देश में प्रथम स्थान पर रहा है।

● राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के फेज-03, 04 एवं फेज-05 में 81.25 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न निःशुल्क वितरित किया गया।

●प्रदेश में अब तक 1.53 करोड़ से अधिक निर्माण श्रमिकों तथा 3,14,611 निर्माण स्थलों का पंजीकरण कराया जा चुका है।

● कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना के तहत कार्यस्थल पर श्रमिक की मृत्यु की दशा में 05 लाख रुपये, स्थायी दिव्यांगता पर 04 लाख रुपये एवं आशिक दिव्यांगता पर 03 लाख रुपये की सहायता प्रदान किये जाने का प्रावधान है ।

● श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने हेतु प्रदेश के प्रत्येक मण्डल में एक-एक आवासीय विद्यालय की स्थापना की गयी है।

● प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजनान्तर्गत अब तक 6,65,977 लाभार्थियों का पंजीकरण किया जा चुका है।

● प्रदेश में 5021 रोजगार मेलों का आयोजन कराया गया। जिनके माध्यम से 7 लाख 29 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया।

● प्रदेश के सर्वाधिक बाल श्रम से प्रभावित जिलों के हॉट स्पॉट को चिन्हित करते हुए 490 ग्राम पंचायतों / शहरी वॉड़ों को बालश्रम मुक्त घोषित कर नया सवेरा योजना का संचालन किया गया जिनमें 30287 बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा गया।

● असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों हेतु संचालित “मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों हेतु संचालित “मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना” के लिये 12 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● बाल श्रमिक विद्या योजना के तहत 2000 बच्चों को योजना से आच्छादित कर लाभ दिया जा रहा है।

● प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत मार्च, 2017 से अद्यतन 17.62 लाख आवासों की स्वीकृति प्रदान की गयी है।

● पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर यातायात संचालित है। एक्सप्रेस-वे के आसपास औद्योगिक क्लस्टर्स स्थापित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

● बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका हैं। एक्सप्रेस वे के आसपास औद्योगिक क्लस्टर्स स्थापित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

● गोरखपुर पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना का निर्माण प्रगति पर है तथा दिसम्बर 22 तक 56 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है ।

● मेरठ से प्रयागराज तक लगभग 594 किमी0 लम्बे लगभग रूपये 36230 करोड़ लागत से बन रहे गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण का कार्य प्रगति पर है।

● वित्तीय वर्ष 2023 2024 के बजट में झांसी लिंक एक्सप्रेस-वे तथा चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे की नई परियोजनाओं के प्रारम्भिक चरण हेतु 235 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेन्स कॉरीडोर परियोजना के लिए 550 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ गोरखपुर में औद्योगिक गलियारा विकसित किये जाने हेतु 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा 1000 एकड भूमि पर अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म सिटी की स्थापना की जा रही फिल्म सिटी से लगभग 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की सम्भावना के साथ-साथ रोजगार एवं वाणिज्यिक गतिविधियों में वृद्धि होगी ।

● वर्तमान सरकार के अब तक के कार्यकाल में लगभग 21,696. किलोमीटर लम्बाई में ग्रामीण मार्गो का निर्माण किया जा चुका है तथा लगभग 18,407 किमी0 लम्बाई में मार्गों का चौड़ीकरण / सुदृढीकरण किया जा चुका है ।

● 188 दीर्घ सेतु पहुंच मार्ग सहित पूर्ण किये जा चुके हैं तथा 74 रेल उपरिगामी सेतुओं का निर्माण कार्य पूर्ण कर आवागमन हेतु चालू किये जा चुके हैं ।

● प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं जनसामान्य को यातायात की सुविधा देने के उद्देश्य से अन्तर्राष्ट्रीय/अन्तर्राज्यीय मार्गों का विकास, जिसके क्रम में 1024 किमी लम्बाई की 87 सड़कों में 75 सड़कों का निर्माण पूर्ण हो चुका है ।

● वित्तीय वर्ष 2022 -2023 में प्रदेश के 60.397 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों को गड्ढामुक्त तथा 14,144 किलोमीटर लम्बाई के मार्गों को नवीनीकृत किया गया।

● जनसामान्य को सुरक्षा प्रदान करने एवं कानून व्यवस्था के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सामना करने हेतु पुलिस व्यवस्था को और अधिक सक्षम एवं सुदृढ़ करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

● महिलाओं एवं समाज के कमजोर वर्गों के विरूद्ध अपराधों को नियन्त्रित करने हेतु प्रभावी कार्यवाही करके इनके लिए निरापद वातावरण उपलब्ध कराने के प्रति सरकार निरन्तर प्रयासरत है।

● सरकार की अपराध एवं अपराधियों के प्रति जीरो टालरेन्स की नीति के अनुरूप प्रदेश की कानून व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाये जाने एवं आपराधिक /असामाजिक तत्वों पर प्रभावी नियन्त्रण करने के उद्देश्य से कार्ययोजना बनाकर अपराधियों के विरूद्ध कठोरतम विधिक कार्यवाही की जा रही है जिसके फलस्वरूप अपराध एवं कानून व्यवस्था की स्थिति सुदृढ़ है ।

● वर्ष 2022 में वर्ष 2016 के सापेक्ष आलोच्य अवधि में डकैती में 80.31 प्रतिशत, लूट में 61.51 प्रतिशत हत्या में 32.45 प्रतिशत, बलवा में 51.65 प्रतिशत, गृहभेदन में 5.59 प्रतिशत, चोरी में 17.22 प्रतिशत, रोड होल्डअप में 100 प्रतिशत व फिरौती हेतु अपहरण में 43.18 प्रतिशत की कमी आयी है। अपराधों पर अंकुश लगाये जाने हेतु निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं ।

● उक्त अवधि में महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराधों में दहेज मृत्यु में 15.81 प्रतिशत, बलात्कार में 21.75 प्रतिशत व अपहरण में 9.17 प्रतिशत की कमी आयी है महिलाओं के विरूद्ध घटित होने वाले अपराधों पर पुलिस द्वारा नियंत्रण हेतु निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में एण्टी भू-माफिया पोर्टल पर अवैध कब्जे से सम्बन्धित 3,41,236 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिसमें से 3,39,552 शिकायतें निस्तारित की गई।

● अभियान के अन्तर्गत 70 हज़ार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल अवैध अतिक्रमण से अवमुक्त कराया गया है। 23,920 राजस्व वाद, 923 सिविल वाद एवं 4504 एफआईआर दर्ज करायी गयी है।

● 847 अतिक्रमणकर्ताओं को भू-माफिया के रूप में चिन्हित किया गया है, वर्तमान में 196 भू-माफिया जेल में निरूद्ध हैं।

● साइबर क्राइम की रोकथाम हेतु प्रदेश के प्रत्येक परिक्षेत्र में साइबर क्राइम पुलिस थाना की स्थापना की गयी है

● प्रदेश के समस्त थानों में (1531) साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी है परिक्षेत्रीय मुख्यालयों पर बेसिक साइबर फोरेसिक लैब एवं पुलिस मुख्यालय पर एडवांस्ड डिजिटल साइबर फारेंसिक लैब की स्थापना करायी जा रही है।

● कर्तव्य पालन के दौरान शहीद / मृत पुलिस कर्मियों एवं उत्तर प्रदेश राज्य के मूल निवासी केन्द्रीय अर्द्ध सैन्य बलों / अन्य प्रदेशों के अर्द्ध सैन्य बलों अथवा भारतीय सेना में कार्यरत रहते हुये 73 शहीद / मृत कर्मियों के आश्रितों को 17 करोड़ 96 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी।

● पुलिस विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु वित्तीय वर्ष 2023 2024 में 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था बजट में प्रस्तावित है।

● नवसृजित पुलिस कमिश्नरेट के कार्यालय एवं अनावासीय भवनों आदि की व्यवस्था हेतु 850 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश में पुलिस विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को आवासीय सुविधा (शहरी क्षेत्र) उपलब्ध कराये जाने हेतु 400 करोडरूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। एसडीआरएफ के सुदृढीकरण हेतु नये वाहनों के क्रय के लिए 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

● कोविड- 19 वैश्विक महामारी के सामने विश्व के ताकतवर समझे जाने वाले देश असहाय हो गये थे उस विषम परिस्थिति में माननीय प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में हमारे कर्मठ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश की जनता के सहयोग से प्रदेश को उस कठिन कालखण्ड से बाहर निकाला।

