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रूस के आक्रमण में यूक्रेन के 202 स्कूल, 34 अस्पताल तबाह

यूक्रेन ने दावा किया है कि रूस के आक्रमण में 202 से ज्यादा स्कूल और 34 अस्पताल पूरी तरह तबाह हो गए हैं। इसके अलावा 1500 से ज्यादा आवासीय भवनों को भी नुकसान पहुंचा है। साथ ही सार्वजनिक परिवहन को करीब 10 अरब डॉलर की क्षति हुई है। यूक्रेन का कहना है कि उसकी सेना ने खार्किव में एक रूसी मेजर जनरल को मार गिराया है।रूस-यूक्रेन जंग के बीच राष्ट्रपति जेलेंस्की आज ब्रिटेन की संसद को संबोधित करेंगे। वह वर्चुअली हाउस ऑफ कॉमन्स का हिस्सा होंगे। वह यूक्रेन के लिए हथियार और नो फ्लाई जोन की मांग कर सकते हैं।रूस ने यूक्रेन के कई सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि हवाई हमले में उसने यूक्रेन के 26 सैन्य ढांचों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।

इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी का कहना है कि रूस की गोलीबारी में यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खार्किव में परमाणु ऊर्जा केंद्र को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, अभी तक किसी भी प्रकार के रेडिएशन की सूचना नहीं है। युद्ध के 13वें दिन यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने खार्किव में एक रूसी जनरल को मार गिराया है। उसकी पहचान मेजर जनरल विटैली गेरासिमोव के रूप में हुई है। हालांकि रूस ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। फिलहाल कीव इलाके के इरपिन में लड़ाई जारी है। मकारोव, गोस्टोमेल जिलों में बमबारी हो रही है। वासिल्कोव, बिला तसेरकवा, गोस्टोमेल, यूज़ीन में लगातार खतरे के सायरन बज रहे हैं। खेरसों में आज सुबह धमाकों की तेज आवाज आई और जितोमीर में तेल डिपो को निशाना बनाया गया था।

यूएनएचआरसी का दावा- युद्ध में आम यूक्रेनी गवां रहे अपनी जान, अबतक 406 की मौत

यूक्रेन पर रूस के हमले में आम यूक्रेनी नागरिकों की मौत हो रही है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने सोमवार को कहा कि अब तक 406 आम नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि रविवार की मध्यरात्रि तक 801 लोगों के घायल होने की भी पुष्टि हुई है। कार्यालय ने कहा कि विशेष रूप से सरकार नियंत्रित क्षेत्रों में हताहतों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक हो सकती है। गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का आज 12 वां दिन है। तकरीबन दो सप्ताह के बाद भी यूक्रेन के सैनिक रूस की ताकतवर फौज के आगे डटे हुए हैं। हालांकि यूक्रेन पश्चिमी देशों से अभी भी मदद की उम्मीद कर रहा है। इस बीच रूस ने यूक्रेन में अपनी सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए चार शर्तें रखी हैं। जिसमें सैन्य कार्रवाई बंद करने, तटस्थ बने रहने के लिए संविधान में बदलाव, क्रीमिया को रूसी क्षेत्र के रूप में मान्यता देने और डोनेत्स्क और लुहांस्क को अलग स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता देना शामिल है।

रूस के खिलाफ ‘गुरिल्ला युद्ध’ लड़ रहे यूक्रेनी सैनिक, घात लगा टैंकों के काफिले पर कर रहे हमला

यूक्रेन पर रूस के हमले के 12वें दिन यूक्रेनी सेना ने गुरिल्ला युद्ध छेड़ दिया है। छोटी-छोटी टुकडि़यों में घात लगाकर हमला करने की रणनीति रूसी सेना को बहुत नुकसान पहुंचा रही है। रूसी बख्तरबंद गाडि़यां और टैंक नष्ट को नष्ट होने के बाद रूसी सैनिकों को यूक्रेनी सेना के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ रहा है।यूक्रेन में शानिवार को आत्मसमर्पण करने वाले ऐसे ही करीब दर्जनभर रूसी सैनिक ने अपनी टीम पर हुए घातक हमले का ब्योरा साझा किया है। रूसी टैंक यूनिट की तरफ से लड़ रहे लेफ्टिनेंट दिमित्री कोवालेंस्की ने यूक्रेनी सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में कहा कि पूर्वोत्तर यूक्रेन के सुमी से हमारा काफिला गुजर रहा था। तभी सैन्य ड्रोन व एंटी टैंक मिसाइल से हम पर हमला होने के बाद हमारा पूरा काफिला जल गया।कोवालेंस्की व अन्य सैनिकों को यूक्रेन तथा पश्चिमी देशों के दावों की पुष्टि के लिए प्रेस कांफ्रेंस में प्रस्तुत किया गया था। इससे जाहिर होता है कि रूस को काफी नुकसान हो रहा है, लेकिन पश्चिमी सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि रूसी सैन्य बल और बड़ी संख्या में अत्याधुनिक हथियारों की उपलब्धता स्थितियों में बड़ा बदलाव ला सकती है।

