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यूक्रेन संकट : यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र पर रूस का कब्जा,राजधानी कीव पर कसा शिकंजा

यूक्रेन के खारकीव में रूस ने बरसाए बम, दो बच्चों सहित आठ की मौत

कीव । रूस के सैन्य बलों ने यूक्रेन स्थित यूरोप के सबसे बड़े जापुरीझझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के आसपास के क्षेत्र को अपने नियंत्रण में ले लिया है। रूस ने इस आधिकारिक जानकारी से अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) को अवगत करा दिया है। यह जानकारी आईएईए के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने बुधवार को दी है। महानिदेशक ग्रॉसी को 1 मार्च को लिखे एक आधिकारिक पत्र में वियना में इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन्स के लिए रूसी फेडरेशन के स्थायी मिशन ने यह भी कहा कि संयंत्र पर अधिकारी परमाणु सुरक्षा मुहैया कराने एवं रेडिएशन की निगरानी करने का अपना काम जारी रखे हुए हैं। रेडिएशन का स्तर सामान्य बना हुआ है।

इससे पूर्व, 1 मार्च को यूक्रेन ने आईएईए को सूचित किया था कि उसके सभी परमाणु ऊर्जा संयंत्रों पर राष्ट्रीय ऑपरेटर का नियंत्रण बरकरार है। बुधवार सुबह में अपडेट देते हुए स्टेट न्यूक्लियर रेगुलेटरी इंस्पेक्टोरेट ऑफ यूक्रेन (एसएनआरआईयू) ने कहा कि वह देश की परमाणु सुविधाओं के संपर्क में बना हुआ है। उसने यह भी बताया कि एनपीपी सामान्य रूप से काम कर रहा है। उल्लेखनीय है कि जापुरीझझिया संयंत्र यूक्रेन के 15 परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों में सबसे बड़ा है। आईएईए के महानिदेशक ग्रॉसी लगातार इस बात पर जोर देते आए हैं कि यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने वाले किसी भी सैन्य या अन्य कदम से बचना चाहिए।

यूक्रेन संकट का 8वां दिन, खेरसोन पर रूस के कब्जे की खबर, राजधानी कीव पर कसा शिकंजा

नई दिल्ली । यूक्रेन पर रूस के हमले के आठवें दिन गुरुवार को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण यूक्रेनी शहर खेरसोन पर रूसी सेना के कब्जे की खबर है। खेरसोन के मेयर इगोर कोल्यखेव ने इसकी पुष्टि की है लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने बयान जारी कर कहा है कि वहां लड़ाई जारी है। खेरसोन के मेयर इगोर कोल्यखेव ने इस बात की पुष्टि की है कि रूसी सेना पोर्ट सिटी पर कब्जा कर चुकी है। क्रीमियन प्रायद्वीप के उत्तर-पश्चिम स्थित खेरसोन रूस के लिए रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है।

इसपर कब्जे से रूसी सेना को यूक्रेन के दक्षिणी तट पर अधिक नियंत्रण और ओडेसा शहर की ओर से पश्चिम दिशा की तरफ बढ़ने में मदद मिलेगी। जानकारी है कि रूस की सेना ने यूक्रेन की राजधानी कीव को भी चारों तरफ से घेर लिया है। कीव के एक रेलवे स्टेशन पर मिसाइल दागी गयी है। उधर, बुधवार रात संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन से रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया जिसमें पक्ष में 141 जबकि विरोध में पांच मत पड़े। रूस के पक्ष में मतदान करने वाले देशों में रूस, बेलारूस, नॉर्थ कोरिया, इरीट्रिया और सीरिया शामिल हैं। भारत सहित 35 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया।