● कोविड कालखण्ड में जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उन्हें ध्यान में रखते हुये अत्यन्त त्वरित गति से प्रदेश में स्वास्थ्य अवसंरचना का विस्तार किया गया और प्रवासी श्रमिकों के पुनर्वास की अदभुत मिसाल प्रस्तुत की।

मंजिलें लाख कठिन आयें, गुजर जाऊँगा।
हौसले हार के बैठूंगा तो मर जाऊँगा
लाख रोकें ये अंधेरे, मेरा रास्ता
लेकिन मैं जिधर जाऊँगा रोशनी ले जाऊँगा ।।

● राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन हेतु 12,631 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना हेतु 1,655 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में हेल्थ वेलनेस सेन्टर क्रिटिकल केयर यूनिट जनपदों में इन्टीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना, नेशनल सेन्टर फॉर डिजीजेज कन्ट्रोल का सुदृढीकरण, हेल्थ इन्फारमेशन के विस्तार के लिये पोर्टल की स्थापना तथा इमर्जेन्सी आपरेशन सेन्टर एवं मोबाइल यूनिट हॉस्टिल की स्थापना आदि कार्यों हेतु 1,547 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का संचालन सम्पूर्ण प्रदेश में दिनांक 23 सितम्बर 2018 से किया जा रहा है। योजना के अन्तर्गत 2.34 करोड़ से अधिक लाभार्थी पंजीकृत हो चुके हैं लाभार्थी परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रूपये तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा सूचीबद्ध राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों के माध्यम से प्रदान की जा रही है। योजना हेतु 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● भारत सरकार द्वारा उप स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को क्रमबद्ध तरीके से क्रियाशील हैल्थ एण्ड वैलनेंस सेण्टर्समें परिवर्तित किया जा रहा है। कन्वर्जन ऑफ रूरल सब हेल्थ सेन्टर्स एण्ड पी०एच०सी० टू हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर्स” हेतु 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2023 2024 में लगभग 407 करोड़ रूपये का व्यय किया जायेगा।

● प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना हेतु 320 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान हेतु 250 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिये उपकरणों के क्रय हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्राथमिक / सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के सुदृढीकरण हेतु ₹15 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। “एक जनपद एक मेडिकल कालेज की योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 45 जनपद मेडिकल कॉलेज से आच्छादित किये जा चुके हैं, 14 जनपदों में मेडिकल कालेज निर्माणाधीन है। असेवित 16 जनपदों में मेडिकल कालेजों की स्थापना पी०पी०पी० मॉडल पर की जा रही है।

● 14 नये मेडिकल कालेजों की स्थापना एवं संचालन हेतु 2491 करोड़ 39 लाख रूपये की व्यवस्था की गयी है।

● असाध्य रोगों की चिकित्सा हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● उत्तर प्रदेश इन्स्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल रिसर्च एण्ड डेवलपमेण्ट की स्थापना हेतु 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

● स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में नर्सिंग कालेजों की स्थापना हेतु 26 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है।

● प्रदेश में स्थित सरकारी एवं निजी क्षेत्र के मेडिकल कालेजों / चिकित्सा विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस की कुल 8528 सीटें उपलब्ध हो गयी है।

● प्रदेश में स्थित सरकारी एवं निजी क्षेत्र के मेडिकल कालेजों / चिकित्सा विश्वविद्यालयों में वर्ष 2022- 2023 में पी. जी. की कुल 2,847 सीटें हो गयी हैं।

● वर्ष 2022 में लगभग 300 संस्थानों में नर्सिंग / पैरामेडिकल पाठ्यक्रम प्रारम्भ हुये हैं। प्रदेश में राजकीय पैरामेडिकल कालेजों की संख्या 17 से बढ़ाकर 19 की गयी जबकि निजी क्षेत्र के स्कूलों की संख्या 287 से बढ़ाकर 351 की गयी।

● टर्शियरी चिकित्सा सुविधा को सुदृढ़ किये जाने के क्रम में एस. जी. पी.जी.आई. लखनऊ के 558 बेड के इमरजेन्सी मेडिसिन एवं रीनल ट्रान्सप्लान्ट केन्द्र की स्थापना की गयी।

● एस.जी.पी.जी.आई. में लीवर ट्रान्सप्लान्ट सेन्टर व एडवांस डायबिटीक सेन्टर की स्थापना की गयी है।

● राजकीय मेडिकल कॉलेज, मेरठ, प्रयागराज एवं के०जी०एम०यू० लखनऊ में डायबटिक रेटिनोपैथी की स्थापना की गयी है। राम मनोहर लोहिया संस्थान, लखनऊ में एडवान्स्ड न्यूरोसाइंस केन्द्र का कार्य प्रगति पर है।

● 14 मण्डलीय कार्यालयों तथा प्रयोगशालाओं भवन निर्माण, मशीनों तथा उपकरणों के लिये 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● आईटी० आई०टी०ई०एस० डेटा सेन्टर, ई०एस०डी०एम० डिफेंस एवं एयरोस्पेस इलेक्ट्रिक वाहन वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, टेक्सटाइल, एम०एस०एम०ई० सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिये लगभग 25 नीतिया प्रख्यापित की गयी हैं, जिनके माध्यम से प्रदेश में समेकित औद्योगिक विकास के लिये एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में अनेक सुधारात्मक कदम उठाए गये हैं।

● प्रदेश में त्वरित परिवहन के दृष्टिगत कई एक्सप्रेसवेज का निर्माण किया जा रहा है। इससे प्रदेश में द्रुत परिवहन के साथ-साथ एक्सप्रेसवेज के दोनों तरफ औद्योगिक / व्यावसायिक गतिविधियाँ तेज होगी जो प्रदेश के आर्थिक विकास में सहायक होगी।

● पाँच लाख रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से प्रदेश में बनाये जा रहे एक्सप्रेसवेज के किनारे औद्योगिक गलियारों के सृजन का निर्णय लिया गया है। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलने के साथ-साथ प्रदेश में औद्योगिक विकास का वातावरण बनेगा, जिससे भविष्य में और अधिक विकारा के रास्ते खुलेगें

● पूर्वाचल एक्सप्रेस वे एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे के किनारे 06 स्थानों पर औद्योगिक निर्माण संकुल बनाने का निर्णय लिया गया है। इनमें से 04 संकुल पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे तथा 02 संकुल बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे बनाये जाने प्रस्तावित है।

● प्रदेश सरकार द्वारा पहला इन्वेस्टर्स समिट फरवरी 2018 में आयोजित किया गया जिसमें प्राप्त निवेश प्रस्तावों के सापेक्ष लगभग 4 लाख करोड़ से अधिक का निवेश हो चुका है।

● भारत में व्यवसाय में सुगमता की रैंकिंग में 12 स्थानों का उल्लेखनीय सुधार करते हुये उत्तर प्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर आ गया है। सफलता के पश्चात राज्यों की अचीवर्स श्रेणी में सम्मिलित होना इसका स्पष्ट प्रमाण है।

● प्रदेश में फार्मा पार्कों की स्थापना एवं विकास हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश के त्वरित आर्थिक विकास व रोजगार तथा स्वरोजगार के अवसरों के सृजन में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की महती भूमिका है। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग द्वारा प्रदेश में अधिकाधिक एमएसएमई इकाईयों की स्थापना कराकर प्रदेश में पूँजी निवेश एवं रोजगार सृजन सुनिश्चित किया गया है।

● प्रदेश सरकार द्वारा घोषित नवीन एम०एस०एम०ई०नीति – 2022 में रोजगार सृजन में 15 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि प्रस्तावित है। इस नीति के अन्तर्गत एम०एस०एम०ई०इकाईयों को प्रथम बार 4 करोड़ रूपये तक पूँजी उपादान उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गयी है।

● उक्त नीति के अन्तर्गत उद्यमियों को अधिक से अधिक लाभान्वित कराया जायेगा जिससे प्रदेश में पूँजी निवेश के साथ ही अधिकाधिक रोजगार सृजन हो सकेगा।

● प्रदेश में ओ०डी०ओ०पी० एवं हस्तशिल्प उत्पादों के विपणन को प्रोत्साहित करकने हेतु यूनिटी मॉल की स्थापना के लिये वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● वर्तमान सरकार के अब तक कार्यकाल में लगभग 21,696 किलोमीटर लम्बाई में ग्रामीण मार्गों का निर्माण तथा अब तक लगभग 18,407 किलोमीटर लम्बाई में मार्गों का चौड़ीकरण एवं सुदृढीकरण किया गया।