रूस ने यूक्रेन के कई मोर्चो पर एकसाथ बड़ा हमला बोला है। उसके सैनिकों व सैन्य वाहनों का काफिला काफी लंबा होता है। दूसरी तरफ, यूक्रेन के लेफ्टिनेंट येवगेनी यारंतसेव कहा कि हमारे सैनिक रूस से अलग तरीके से लड़ रहे हैं। हम सैनिकों की छोटी और फुर्तीली इकाइयां बना रहे हैं, जो रूसी टैंकों के लंबे काफिले पर घात लगाकर हमला करती हैं। पूर्वी यूक्रेन में रूस के खिलाफ पहले भी लड़ चुके यारंतसेव कहते हैं कि उनके पास बड़ी संख्या में टैंक उपलब्ध हैं और हमारे पास एंटी टैंक हथियार है। खुले मैदान में मुकाबला फिर भी समान होता लेकिन शहर में लड़ाई आसान होती है। कोवालेंस्की ने बताया कि रूसी सैनिकों को आगे बढ़ने का निर्देश तो दे दिए गए थे, लेकिन सार्जेट व उससे नीचे रैंक के जवानों से यह नहीं बताया गया था कि जाना कहां है। यूक्रेन की सीमा पार करने के बाद ही उन्हें वस्तुस्थिति का पता चला।बंदी बने रूसी सैनिकों के बयान के अनुसार यूक्रेन ने अमेरिका व पश्चिमी देशों से मिले हथियारों का बेहतर इस्तेमाल किया है। जैवलिन जैसी अमेरिकी मिसाइलों ने रूस को काफी नुकसान पहुंचाया है। हालांकि, स्वतंत्र विश्लेषक दूसरी परेशानियों की ओर भी इशारा करते हैं, जिनमें रसद व ईंधन की कमी शामिल है।

रूस ने की युद्ध विराम की घोषणा, मानवीय कारिडोर के जरिए लोगों को निकाला जाएगा

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का आज 13वां दिन है। बेलारूस में रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडलों के बीच सोमवार को तीसरे दौर की वार्ता संपन्न हुई। लेकिन इस वार्ता में कोई खास नतीजा नहीं निकला। हालांकि, ये माना जा रहा है कि जल्द ही दोनों देशों के बीच चौथे दौर की वार्ता होगी। साथ ही रूस ने मंगलवार को कीव, चेर्निहाइव, सुमी, खार्किव और मारियुपोल शहरों में मानवीय कारिडोर को खोलने के लिए युद्ध विराम की घोषणा की है। यूक्रेन में मास्को के समय अनुसार मंगलवार सुबह 10 बजे से युद्ध विराम की घोषणा की गई है। भारत में रूसी दूतावास ने बताया कि, यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए आज दोपहर 12ः30 बजे(भारतीय समयानुसार) से सीजफायर रहेगा। इस दौरान लोगों को निकालने के लिए मानवीय कॉरिडोर बनाया जाएगा। कीव इंडिपेंडेंट ने यूक्रेन के सशस्त्र बलों के कमांडर वेलेरी जालुजनी के हवाले से बताया कि यूक्रेन के वायु रक्षा बलों ने कीव के ऊपर रूसी विमान को मार गिराया है। यहीं नहीं, यूक्रेन के कीव इंडिपेंडेंट ने जानकारी दी है कि रूसी मेजर जनरल वाइटली गेरासिमोव को खारकीव के करीब मार गिराया गया है। वहीं. रूस-यूक्रेन की स्थिति पर संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा है कि रूस से तेल आयात पर प्रतिबंध को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा पिछले महीने विशेष सैन्य अभियान की घोषणा के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं।

सूमी में फंसे भारतीय विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा सुरक्षित गलियारा : तिरुमूर्ति