यूक्रेन के खारकीव में रूस ने बरसाए बम, दो बच्चों सहित आठ की मौत

यूक्रेन पर रूस के हमले में अब दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर पूरा जोर लगाया जा रहा है। रूस ने बड़ी संख्या में खारकीव पर बम बरसाए हैं। इस हमले में दो बच्चों सहित आठ लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है। यह संख्या अधिक भी होने की आशंका है।यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर कब्जे के लिए रूस की सेना पिछले तीन दिनों से संघर्षरत है। अब एक साथ सैकड़ों बम खारकीव पर बरसाए गए हैं। खारकीव के इज़ीयम इलाके में रात भर रूस की ओर से की गई गोलाबारी में दो बच्चों समेत आठ लोगों की मौत होने की जानकारी सामने आयी है। कल ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने ऐसी आशंका को भांप कर भारतीयों को तुरंत खारकीव छोड़ने के निर्देश दिए थे। अब यूक्रेन से भारतीयों की वापसी तेज हो गयी है। गुरुवार को 18 उड़ानों से 3726 भारतीय वापस लौटेंगे।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ऑपरेशन गंगा के तहत बुखारेस्ट से आठ उड़ानें, सुसेवा से दो, कोसिसे से एक, बुडापेस्ट से पांच और रेजजो से तीन उड़ानें संचालित की जाएंगी। इस बीच दुनिया भर से यूक्रेन को मदद का सिलसिला भी तेज हो गया है। जर्मनी ने यूक्रेन को 2700 एंटी एयर मिसाइल देने का एलान किया है। इनकी आपूर्ति जल्द की जाएगी। उधर दुनिया में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को लेकर गुस्सा भी बढ़ रहा है। पेरिस म्यूजियम से पुतिन की मोम की प्रतिमा हटा दी गयी है। पेरिस में ग्रीविन संग्रहालय के निदेशक ने पुतिन की प्रतिमा को हटाने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि हमने कभी ग्रीविन संग्रहालय में हिटलर जैसे तानाशाहों का प्रतिनिधित्व नहीं किया है, हम आज पुतिन का प्रतिनिधित्व नहीं करना चाहते हैं।

रूस का दावा- भारतीय छात्रों को ढाल बनाने के लिए यूक्रेन ने किया कैद

रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि यूक्रेन भारतीय छात्रों को बंधक बनाकर ढाल के रूप में प्रयोग कर रहा है। इसी बीच शांति वार्ता की दूसरी बैठक के लिए रूस का प्रतिनिधिमंडल बेलारूस पहुंच गया है जबकि यूक्रेन का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को यहां पहुंचेगा। रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन के सुरक्षा बलों ने भारतीय छात्रों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने के लिए बंधक बना लिया है ताकि उन्हें जाने से रोका जा सके। खबरों के मुताबिक खारकीव मेट्रो स्टेशन पर तीन सौ से ज्यादा भारतीय कर्फ्यू के चलते फंसे हैं। इससे पहले भारत ने दिन में एडवाइजरी जारी कर कहा था कि जो भी भारतीय खारकीव में फंसे हैं, वो किसी भी तरह वहां से चले जाएं।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुतिन से खारकीव में भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए सहयोग मांगा था। खारकीव को लेकर सरकार पहले ही भारतीयों के लिए दो बार एडवाइजरी भी जारी कर चुकी है। सरकार की ओर से सभी नागरिकों को तत्काल शहर छोड़कर पश्चिमी शहरों की जाने का आग्रह किया गया है। सरकार की एडवाइजरी के बाद जहां रूसी सैनिकों ने शहर में मिसाइल अटैक शुरू कर दिए हैं तो दूसरी ओर स्थानीय प्रशासन भी शहर में कर्फ्यू घोषित लगा दिया गया है। भारत सरकार ने भारतीयों किसी भी सूरत में शहर छोड़ देने की सलाह दी थी। भारतीयों को पैदल चलकर ही पिसोचिन, बाबई और बेज़लुदिवका के सुरक्षित क्षेत्रों में चले जाने की अपील की गई। ये सभी क्षेत्र खारकीव से 11 से 16 किमी के बीच स्थित हैं। भारतीयों को इन स्थानों तक पहुंचने के लिए पांच घंटे से कम समय का समय दिया गया है।

इससे पहले रूस ने कहा है कि वह यूक्रेन में गोलाबारी में मारे गए भारतीय छात्र की मौत की जांच करेगा। भारत में रूसी राजदूत नामित डेनिस अलीपोव ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रूस पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष क्षेत्रों में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए “मानवीय गलियारा” बनाने के लिए काम कर रहा है और खारकीव में एक भारतीय छात्र की मौत की जांच करेगा। रूस और यूक्रेन के बीच दूसरे दौर की वार्ता के लिए रूस का प्रतिनिधिमंडल बेलारूस बुधवार को पहुंच गया है। वहीं यूक्रेन का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को पहुंचेगा। ज्ञात रहे कि बुधवार को होने वाली वार्ता एक दिन टाल दी गई थी।