प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं जन सामान्य को यातायात की सुविधा देने के उद्देश्य से अन्तर्राष्ट्रीय / अन्तर्राज्यीय मार्गों का विकास, जिसके क्रम में 1024 कि०मी० लम्बाई की 87 सड़कों में से 75 सड़कों का निर्माण पूर्ण किया गया।

● मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजनान्तर्गत 181 राजस्व ग्रामो में सड़क निर्माण किया गया।

● सड़कों और सेतुओं के निर्माण हेतु 21159 करोड़ 62 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● सड़कों और सेतुओं के अनुरक्षण हेतु 6209 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● कृषि विपणन सुविधाओं हेतु पुलों एवं सड़कों के कार्य के लिये 3473 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों हेतु 1525 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● रेलवे उपरिगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 1700 करोड़ रुपये एवं अन्य सेतुओं हेतु 1850 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं।

● राज्य राजमार्गों के चौड़ीकरण / सुदृढीकरण तथा नये कार्यो हेतु 2588 करोड़ 80 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रमुख / अन्य जिला मार्गों के चौड़ीकरण / सुदृढीकरण तथा नये कार्यों हेतु 2538 करोड़ 80 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। धर्मार्थ मार्गों के विकास हेतु 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● राज्य सड़क निधि से सड़कों के अनुरक्षण हेतु 3000 करोड़ रूपये तथा निर्माण हेतु 2500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● औद्योगिक / लॉजिस्टिक पार्क हेतु 04 लेन मार्गो के चौड़ीकरण / सुदृढीकरण / निर्माण कार्य हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● चीनी मिल परिक्षेत्र में कृषि विपणन सुविधाओं हेतु मार्गों को चौडीकरण एवं सदृढ़ीकरण / नवनिर्माण / पुनर्निर्माण कार्यों हेतु 250 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● उत्तर प्रदेश का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 240.93 लाख हेक्टेयर है, जिसमें से 188.40 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। इसमें से 165.42 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर कृषि कार्य होता है।

● प्रदेश में 75,090 किलोमीटर लम्बी नहर प्रणालियों, 34,316 राजकीय नलकूपों, 29 पम्प नहरों, 252 लघु डाल नहरों एवं 69 जलाशयों से लगभग 99 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।

● हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल में 20 परियोजनायें पूर्ण की गयी। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से 21.42 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित हुई जिससे 44 लाख 72 हजार कृषक लाभान्वित हो रहे हैं।

● मध्यगंगा (द्वितीय चरण) परियोजना, कचनौदा बांध के अवशेष कार्यों की परियोजना, शहजाद बांध स्प्रिंकलर परियोजना, लखेरी बांध परियोजना आदि परियोजनाओं के पूर्ण होने से 1.62 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित होगी, जिससे प्रदेश में 4.26 लाख कृषक लाभान्वित होंगे।

● विगत पांच वर्षों में लगभग 7426 किलोमीटर लम्बाई की नहर पटरियों को गढ्ढा मुक्त / नवीनीकरण किया गया।

● राजकीय नलकूपों एवं लघु डाल नहरों से सम्बन्धित 08 परियोजनाओं को पूर्ण करते हुये लगभग 1,17,435 हेक्टेयर की सिंचन क्षमता की पुनर्स्थापना कर लगभग 83,055 कृषक परिवारों को लाभान्वित किया गया।

● प्रदेश के विभिन्न 62 जनपदों में 2100 नवीन राजकीय नलकूपों का निर्माण परियोजना (नाबार्ड पोषित) आगामी 02 वर्षों में परियोजना के समस्त कार्यों को पूर्ण करते हुये 1.05 हेक्टेयर सिंचन क्षमता के सृजन का लक्ष्य है जिससे लगभग 01 लाख 03 हजार कृषक परिवार लाभान्वित होंगे।

● प्रदेश के विभिन्न 30 जनपदों के डार्क जोन में स्थित 569 असफल राजकीय नलकूपों का पुनःनिर्माण परियोजना आगामी 02 वर्षों में परियोजना के समस्त कार्यों को पूर्ण करते हुये 56. 90 हजार हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुनर्स्थापना का लक्ष्य है जिससे लगभग 39,800 कृषक परिवार लाभान्वित होंगे ।

●वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकास हेतु रू० 2,803 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्य सिंचाई परियोजना के लिए 5332 करोड़ 50 लाख रूपये, मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 2220 करोड़ 20 लाख रूपये तथा लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 3400 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● नहरों एवं सरकारी नलकूपों से किसानों को मुख्य पानी की सुविधा हेतु 900 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● नवीन राजकीय नलकूपों के निर्माण की परियोजना (नाबार्ड पोषित) हेतु 502 करोड़ रूपये एवं 569 असफल राजकीय नलकूपों के पुर्ननिर्माण के लिए 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रास्तावित है।

● एलटीआईएफ योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में मध्य गंगा परियोजना के लिए 375 करोड़ रूपये, सरयू नहर परियोजना के लिए 192 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● जल निकास (नाबार्ड पोषित) की परियोजनाओं हेतु वित्तीय वर्ष
2023- 2024 में 330 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● नदी में सुधार एवं कटाव निरोधक परियोजनाओं के लिए 1619 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● वर्ष 2022-2023 में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा 19,500 करोड़ रूपये का बजट प्राविधान किया गया।

● वर्ष 2023 -2024 में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत 25,350 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। वर्ष 2023-2024 तक इन योजनाओं के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त 2.26 करोड़ घरों में क्रियाशील गृह नल संयोजन प्रदान कर शुद्ध एवं सत्त पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

● राज्य ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अन्तर्गत 188 योजनाओं. जिनकी लागत 455.15 करोड़ रुपये है, को पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है।

● हमारी सरकार के कार्यकाल में नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में 09 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं तथा 80 गन्तव्य स्थानों के लिए एयर सर्विस उपलब्ध है।

● प्रदेश में 03 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। जेवर तथा अयोध्या में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट निर्माणाधीन हैं। शीघ्र ही प्रदेश में 05 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हो जायेंगे।

● जेवर एयरपोर्ट में रनवेज की संख्या 02 से बढ़ाकर 05 किये जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है। हमारी सरकार के अब तक के कार्यकाल में 04 एयरपोर्ट्स के निर्माण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा 06 एयरपोर्ट्स (अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावरती, चित्रकूट तथा सोनभद्र) का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो रहा है।

● आगे आने वाले वर्षों में प्रदेश में 05 अन्तर्राष्ट्रीय तथा 16 घरेलू एयरपोर्ट, इस प्रकार कुल 21 एयरपोर्ट क्रियाशील हो जायेंगे।

● हमारा यह मानना है कि प्रदेश की जनता को हवाई यात्रा सुलभ हो। प्रदेश में जिस प्रकार हवाई यात्रा की सुविधा का विस्तार हो रहा है, वह कदाचित इन पंक्तियों में सांकेतिक रूप में व्यक्त किया जा सकता है।

हमारे पंखों पे कौन विराम लगा सकता है।
जब हमें नियति से उड़ने का वरदान मिला।।

● वर्तमान में जिला मुख्यालय पर 24 घण्टे तहसील मुख्यालय पर 20 से 22 घण्टे और गांवों को 18 से 20 घण्टे बिजली दिये जाने का रोस्टर निर्धारित है।

● 01 अप्रैल, 2017 से पूर्व ग्रामीण क्षेत्र में 14:38 घण्टे तहसील क्षेत्र में 16:58 घण्टे तथा शहरी क्षेत्र में 21:08 घण्टे आपूर्ति के सापेक्ष वर्ष 2022-23 में माह अप्रैल, 2022 से अक्टूबर 2022 तक औसतन ग्रामीण क्षेत्र में 17:26 घण्टे, तहसील क्षेत्र में 20:52 घण्टे तथा शहरी क्षेत्र में 23:26 घण्टे आपूर्ति की गई।

● वर्ष 2017-18 से कुल 1,21,324 मजरे विद्युतीकृत किये जा चुके हैं।

● प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत गरीब परिवारों को निशुल्क और अन्य ग्रामीण परिवारों को 50 रूपये की 10 मासिक किश्तों में बिजली कनेक्शन देने की सुविधा दी गयी। इस योजना में 62.18 लाख इच्छुक घरों को विद्युत संयोजन निर्गत किए गए।