युद्धरत रूस व यूक्रेन से बार-बार आग्रह के बाद भी पूर्वी यूक्रेन के सूमी शहर में फंसे भारतीय विद्यार्थियों की निकासी के लिए सुरक्षित गलियार नहीं मिल पा रहा है। इस पर चिंता जताते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सूचित किया है।यूक्रेन से भारत अब तक 20 हजार से ज्यादा नागरिकों को निकाल लाया है, लेकिन सूमी में सुरक्षित रास्ता नहीं मिलने से परेशानी हो रही है। भारत ने निकासी गलियारा देने के लिए जंगरत दोनों देशों से आग्रह किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई दूत टीएस तिरुमूर्ति ने सोमवार को सुरक्षा परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हम शत्रुता खत्म करने का लगातार आह्वान कर रहे हैं। यह बैठक यूक्रेन में मानवीय हालात पर विचार करने के लिए हुई थी।

उन्होंने कहा कि हम यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों समेत सभी नागरिकों को सुरक्षित व निर्बाध रूप से तत्काल निकालने की मांग कर रहे हैं। तिरुमूर्ति ने कहा कि हम इस बात से चिंतित हैं कि दोनों पक्षों से बार-बार आग्रह करने के बाद भी सूमी में फंसे हमारे विद्यार्थियों को तत्काल सुरक्षित गलियारा प्रदान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत अब तक 20 हजार भारतीयों को यूक्रेन से सुरक्षित वापस लाने में कामयाब रहा है। संपर्क करने पर हमने अन्य देशों के नागरिकों की भी मदद की है। उन्हें उनके देशों में छुड़वाने में मदद की गई। आने वाले दिनों में भी हम इसके लिए तैयार हैं। 80 से ज्यादा उड़ानों के माध्यम से यूक्रेन से भारतीयों को निकाला गया है। इस काम में मदद के लिए हम यूक्रेन व उसके पड़ोसी देशों द्वारा की गई सहायता की तारीफ करते हैं।

सूमी में 700 फंसे, भीषण संघर्ष जारी

सूमी में भारत के करीब 700 विद्यार्थी फंसे हुए हैं। वहां रूसी व यूक्रेनी सेना के बीच कई दिनों से भीषण संघर्ष चल रहा है। भारी बमबारी व हवाई हमलों के कारण भारत इन्हें नहीं निकाल पा रहा है। युद्ध प्रभावित यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए, भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन गंगा’ शुरू किया है। इसके जरिए यूक्रेन में फंसे हजारों लोगों, जिनमें बड़ी संख्या में विद्यार्थी हैं, निकाला गया है। इन्हें यूक्रेन के पश्चिमी सीमाओं की सीमा से लगे देशों से निकाला गया है। हालांकि यूक्रेन के पूर्वी हिस्से से निकासी चुनौती बनी हुई है।

यूक्रेन का बड़ा दावा : पुतिन के ट्रम्प कार्ड मेजर जनरल विटैली गेरामिसोव को किया ढेर

रूस-यूक्रेन के बीच तीसरे चरण की बातचीत भी बेनतीजा रही है। दोनों देश संघर्ष विराम के लिए तैयार नहीं हैं। हालांकि, युद्धग्रस्त क्षेत्रों से आम नागरिकों को निकालने के लिए रूस की ओर से कुछ शहरों सीजफायर का एलान जरूर कर दिया है। इसके बावजूद जंग 13वें दिन में पहुंच चुकी है। इस बीच यूक्रेन की ओर से बड़ा दावा किया गया है।यूक्रेनी सेना के खुफिया विभाग की ओर से दावा किया गया है कि, दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में उन्होंने रूसी जनरल को मार गिराया है। खास बात यह है कि, यह कोई सेना का आम जनरल नहीं है, बल्कि यह पुतिन की सेना का ट्रम्प कार्ड है। हालांकि,अभी तक रूस की ओर से इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की गई है। यूक्रेन की ओर से कहा गया है कि, खारकीव में मारे गए रूसी मेजर जनरल की पहचान विटैली गेरामिसोव के रूप में हुई है। यह वही सैन्य अधिकारी है, जिसने क्रीमिया और चेचन की जंग में भी भाग लिया था। यहां तक कि, सीरिया के खिलाफ भी इस मेजर जनरल ने रूस की ओर से लड़ाई लड़ी थी।

अब सीरियाई लड़ाके उतारेंगे पुतिन

यूक्रेन की जंग जीतने और कीव पर कब्जे के लिए अब रूस की ओर से सीरियाई लड़ाके जंग में उतारे जा सकते हैं। पेंटागन की ओर से दावा किया गया है कि, रूस सीरियाई लड़ाकों को यूक्रेन भेजने की तैयारी कर रहा है। हालांकि, कितने लड़ाके यूक्रेन में जाएंगे, इसका पता नहीं चल पाया है, लेकिन यह तय है कि ऐसी एक टुकड़ी यूक्रेन में प्रवेश की तैयारी कर रही है। इन लड़ाकों की खास बात यह है कि, ये शहरी क्षेत्रों में जंग के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित होते हैं। उधर, यूक्रेन के खारकीव में एक परमाणु अनुसंधान केंद्र पर भी हमले की खबर है।

यूक्रेनी सेना का साथ देने इंटरनेशनल लीजन में शामिल हुआ भारतीय छात्र

रूस के यूक्रेन पर हमले लगातार जारी हैं, इसी बीच भारत के तमिलनाडु का एक युवक रूस के खिलाफ जंग के लिए यूक्रेनी सेना में शामिल हुआ है। खास बात ये है कि युवक पहले भारतीय सेना में शामिल होने के लिए परीक्षा भी दे चुका है, लेकिन वह उसमें पास नहीं हो पाया था। दरअसल, रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन को दुनिया के तमाम देशों का समर्थन मिल रहा है। ऐसे में यूक्रेन ने नई यूनिट International Legion बनाने का ऐलान किया था। खास बात ये है कि इसमें रूस का सामना करने के लिए अन्य देशों के लोग शामिल हो रहे हैं। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि हमें विदेशी नागरिकों के हजारों आवेदन मिल रहे हैं, जो रूस का सामना करने के लिए हमारे साथ आना चाहते हैं और दुनिया की रक्षा करना चाहते हैं।

बताया जा रहा है कि यूक्रेनी सेना की नई यूनिट में कई देशों के युवक शामिल हुए हैं। यूक्रेन की सेना के मुताबिक, इस यूनिट में अमेरिका, यूके, स्वीडन, लिथुआनिया, मैक्सिको और भारत के युवक शामिल हुए हैं।सैनीकेश रविचंद्रन 21 साल का है, वह कोयंबटूर का रहने वाला है और उसने रूस के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए यूक्रेनी सेना जॉइन की है। उधर, भारतीय अधिकारियों ने भी कोयंबटूर में युवक के माता-पिता से पूछताछ की है। इस दौरान पता चला कि युवक पहले भारतीय सेना में शामिल होने के लिए परीक्षा दे चुका है। सैनीकेश 2018 में यूक्रेन गया था। उसने खारकीव में नेशनल एयरोस्पेस यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था। उसका कोर्स जुलाई 2022 में पूरा होना था, लेकिन रूस से युद्ध के समय घरवालों का संपर्क सैनीकेश से टूट गया। जब परिजनों ने दूतावास से मदद मांगी तो बेटे से संपर्क हो पाया। सैनीकेश ने अपने माता पिता को यूक्रेनी सेना में शामिल होने की जानकारी दी।

यूक्रेन ने रूस से तीसरे दौर की वार्ता को बताया सकारात्मक, मानवीय गलियारों को लेकर हुई चर्चा

रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडलों के बीच सोमवार को बेलारूस में तीसरे दौर की वार्ता संपन्न हुई। इसमें शहरों में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए मानवीय गलियारों पर रूपरेखा बनाई गई। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही दोनों देशों के बीच चौथे दौर की वार्ता होगी। बैठक के बाद यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि बैठक में सकारात्मक नतीजे दिखे वहीं रूसी समकक्षों ने कहा कि उनकी उम्मीदों पर यह बातचीत खरी नहीं उतरी। इससे पहले हुए दो दौर की वार्ता भी असफल रही है। रूस की ओर से बताया गया कि चौथे दौर की वार्ता बेलारूस में की जाएगी और फिलहाल इसके लिए तारीख निश्चित नहीं है हो सकता है कि यह कल ही आयोजित की जाए। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के सलाहकार माइखैलो पोडोलयाय ने कहा कि सुरक्षित कारिडोर को लेकर कुछ सकारात्मक संकेत मिले हैं। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक गुरुवार को टर्की में होगी। यह जानकारी देश के शीर्ष राजनयिक ने दी। अंतरराष्ट्रीय अदालत में भी यूक्रेन ने रूसी हमलों पर रोक के लिए गुहार लगाई है। उल्लेखनीय है कि पश्चिमी देशों से यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई की जा रही ।