● कृषि कार्यों हेतु समुचित रूप से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए 11 के०वी० कृषि एवं गैर कृषि ग्रामीण फीडरों के पृथकीकरण योजना के अन्तर्गत लक्षित 2227 नग फीडरों का पृथकीकरण पूर्ण कर लिया गया है।

● प्रदेश में स्थापित होने वाली तापीय उत्पादन परियोजनाओं यथा घाटमपुर, ओबरा ‘सी’ व जवाहरपुर से ऊर्जा निकासी हेतु लगभग 7076.37 करोड़ रूपये की पारेषण परियोजनाओं का निर्माण पी०पी०पी० पद्धति से कराया जा रहा है। इनमें से लगभग 4081.23 करोड़ रूपये की परियोजनायें पूर्ण कर ली गयी है तथा शेष निर्माणाधीन हैं।

● वर्ष 2019-2020 में औसतन उत्पादन उपलब्धता 3766 मेगावाट प्रतिदिन, वर्ष 2020-2021 में औसत उत्पादन उपलब्धता 3816 मेगावाट प्रतिदिन तथा वर्ष 2021-2022 में औसतन उत्पादन उपलब्धता 3998 मेगावाट प्रतिदिन रही।

● 2×660 मेगावाट जवाहरपुर तापीय परियोजना 2×660 मेगावाट ओबरा सी तापीय विस्तार परियोजना एवं 1X660 मेगावाट पनकी तापीय परियोजना का आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूर्ण होना एवं उत्पादन कार्य प्रारम्भ होना लक्षित हैं।

● पारेषण तंत्र की क्षमता जो कि वित्तीय वर्ष 2016-2017 में 16,348 मेगावाट थी, को वर्ष 2021-2022 में 28,000 मेगावॉट तक किया गया, जिसे वित्तीय वर्ष 2022 2023 तक बढ़ाकर 30,806 मेगावॉट तक किया जाना लक्षित है।

● वित्तीय वर्ष 2022 2023 में निजी नलकूप उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की गयी थी, जिसे लोक कल्याण संकल्प पत्र में की गयी घोषणा के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है। जिसके लिए 1500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● बुन्देलखण्ड में स्थापित की जाने वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं से विद्युत निकासी के लिये केन्द्र सरकार तथा जर्मनी की संस्था KfW की सहायता से ग्रीन इनर्जी कॉरीडोर- ॥ परियोजना के अन्तर्गत पारेषण तंत्र के निर्माण हेतु 1554 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है । इस परियोजना को 03 वर्षो में पूर्ण किया जाना लक्षित है।

● विद्युत वितरण क्षेत्र की कुशलता एवं क्षमता वृद्धि हेतु केन्द्र सरकार की सहायता से रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम प्रारम्भ की गयी है जिसके लिए 6500 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● विद्युत प्रकाश और शक्ति का स्रोत है। यह वह शक्ति है जिसके अभाव में नगर अंधकारमय और समाज गतिशून्य हो सकता है। इसीलिये हमारी सरकार ने ऊर्जा और अतिरिक्त ऊर्जा पर विशेष ध्यान दिया है हम यह कहना चाहते हैं कि-

इस चमन को कभी सहरा नहीं होने दूँगा

मर मिदूँगा मगर ऐसा नहीं होने दूँगा

जब तलक भी मेरी पलकों पे दिये हैं रोशन

अपनी नगरी में अंधेरा नहीं होने दूँगा।

● उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 317 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● नीति के अन्तर्गत 05 वर्षों में 22000 मेगावट विद्युत उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा गया है। नीति के अन्तर्गत सरकारी एवं निजी भवनों पर 6000 मेगावॉट क्षमता के सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना 14000 मेगावॉट क्षमता यूटिलिटी स्केल सौर पॉवर परियोजनाओं / सोलर पॉवर पार्क की स्थापना करायी जायेगी।

● 2000 मेगावॉट क्षमता पी०एम० कुसुम योजनान्तर्गत निजी ऑनग्रिड पम्प का सोलराइजेशन एवं पृथक कृषि विद्युत फीडरों को सोलराइजेशन कराया जायेगा जिनकी सम्मिलित क्षमता 2000 मेगावॉट होगी।

● उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 45 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है । यह नीति आगामी 05 वर्ष तक प्रभावी रहेगी।

● नीति के अन्तर्गत कृषि अपशिष्ट, पशुधन अपशिष्ट, चीनी मिलों से प्रेसमड, नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट इत्यादि जैसे विभिन्न जैव अपशिष्टों का उपयोग कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लाण्ट, बायो कोल (पैलेट्स और ब्रिकेट्स) बायो डीजल / बायो एथेनॉल की स्थापना के लिये निवेश को प्रोत्साहित किया जायेगा ।

● प्रदेश के लघु एवं सीमान्त कृषकों को सिंचाई हेतु अनुदान पर सोलर पम्प स्थापित कर लाभान्वित किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत लगभग 29,652 सोलर पम्पों की स्थापना करायी जा चुकी है।

● प्रदेश के विभिन्न ग्रामों के गरीब परिवारों के घरों पर प्रकाश, पखे एवं मोबाइल चार्जिंग की सुविधा हेतु 1.93 लाख सोलर पॉवर पैक संयंत्रों की स्थापना करायी गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक मार्ग प्रकाश की सुविधा हेतु सोलर स्ट्रीट लाईट संयंत्रों की स्थापना की योजना क्रियान्वित की जा रही है जिसके अन्तर्गत लगभग 3.10 लाख सोलर स्ट्रीट लाइट सयंत्रों की स्थापना करायी जा चुकी है।

● प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के एएचपी घटक के अन्तर्गत वर्तमान में 76 परियोजनाओं में लगभग 48,277 भवन निर्मित किये जा रहे हैं। इनमें से 22,718 भवन पूर्ण किये जा चुके हैं जबकि अवशेष भवन मार्च, 2023 तक पूर्ण कर लिया जाना लक्षित है।

● लखनऊ विकास क्षेत्र तथा प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र तथा नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा वाराणसी एवं अन्य शहरों में रोप-वे सेवा विकसित किये जाने हेतु 150 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● कानपुर मेट्रो रेल परियोजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में 585 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● आगरा मेट्रो रेल परियोजना हेतु 465 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● दिल्ली-गाजियाबाद मेरठ कॉरिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है। वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में 1306 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● वाराणसी, गोरखपुर व अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजना के कियान्वयन हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण / नये शहर प्रोत्साहन योजना हेतु 3,000 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● गोरखपुर नगर स्थित गोडधोड्या नाला एवं रामगढ़ ताल के जीर्णोद्धार तथा इण्टरसेप्शन, डाइवर्जन एवं ट्रीटमेंट सम्बन्धी परियोजना हेतु भूमि अधिग्रहण के लिए 650 करोड़ 10 लाख रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● अमृत योजना के अन्तर्गत प्रदेश में जलापूर्ति एवं सीवरेज की कुल 282 परियोजनायें जिनकी कुल लागत 11.156 करोड़ रूपये है, में से पेयजल की 169 परियोजनाओं में 144 तथा सीवरेज की 113 परियोजनाओं में 77 पूर्ण परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है।

● स्वच्छ भारत मिशन नगरीय 10 के अन्तर्गत प्रदेश के 75 नगरीय निकायों में 89 लाख 21 हजार टन लिगेसी वेस्ट एकत्रित था, जिसमें से 51 लाख 21 हजार टन के लिगेसी बेस्ट का निस्तारण कर दिया गया है। शेष के निस्तारण हेतु कार्य प्रक्रियाधीन है।

● प्रधानमंत्री आवासीय योजना (शहरी) के अन्तर्गत वर्ष 2017 से अद्यतन उत्तर प्रदेश में 17.62 लाख मकानों की स्वीकृति प्रदान की गयी है।

● प्रधानमंत्री आवासीय योजना के अन्तर्गत लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण घटक के अन्तर्गत लगभग 12 लाख से अधिक लाभार्थियों को 27,748 करोड़ रूपये की धनराशि डी०बी०टी० के माध्यम से हस्तांतरित की गयी ।