यूक्रेन में राजधानी कीव सहित कई शहरों में सोमवार को टैंक शांत रहे । परिणामस्वरूप इन शहरों में हवाई हमले से लोगों को सावधान करने वाले सायरन की आवाज से भी लोग बेचैन नहीं हुए। लेकिन यह सब अस्थायी था। रात घिरते ही आशंकाएं फिर सिर उठाने लगीं, हालांकि हमले की व्यथित करने की सूचनाएं अभी नहीं आई हैं। रूस ने सोमवार को युद्ध क्षेत्र में फंसे यूक्रेनी लोगों को निकालने के लिए नया गलियारा (कारिडोर) बनाने की घोषणा की। इस गलियारे से कीव से लोगों को बेलारूस और खार्कीव के लोगों को रूस ले जाना था। लेकिन यूक्रेन सरकार ने इस गलियारे से लोगों को देश से बाहर भेजने से इन्कार कर दिया। यूक्रेन ने इसे रूस का अनैतिक दिखावा करार दिया है। रूस ने यह एलान लगातार दो दिन संघर्षविराम विफल होने के बाद किया था।

अमेरिका और रूस में कच्चे तेल के व्यापार को लेकर घमासान, जर्मनी ने की तौबा

अमेरिका और रूस के बीच कच्चे तेल के कारोबार को लेकर जंग छिड़ गई है। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्रि पेसकोव में धमकी दी है कि अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस के कच्चे तेल के आयात पर रोक लगाई तो रूस जर्मनी को नोर्ड स्ट्रीम दो पाइपलाइन से निर्यात की जाने वाली गैस की सप्लाई बंद कर देगा। सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने फ़्रांस, जर्मनी और इंग्लैंड के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से बातचीत कर रूस से आयातित कच्चे तेल पर प्रतिबंध लगाए जाने का आग्रह किया था। अमेरिकी कांग्रेस में सत्ताधारी डेमोक्रेट और विपक्ष में रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने रूस से तेल के आयात को लेकर व्हाइट हाउस पर दबाव बनाते हुए कांग्रेस में विधेयक लाने की बात की थी। अमेरिका अपनी तेल की कुल खपत का सात प्रतिशत तेल रूस से आयात करता है। बता दें कि आर्थिक प्रतिबंधों के सिलसिले में अमेरिका और पश्चिमी देशों ने ईंधन और कुछ औद्योगिक उत्पादों को प्रतिबंधों की सूची से बाहर रखा था।

न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार जर्मनी के चांसलर ओलैफ़ शोलज ने जो बाइडन से दो टूक शब्दों में कहा कि वह रूस से आयातित 40 प्रतिशत गैस पर निर्भर हैं, जिसका फ़िलहाल कोई विकल्प नहीं है। रूस के उप प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर नोवाक ने तेल की आपूर्ति में व्यवधान होने पर गैस आपूर्ति बंद करने की धमकी भी दे दी है।स्विट्ज़रलैंड ने भी यह कहकर अपनी असमर्थता जताई कि वह रूस के आयातित ईंधन, धातु, अनाज पर निर्भर हैं। स्विट्ज़रलैंड में जेनेवा और जुग में रूस की तीन ईंधन कंपनियों गलूकोर, गुन्वॉर और मेरकुइर के दफ़्तर हैं, जहां 10 हज़ार लोग काम करते हैं।इस संदर्भ में अमेरिका ने साफ किया है कि यूरोपीय देश ईंधन पर प्रतिबंध नहीं लगाते हैं तो वह एकाकी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होंगे।यह भी कहा जा रहा है कि रूस के कच्चे तेल की आपूर्ति बंद की गई तो 50 लाख बैरल कच्चे तेल की कमी होगी, जिससे अंतरराष्ट्रीय मार्केट में तेल की क़ीमतें दो सौ डॉलर प्रति बैरल हो जाएगी।

ऑस्ट्रेलिया ने रूस के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाए

ऑस्ट्रेलिया ने यूक्रेन में रूस के हमले को गंभीरता से लेते हुए नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। यह जानकारी ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने ने दी है।उन्होंने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया ने रूस के सशस्त्र बलों, छह सैन्य कमांडर्स और 10 व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाया है। अब रूस के सशस्त्र बलों पर लक्षित वित्तीय प्रतिबंध लगेंगे। साथ ही यूक्रेन पर नौसैनिक, जमीन पर और हवाई हमले करने के लिए जिम्मेदार अतिरिक्त छह वरिष्ठ रूसी सैन्य कमांडर की ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर रोक रहेगी। विदेश मंत्री मारिस पायने ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार यूक्रेन के प्रति शत्रुता को बढ़ावा देने और क्रेमलिन समर्थन में प्रचार को बढ़ावा देने में भूमिका के लिए रूस के 10 नागरिकों के खिलाफ भी प्रतिबंध लगा रही है।

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