● महाकुम्भ मेला 2025 का भव्य आयोजन विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ किया जाना है जिसकी तैयारी प्रारम्भ कर दी गयी है। वर्ष 2022 2023 में प्रावधानित 621.55 करोड रूपये के सापेक्ष आगामी बजट में 2,500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के अन्तर्गत कान्हा गौशाला के निर्माण हेतु वित्तीय वर्ष 2023 -2024 के बजट में 100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● अमृत 2.0 के अन्तर्गत पेयजल, सीवरेज तथा वॉटर बॉडीज हेतु वर्ष 2022- 2023 में 2,000 करोड़ रुपये के बजट के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2023 2024 में लगभग 180 प्रतिशत की वृद्धि करते हुये 5.616 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● इसी प्रकार स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के अन्तर्गत शौचालय, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट, यूज्ड वाटर मैनेजमेन्ट हेतु 1.356 करोड़ 36 लाख रूपये के सापेक्ष वर्ष 2023- 2024 में 2,707 करोड़ 86 लाख रूपये की व्यवस्था की गयी है जो लगभग 100 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।

● नगर विकास विभाग की नगरीय सड़कों के समुचित विकास हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था है।

● प्रदेश के धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नगरीय निकायों में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं हेतु अनुदान के रूप में 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश के चिन्हित नगर निकायों को आकांक्षी नागर निकाय के रूप में विकसित करने हेतु आधारभूत संरचना के विकास हेतु अनुदान दिये जाने के लिये प्रारम्भ की जा रही आकांक्षी नागर योजना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● त्वरित आर्थिक विकास योजना के हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 में नये कार्यों हेतु 1500 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

● बुन्देलखण्ड की विशेष योजना हेतु 600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है । पूर्वावल की विशेष योजनाओं हेतु 525 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश के युवाओं को सरकार के साथ नीति प्रबन्धन, क्रियान्वयन अनुश्रवण के कार्यों में सहभागिता का विशिष्ट अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा

● मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम संचालित किया गया है। कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के 100 आकाक्षात्मक विकास खड़ों में केन्द्र / राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का समवर्ती मूल्यांकन कार्य करने हेतु विधिक प्रक्रियान्तर्गत शोधार्थियों का चयन किया गया है। योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023- 2024 के बजट में 05 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत वर्ष 2021-2022 में आवंटित 4,33,536 आवास निर्माण के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 4,24,344 आवासों का निर्माण पूर्ण कराया जा चुका है तथा शेष आवास निर्माणाधीन हैं। वित्तीय वर्ष 2022 2023 में 8,62,767 आवासों के निर्माण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है जिसके सापेक्ष निर्माण कार्य प्रगति के विभिन्न चरणों पर है। वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 12,39,877 आवासों का लक्ष्य प्रस्तावित है। योजना हेतु 9000 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 5,966 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018- 2019 से 2022 -2023 तक 1,43,821 लाभार्थियों को लाभान्वित कराया जा चुका है।

● वित्तीय वर्ष 2023- 2024 के बजट में योजना हेतु 1203 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

● श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन योजना का उद्देश्य गाँवों के मूल स्वरूप को बनाये रखते हुये ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाओं को उपलब्ध कराकर ग्रामीण क्षेत्र से शहर की तरफ पलायन रोकना है। वित्तीय वर्ष 2023 -2024 में योजना हेतु 87.49 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● वित्तीय वर्ष 2022 2023 में प्रदेश के 5,89,189 ग्राम पंचायतों में विभिन्न बैंकों के माध्यम से बैकिंग बिजनेस करेस्पॉण्डेंट सखी की पद स्थापना का कार्य किया जा रहा है।

● वर्तमान में 34,292 बी०सी० सखी द्वारा 7,846 करोड़ रूपये से अधिक का वित्तीय लेनदेन किया गया है।

● सुदूर ग्रामों को विकासखण्डों एवं कस्बों से जोड़ने हेतु आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के अन्तर्गत 453 वाहनों का संचालन समूहों के माध्यम से किया जा रहा है।

● स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजनान्तर्गत वर्ष 2023- 2024 में 6,65,473 व्यक्तिगत शौचालय निर्माण तथा 330 विकास खण्डों में प्लास्टिक मैनेजमेन्ट का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजना हेतु 2,288 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं।

● राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के अन्तर्गत पंचायतों के क्षमता संवर्द्धन, प्रशिक्षण एवं पंचायतों में संरचनात्मक ढांचे की उपलब्धता हेतु 622 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित हैं।

● मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन योजनाके अन्तर्गत 2478 उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करने हेतु 85 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● गाँवों में ई-गवर्नेस विस्तार करने हेतु डॉ० राम मनोहर लोहिया पंचायत सशक्तिकरण योजना के लिये 04 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मैनुअल स्कैवेन्जर मृत्यु क्षतिपूर्ति योजना हेतु में 01 करोड़ 65 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● कृषकों को कृषि की समग्र नवीनतम तकनीक से प्रशिक्षित करने हेतु एक नवोन्मेषी कार्यक्रम द मिलियन फार्मर्स स्कूल” ” का आयोजन पूरे प्रदेश में किया जा रहा है। वर्ष 2023 -2024 में 17000 किसान पाठशालाओं का आयोजन प्रस्तावित है।

● प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022- 2023 में माह नवम्बर 2022 तक 12 किस्तों में 51.639 करोड़ रूपये का भुगतान डी०बी०टी० के माध्यम से कृषकों के बैंक खातों में किया गया।

● नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना हेतु 631 करोड़ 93 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022 2023 में प्रदेश के 49 जनपदों में गौ आधारित प्राकृतिक खेती का कार्य प्रारम्भ किया गया है जिसमें गंगा नदी से जुड़े 26 जनपद सम्मिलित हैं। योजनान्तर्गत 1714 क्लस्टर्स आच्छादित हैं जिनका सम्मिलित क्षेत्रफल 85,710 हेक्टेयर है। योजना हेतु 113 करोड़ 52 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● कृषकों के निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 1950 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● राष्ट्रीय कृषि विकास योजना हेतु 984 करोड़ 54 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। नेशनल क्रॉप इन्श्योरेन्स योजना हेतु 753 करोड़ 70 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरूद्धार कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु 55 करोड़ 60 लाख रूपये की व्यवस्था की गयी है।

● पण्डित दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना हेतु 102 करोड़ 81 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● आत्मनिर्भर कृषक समन्वित योजना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● दलहन और तिलहन बीज मिनी किट वितरण योजना हेतु 15-15 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● कृषकों के डिजिटल डाटाबेस हेतु एग्री स्टैंक योजना हेतु 2 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● चीनी उद्योग, उत्तर प्रदेश का कृषि आधारित महत्वपूर्ण उद्योग है तथा प्रदेश के लगभग 46 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों के परिवार की आजीविका का मुख्य आधार है।

● पेराई सत्र 2021-22 में प्रदेश में 27.60 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती की गई तथा 120 चीनी मिलों द्वारा 1016 लाख टन गन्ने की पेराई कर 101.98 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया। वर्तमान पेराई सत्र 2022-23 में 117 चीनी मिलों का संचालन हुआ है एवं इस सत्र में प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल 28. 53 लाख हेक्टेयर है, जिससे चीनी का उत्पादन 105 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है।

● वर्तमान सरकार द्वारा कृषकों को गन्ना मूल्य भुगतान समय से सुनिश्चित कराने हेतु वर्ष 2017 से एस्क्रो अकाउण्ट मैकेनिज्म प्रारम्भ किया गया है जिससे गन्ना मूल्य खाता केवल मिल प्रतिनिधि के स्थान पर अब मिल प्रतिनिधि एवं जिला गन्ना अधिकारी तथा ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित किया जा रहा हैं।

● चीनी मिलों द्वारा गन्ना मूल्य मद की धनराशि के व्यावर्तन पर पूर्ण अंकुश लगा हैं। विगत पांच वर्षों में 27,531 हेक्टेयर गन्ना खेती में ड्रिप इरीगेशन संयंत्र की स्थापना हुई है। इससे 50 प्रतिशत तक सिंचाई जल की बचत होगी।

● सिंचाई जल के साथ पोषक तत्वों के प्रयोग से 50 प्रतिशत रासायनिक उतरकों की बचत होगी साथ ही ड्रिप इरीगेशन के माध्यम से क्षारयुक्त और अल्प वर्षों वाले क्षेत्रों में भी गन्ने की खेती सम्भव हो सकेगी।

● कृषकों की आय में अभिवृद्धि हेतु कृषि शिक्षा शोध एवं अनुराधान के साथ-साथ प्रसार कार्यक्रमों की दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है।

● प्रदेश के 04 कृषि विश्वविद्यालयों में एग्रीटेक स्टार्टअप योजना हेतु 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय, कुशीनगर की स्थापना हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। कृषि विश्वविद्यालय कानपुर, अयोध्या, चाँदा तथा मेरठ में अवस्थापना कार्यों हेतु लगभग 35 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या के अन्तर्गत कृषि महाविद्यालय ( कैम्पस ) आजमगढ़ में पठन- पाठन का कार्य प्रारम्भ हो चुका है तथा जनपद गोण्डा में कृषि महाविद्यालय ( कैम्पस) की स्थापना का निर्माण कार्य प्रगति पर हैं।

● भारत विश्व में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला देश है- जिसमें उत्तर प्रदेश सर्वाधिक दुग्ध उत्पादनकर्ता राज्य है। दिन प्रतिदिन बढ़ती हुई जनसंख्या एवं घटती हुई कृषि योग्य भूमि के कारण दुग्ध व्यवसाय ही एकमात्र ऐसा व्यवसाय है, जो ग्रामीण क्षेत्र के अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्बल, भूमिहीन मजदूर, बेरोजगारों हेतु अतिरिक्त आय का लाभप्रद साघन है।

● वर्तमान दुग्ध संघों के सुदृढीकरण एवं पुनर्जीवित करने की योजना हेतु 86 करोड़ 95 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● नन्द बाबा दुग्ध मिशन के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2023 -2024 में 61 करोड़ 21 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● जनपद मेरठ व वाराणसी में डेयरी परियोजनाओं हेतु 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति, 2022 के अन्तर्गत प्रदेश में स्थापित होने वाले दुग्ध उद्योग की इकाईयों को वित्तीय अनुदान, रियायतें एवं अन्य सुविधाएं प्रदान किये जाने हेतु 25 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश के निराश्रित / बेसहारा गोवंश की समस्या के निराकरण हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में 187 वृहद गो-संरक्षण केन्द्र का निर्माण कराया जाना लक्षित है जिसके सापेक्ष 171 केन्द्रों का निर्माण कार्य पूर्ण है।

● प्रदेश में बुन्देलखण्ड क्षेत्र में निराश्रित गोवंश की समस्या के निराकरण हेतु बुन्देलखण्ड के प्रत्येक जनपद में 05-05 गो- आश्रय केन्द्र स्थापित / क्रियाशील है।

● छुट्टा गोवंश के रख-रखाव हेतु 750 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● वृहद गौ संरक्षण केन्द्रों की स्थापना हेतु 120 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● पशु रोग नियंत्रण हेतु 116 करोड़ 52 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश में भेड़ बाहुल्य जनपदों में भेड़ पालन योजना हेतु 3 करोड़ 44 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मत्स्य

● प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत होल सेल फिश मार्केट के लिये 257 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● “मुख्य मंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● “निषादराज बोट सब्सिडी योजनान्तर्गत 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

◆ प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना हेतु 741 करोड़ 98 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● राष्ट्रीय औद्यानिक मिशन हेतु 206 करोड़ 27 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश के कृषकों को गुणवत्तापूर्ण टिश्यू कल्चर केला पौध उपलब्ध कराने हेतु ऊतक सम्बर्धन प्रयोगशाला की स्थापना हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● सहारनपुर में सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स फॉर हनी की स्थापना के लिये 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● रासायनिक उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण हेतु 175 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। जिला सहकारी बैंकों के वित्तीय सुदृढीकरण हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● वर्ष 2021-2022 में 7,556.91 करोड़ रूपये का ऋण वितरण किया गया है, जिससे 18.76 लाख कृषकों को लाभान्वित हुये। वर्ष 2022-2023 में दिनांक 30-11-22 तक 6936.76 करोड़ रूपये का ऋण वितरित कर 15.41 लाख कृषकों को लाभान्वित किया गया ।

● पं0 दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजनान्तर्गत भारत सरकार के प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना में लाभान्वित लाभार्थियों को ब्याज उपादान की सुविधा 3 वर्षों तक दिये जाने का प्रावधान है। इस योजना हेतु 10 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है ।

● खादी एवं ग्रोमोद्योग विकास एवं सत्त स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 13 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जिससे हाथ कागज केन्द्र कालपी – जालौन के पुनरूद्धार, दोना पत्तली मशीन का वितरण, सोलर चर्खा का वितरण कार्य किये जायेंगे ।

● प्रदेश में माटी कला के पराम्परागत कारीगारों को रोजगार से जोड़ने के लिये वित्तीय वर्ष 2023 -2024 में 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं जिससे माटी कला समन्वित विकास कार्यक्रम व जनपद लखनऊ में माटी कला टेराकोटा प्रशिक्षण एवं फैसलिटी सेन्टर की स्थापना कराया जाना प्रस्तावित है।

● कृषि क्षेत्र के बाद हथकरघा उद्योग सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला विकेन्द्रीकृत कुटीर उद्योग है। प्रदेश में लगभग 1.91 लाख (एक लाख इक्यानबे हजार ) हथकरघा बुनकर एवं लगभग 80 हजार हथकरघे हैं। प्रदेश में 2.58 लाख पावरलूम कार्यरत हैं जिसके माध्यम से 5.50 लाख पावरलूम बुनकर अपना जीविकोपार्जन कर रहे हैं।

● वस्त्र क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने एवं प्रदेश में अधिकाधिक रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से उ०प्र० टेक्सटाइल एण्ड गारमेंटिंग पालिसी 2022 प्रख्यापित की गयी है, जिसमें वस्त्र क्षेत्र के निवेशकों एवं नया स्वरोजगार प्रारम्भ करने वाले युवाओं को अनेक वित्तीय सुविधायें अनुमन्य की गयी हैं, जिसके लिये 150 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● गारमेन्टिंग नीति, 2017 के अन्तर्गत 175 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश के पावरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर विद्युत उपलब्ध करायी जा रही है इस हेतु 345 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● मुख्यमंत्री पॉवर लूम उद्योग विकास योजना हेतु 20 करोड़ रूपये तथा मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना हेतु 10 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पॉवर लूम विकास योजना हेतु लगभग 18 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● वित्तीय वर्ष 2021-22 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के युवाओं के तकनीकी सशक्तिकरण हेतु टैबलेट / स्मार्टफोन वितरण योजना लागू की गयी। इस पायलट योजना का विस्तार करते हुये लोक कल्याण संकल्प पत्र – 2022 में स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजनान्तर्गत अनुरूप 02 करोड़ टैबलेट / स्मार्टफोन का 05 वर्षों में वितरण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजना हेतु 3600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति के कार्यान्वयन हेतु 401 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● स्टेट डाटा सेन्टर हेतु 85 करोड़ 89 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति हेतु 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए प्रदेश में आई०टी० पार्क्स की स्थापना की जा रही है ।

● उ०प्र० सूचना प्रौद्योगिकी नीति-2017-2022 के तहत राज्य को लगभग 53,000 व्यक्तियों को रोजगार के साथ लगभग 6,300 करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं । प्रदेश सरकार द्वारा नई उ०प्र० सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा नीति-2022 दिनांक 18 नवम्बर 2022 को अधिसूचित की गयी है। इसके अन्तर्गत लगभग रूपये 5000 करोड़ के निवेश का अनुमान है जिससे लगभग 50,000 व्यक्तियों हेतु प्रत्यक्ष एवं 1,00,000 व्यक्तियों हेतु अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने का अनुमान है।

● प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वभौमिक लक्ष्य की प्राप्ति हेतु हमारी सरकार संकल्पबद्ध है। प्रदेश में बेसिक शिक्षा के अधीन शासकीय / अशासकीय लगभग 2,23,712 विद्यालय संचालित हैं, जिसमें सभी बच्चों के लिए 01 से 03 किलोमीटर की परिधि में विद्यालय की सुविधा उपलब्ध है।

● समग्र शिक्षा अभियान हेतु 20,255 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास एवं उन्हें स्मार्ट विद्यालयों के रूप में विकसित करने की कार्य योजना है। इस हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है।

● शासकीय / अशासकीय लगभग 2,23,712 विद्यालय संचालित हैं, जिसमें सभी बच्चों के लिए 01 से 03 किलोमीटर की परिधि में विद्यालय की सुविधा उपलब्ध है।

● समग्र शिक्षा अभियान हेतु 20,255 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं का विकारा एवं उन्हें स्मार्ट विद्यालयों के रूप में विकसित करने की कार्य योजना है। इस हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है ।

● केन्द्र सरकार की सहायता से पी०एम० श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इण्डिया) नामक नई योजना प्रदेश में क्रियान्वित किये जाने हेतु 510 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है। ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की नई योजना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था की गयी है।

● गरीबी रेखा के ऊपर के लगभग 28 लाख छात्र छात्राओं को निःशुल्क यूनिफार्म वितरण हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा-1 से 08 तक अध्ययनरत लगभग 02 करोड़ छात्र-छात्राओं के उपयोग के लिए मुफ्त स्वेटर और जूते और मोज़े प्रदान करना 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं ।

● कक्षा 01 से 08 तक के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क स्कूल बैग उपलब्ध कराये जाने हेतु 350 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● वनटांगिया गावों में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संचालन एवं निर्माण हेतु 11 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अन्तर्गत अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों को वित्तीय वर्ष 2023-2024 में प्रवेश दिलाये जाने हेतु 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

● वर्तमान में प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा परिषद से सम्बन्धित सामान्य शिक्षा हेतु 2357 राजकीय, 4512 अशासकीय सहायता प्राप्त एवं 21,023 वित्त विहीन कुल 27.892 माध्यमिक विद्यालय तथा संस्कृत शिक्षा के लिये 2 राजकीय, 971 सहायता प्राप्त एवं 267 वित्त विहीन कुल 1240 विद्यालय संचालित है।

● माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से मान्यता प्राप्त अशासकीय सहायता प्राप्त एवं स्ववित्त पोषित विद्यालयों के भवनों के अनुरक्षण / सम्वर्द्धन के लिये विद्यालय की परिसम्पत्तियों का उपयोग करते हुये विद्यालयों की आय बढ़ाने की योजना प्रस्तावित है।

● केन्द्र सरकार की सहायता से पीएम श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इण्डिया) नामक नई योजना प्रदेश में क्रियान्वित किये जाने हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है।

● ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की नई योजना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था की गयी है।

● समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन हेतु 1003 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु प्रोजेक्ट अलंकार योजनान्तर्गत 500 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● संस्कृत विद्यालयों की परिसम्पत्तियों के सृजन हेतु 100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● माध्यमिक विद्यालयों में संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिये 10 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● स्ववित्त पोषित विद्यालयों में निर्धारित आय सीमा से कम आय वाले माता-पिता की दूसरी बच्ची की फीस प्रतिपूर्ति हेतु 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश में उच्च शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु वर्तमान में 19 राज्य विश्वविद्यालय, 01 मुक्त विश्वविद्यालय, 01 डीम्ड विश्वविद्यालय 30 निजी विश्वविद्यालय, 172 राजकीय महाविद्यालय, 331 सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय एवं 7372 स्ववित्त पोषित महाविद्यालय संचालित हैं।

● नैक रैंकिंग में लखनऊ एवं गोरखपुर विश्वविद्यालयों को ए-डबल प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है। इसी प्रकार के० जी०एम०यू० को भी नैक रैंकिंग में ए प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है।

● मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को ए श्रेणी प्राप्त हुई है। भारत में प्रथम बार किसी कृषि विश्वविद्यालय को नैक रैंकिंग प्रदान हुई है और यह श्रेय प्रदेश के कानपुर कृषि विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ है। प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में से एमिटी विश्वविद्यालय को ए-श्रेणी तथा शारदा विश्वविद्यालय, गलगोटिया विश्वविद्यालय एवं जी.एल.ए. विश्वविद्यालय को ए प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है।

● प्रदेश में प्रथम बार 11 विश्वविद्यालयों द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग की तैयारी कर सहभाग लिया है। चार विश्वविद्यालय विश्वस्तरीय रैंकिंग हेतु क्यू.आई.एस. रैंकिंग में भाग ले रहे हैं। विन्ध्याचल धाम मण्डल में माँ विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

● देवीपाटन मण्डल में माँ पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● मुरादाबाद मण्डल में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश में डिप्लोमा स्तरीय 201 राजकीय संस्थायें एवं 19 अनुदानित संस्थायें अर्थात 220 संस्थायें स्वीकृत हैं जिनमें से 168 संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

● 52 राजकीय पालीटेक्निक निर्माणाधीन / अवस्थापना की प्रक्रिया में हैं, जिन्हें निकट भविष्य में पी०पी०पी० मोड पर संचालित किया जाना है।

● वर्तमान में 1372 निजी क्षेत्र की डिप्लोमा स्तरीय संस्थाओं में छात्र / छात्राओं को प्रवेश दिया जा रहा है।

● वर्तमानतः राजकीय अनुदानित एवं निजी क्षेत्र की समस्त संस्थाओं को सम्मिलित करते हुये कुल प्रवेश क्षमता 223779 है। छात्र / छात्राओं को अधिक रोजगार तथा इमर्जिंग टेक्नोलाजी आधारित उद्योग हेतु मैनपावर उपलब्ध कराने के दृष्टिगत सत्र 2022-23 से New Age Course के अन्तर्गत 04 पाठ्यक्रम यथा डाटा साइंस एवं मशीन लर्निंग, इण्टरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सेक्यूरिटी एवं ड्रोन टेक्नोलाजी में शिक्षण प्रशिक्षण 21 राजकीय पालीटेक्निकों में प्रारम्भ किया गया है, जिसमें प्रवेश क्षमता 1575 है।

● राजकीय पॉलीटेक्निकों की स्थापना एवं अवस्थापना विकास हेतु क्रमश: 50 करोड़ रूपये एवं 33 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, गोण्डा, बस्ती, प्रतापगढ़ तथा मीरजापुर में कक्षाओं के संचालन हेतु 1.50-1.50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्राविधिक शिक्षा विद्यालयों/ अभियंत्रण संस्थाओं में पूर्व से निर्मित भवनों के जीर्णोद्वार एवं अनुरक्षण हेतु 2 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश में 305 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें विभिन्न व्यवसायों की 1,72,872 सीटें उपलब्ध हैं।

● प्रदेश के विभिन्न राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में से 47 में महिलाओं के प्रशिक्षण हेतु महिला शाखा संचालित कराई जा रही है। सम्पूर्ण प्रदेश में महिलाओं हेतु 12 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्वतन्त्र रूप से संचालित हो रहे हैं।

● सम्पूर्ण प्रदेश में 2963 से अधिक निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें 4.58 लाख से अधिक सीटें युवाओं के प्रशिक्षण हेतु उपलब्ध हैं।

● टाटा टेक्नोलॉजीज लि० की सहभागिता से प्रदेश के राजकीय क्षेत्र के 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के तकनीकी उन्नयन की योजना के अन्तर्गत आधुनिक कार्यशालाओं एवं कक्षा कक्षों का निर्माण कराया जा रहा है।

● परियोजना की लागत 5000 करोड रूपये से अधिक है जिसमें 88 प्रतिशत अंश टाटा टेक्नोलाजी लि० द्वारा तथा 12 प्रतिशत अंश राज्य सरकार द्वारा लगाया जायेगा।

● इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा परियोजना हेतु 10 हजार वर्ग फीट क्षेत्रफल में कार्यशाला, प्रशिक्षण कक्ष इत्यादि के निर्माण के लिये 477 करोड़ रूपये का व्यय वहन किया जायेगा।

● वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में परियोजना के लिए 940 करोड़ रूपये की व्यवस्था करायी गयी है। परियोजना के फलस्वरूप प्रतिवर्ष लगभग 30,000 छात्र प्रशिक्षित होंगे।

● कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु 150करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण योजना हेतु 70 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● केन्द्र प्रायोजित स्ट्राइव योजना के अन्तर्गत 29 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उच्चीकरण कराया जायेगा। इस हेतु 35 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● खेलो इंण्डिया यूनिवर्सिटी गेम्स के लिये 30 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश में निजी सहभागिता से खेल अवस्थापनाओं के निर्माण हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार योजना हेतु 15 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● खेल विकास कोष की स्थापना हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● जनपद मेरठ में मेजर ध्यान चन्द्र खेल विश्वविद्यालय की स्थापना किये जाने के संबंध में त्वरित गति से कार्यवाही की जा रही है। खेल विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● सहारनपुर, फतेहपुर एवं बलिया में स्पोर्टस कालेज के निर्माण हेतु 20 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● हमारी सरकार के पहले की सरकारों का रवैया प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के प्रति घोर उपेक्षा का रहा। प्रदेश में एक ऐसा माहौल बना दिया गया था कि अपनी प्राचीन धार्मिक आस्था को प्रकट करना अपराध की श्रेणी में आ गया था। जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के पुरूत्थान का अभियान प्रारम्भ किया तो उनका विरोध भी किया गया। कर्मयोगी और पराक्रमी पुरुष विरोध और अवरोध को पराभूत कर अपना मार्ग बनाना जानते हैं।

मैं पंछी तूफानों में राह बनाता
मेरा राजनीति से केवल इतना नाता
तुम मुझे रोकते हो अवरोध बिछाकर
मैं उसे हटाकर आगे बढ़ता जाता

● काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर में वैदिक विज्ञान केन्द्र की स्थापना का कार्य किया गया। वर्तमान में वैदिक विज्ञान केन्द्र में वैदिक गणित, वैदिक विज्ञान एवं वैदिक न्याय शास्त्र सहित, शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक गतिविधियां संचालित की जा रही है।

● जनपद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण के फलस्वरूप पर्यटकों की संख्या में सम्भावित वृद्धि के दृष्टिगत 03 पहुँच मार्गों का चौड़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य तथा 06 स्थानों पर पार्किंग तथा जनसुविधाओं के विकास का कार्य किया जा रहा है जिन्हें आगामी 02 वर्षों में पूर्ण करने का लक्ष्य है।

● जनपद मीरजापुर में प्रसिद्ध माँ विन्ध्यवासिनी देवी मन्दिर, माँ अष्टभुजी देवी मन्दिर एवं काली खोह मन्दिर का जीर्णोद्धार एवं सौन्दर्यीकरण कराये जाने तथा त्रिकोणीय परिक्रमा पथ को विकसित किये जाने की कार्यवाही गतिमान है।

● जनपद अयोध्या एवं चित्रकूट की भाँति जनपद प्रयागराज में भजन सध्या स्थल की स्थापना का प्रस्ताव है। भजन संध्या स्थल की स्थापना हो जाने से तीर्थ क्षेत्र प्रयागराज में श्रद्धालुओं की सुविधा प्राप्त होगी। इसके साथ सांस्कृतिक विकास का कार्य भी किया जा सकेगा।

● नैमिषारण्य में वैदिक विज्ञान, सीतापुर जिले का एक प्रसिद्ध तप स्थल अध्ययन केन्द्र की स्थापना किये जाने का प्रस्ताव है। वेद विज्ञान अध्ययन केन्द्र की स्थापना से वेदों एवं पुराणों में संरक्षित ज्ञान को आम जन के बीच ले जाने हेतु अध्ययन कार्य किया जायेगा।

● उत्तर प्रदेश में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं है। प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन विकास के लिये आधारभूत संरचाओं में वृद्धि की गयी है। इससे पर्यटन वृद्धि के राजस्व में वृद्धि होने के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन भी हो रहा है।

● उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में 24 करोड़ 87 लाख से अधिक पर्यटक आए, जिनमें भारतीय पर्यटकों की संख्या 24 करोड़ 83 लाख एवं विदेशी पर्यटकों की संख्या 04 लाख 10 हजार से अधिक रही है।

● स्पिरिचुअल सर्किट योजना के अन्तर्गत गोरखपुर- देवीपाटन डुमरियागंज का पर्यटन विकास, स्पिरिचुअल सर्किट योजना के अन्तर्गत जेवर दादरी सिकन्दराबाद नोएडा – खुर्जा बाँदा का समेकित पर्यटन विकास, जनपद मथुरा स्थित गोवर्धन के पर्यटन विकास हेतु स्वीकृत योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

● अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, विन्ध्याचल, प्रयागराज, नैमिषारण्य, गोरखपुर, मथुरा, बटेश्वर धाम एवं अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों का पर्यटन विकास एवं सौन्दर्यीकरण के कार्य कराये जा रहे हैं।

● मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजनान्तगत प्रदेश में स्थित पर्यटन स्थलों का विकास 300 करोड़ रूपये की धनराशि से कराया जा रहा है।

● शक्ति पीठ माँ शाकुम्भरी देवी मन्दिर के समेकित पर्यटन विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रयागराज के समेकित विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● पर्यटन नीति 2018 के अर्न्तर्गत पर्यटन इकाईयों को प्रोत्साहन हेतु 45 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● बौद्ध परिपथ के समेकित पर्यटन विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● बुन्देलखण्ड का समेकित पर्यटन विकास हेतु 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● शुकतीर्थ धाम का समेकित पर्यटन विकास हेतु 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश में युवा पर्यटन को बढ़ावा देना हेतु 2 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म, लखनऊ बोर्ड की स्थापना हेतु 2.50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। अन्तराष्ट्रीय / राष्ट्रीय स्तर के मेगा इवेन्ट हेतु 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद हेतु 2.50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● वर्तमान में उत्तर प्रदेश में वनावरण एवं वृक्षावरण प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र का 9.23 प्रतिशत है। वर्ष 2030 तक वनावरण एवं वृक्षावरण 15 प्रतिशत तक किये जाने का लक्ष्य है।

● उत्तर प्रदेश में वनावरण एवं वृक्षावरण में वृद्धि हेतु विभिन्न योजनाओं में सड़क, रेलवे लाईन, नहरों के किनारे की भूमि तथा कृषकों की निजी भूमि पर वृहद स्तर पर वृक्षारोपण की कार्य योजना है।

● वर्षाकाल – 2023 में वृक्षारोपण हेतु 35 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य प्रस्तावित है।

● सामाजिक वानिकीकरण योजना हेतु 600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। पौधशाला प्रबन्धन योजना हेतु 175 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● ग्रीन इण्डिया मिशन के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश में ईको टूरिज्म के विकास हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● लखनऊ स्थित कुकरैल वन क्षेत्र में नाइट सफारी पार्क की स्थापना के लिये 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● पिछड़ा वर्ग के पूर्वदशम एवं दशमोत्तर कक्षाओं के छात्र / छात्राओं को छात्रवृत्ति हेतु 2107 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। अनुसूचित जाति के छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति हेतु 962 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● सामान्य वर्ग के छात्र / छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान किये जाने हेतु 530 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति हेतु 34 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● पूर्व से निर्माणाधीन समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों के अवशेष कार्यों हेतु कुल 20.60 करोड़ रूपये तथा निर्मित समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों में फर्नीचर, उपकरण आदि की व्यवस्था हेतु 8.64 करोड़ रूपये की धनराशि प्रस्तावित है।

● मानिसिक मंदित एवं मानसिक रूप से रुग्ण निराश्रित दिव्यांगजन के लिए आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केन्द्र हेतु स्वैच्छिक संगठनों को सहायता प्रदान किये जाने हेतु 10 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना हेतु प्रथम चरण में 29 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● पूर्वदशम कक्षाओं (कक्षा 9 एवं 10) में अध्ययनरत अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र / छात्राओं हेतु योजनान्तर्गत छात्र / छात्राओं जिनके अभिभावकों की अधिकतम वार्षिक आय ऐसे 2.50 लाख रूपये हैं, को अधिकतम रूपये 3000/- वार्षिक की छात्रवृत्ति से लाभान्वित किये जाने का प्राविधान है ।

● दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र / छात्राओं जिनके अभिभावकों की अधिकतम वार्षिक आय 2 लाख रूपये तक है।

● अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में लड़कियों की बेहतर शिक्षा के लिये अब तक 24 छात्रावासों एवं 11 विद्यालय भवनों का निर्माण पूर्ण कराया जा चुका है ।

● वित्तीय वर्ष 2023 2024 में छात्रावास निर्माण / विद्यालय भवन निर्माण हेतु 6 करोड़ 81 लाख रूपये का बजट प्रावधान किया गया है।

● मदरसों / मकतबों में आधुनिक विषयों की शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की गयी है। योजना के अन्तर्गत मदरसों / मकतबों में आधुनिक विषयों (हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान आदि) को पढ़ाने के लिये स्नातक शिक्षक को रूपये 6000/- प्रति माह, परास्नातक के साथ बी०एड० शिक्षकों को रूपये 12,000 /- प्रतिमाह की दर से मानदेय के भुगतान की व्यवस्था है।

● इसके अतिरिक्त बुक बैंक की स्थापना हेतु रूपये 50,000 विज्ञान एवं गणित किट हेतु रूपये 15,000 आलिया तथा उच्च आलिया स्तर के मदरसों के लिए कम्प्यूटर लैब की स्थापना हेतु 1 लाख रूपये प्रति मदरसा का अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है।

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