यूक्रेन पर रूस का हमला, आठवें दिन 15 शहरों पर हवाई हमले की तैयारी

यूक्रेन पर हमले के आठवें दिन रूस ने सिलसिलेवार धमाके कर दहशत का माहौल बना दिया है। अब यूक्रेन के 15 शहरों पर एक साथ हवाई हमले की तैयारी चल रही है। इस बाबत एलर्ट जारी कर दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तमाम कोशिशों के बावजूद यूक्रेन पर रूस के हमले की तीव्रता कम नहीं हो रही है। गुरुवार को यूक्रेन के 15 शहरों, कीव और कीव ओब्लास्ट, मायकोलाइव, ल्वीव, ज़ाइटॉमिर, इवानो-फ्रैंकिव्स्क, चेर्निहाइव और चेर्निहाइव ओब्लास्ट, वोलिन ओब्लास्ट, चर्कासी ओब्लास्ट, किरोवोह्रद ओब्लास्ट, पोल्टावा ओब्लास्ट, खमेलनित्स्की ओब्लास्ट, ज़ापोरिज़्ज़िया और ओडेसा पर हवाई हमलों का एलर्ट जारी किया गया है। यूक्रेन प्रशासन ने इन शहरों के नागरिकों को बंकरों में छिपने के निर्देश जारी किये हैं।

इस बीच रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जे की कोशिशों में जुटी है। कीव में फिर से सिलसिलेवार धमाके किए हैं। लोगों में दहशत का माहौल है। धमाके इतनी आवाज के साथ हुए कि लोगों को लगा छोटा परमाणु बम फटा हो। घरों में रह रहे बच्चों के साथ-साथ बड़े लोग भी रोने लगे। सभी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे हैं। एक बांग्लादेशी जहाज पर भी रूस ने मिसाइल से अटैक कर दिया है। इस हमले में एक व्यक्ति की जान चली गई। रूस ने अब यूक्रेन की सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। कीव स्थित सेंट्रल रेलवे स्टेशन को मिसाइल से उड़ा दिया है। साथ ही रक्षा मंत्रालय के पास भी बमबारी की गई है। रूस की मिसाइलों ने यूक्रेन के रिहायशी इलाकों को निशाना बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। रूस की ओर से जारी गोलाबारी में यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र के होर्लिवका और यासिनुवाता के आवासीय क्षेत्रों की विध्वंसक तस्वीरें सामने आई हैं।

यूक्रेन पर हमले का दुष्प्रभाव, ऑक्सीजन संकट से जिंदगी खतरे में

यूक्रेन पर रूस के हमले का दुष्प्रभाव अब इलाज पर भी दिखने लगा है। यूक्रेन के अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट बढ़ने के कारण युद्ध से बचने के बावजूद अस्पताल पहुंचे लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ गयी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बाबत चेतावनी जारी की है।यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने स्वास्थ्यकर्मियों को सहायता पहुंचाने के प्रयास शुरू किए हैं। जीवन रक्षक सामग्री की पहली खेप पड़ोसी देश पोलैंड पहुंचाई जा रही है, जहां से इसे यूक्रेन पहुंचाया जाएगा।इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी जारी की है कि ऑक्सीजन व अन्य आपात देखभाल सामग्री का संकट बढ़ता जा रहा है। यदि तुरंत इस संकट का समाधान न हुआ तो लोगों की मृत्यु रोकी नहीं जा सकेगी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा कि यूक्रेन में मौजूदा संघर्ष शुरू होने से पहले वहां 23 अस्पतालों में आपात चिकित्सा सामग्री मुहैया कराई गयी थी। राजधानी कीव में पहले भेजी गयी चिकित्सा सामग्री फिलहाल पहुंच में नहीं है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में कम से कम तीन ऑक्सीजन संयंत्र इस समय बंद हैं। ऐसे में एक ऐसा सुरक्षा गलियारा बनाए जाने की तत्काल ज़रूरत है, जिसके ज़रिये मानवीय सहायता और उपचार सामग्री जरूरतमंदों तक सुरक्षित तरीके से पहुंच सके। उन्होंने अस्पतालों व स्वास्थ्य ढांचे पर हमलों के प्रभाव पर जिंता जताते हुए कहा कि ऐसा करना अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता कानून का उल्लंघन है। इस पर तुरंत नियंत्रण होना चाहिए।

सात दिनों में दस लाख लोगों ने छोड़ा यूक्रेन, आबादी हुई दो फीसदी कम

रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग आम आदमी पर भारी पड़ रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ का दावा है कि युद्ध के शुरुआती सात दिनों में यूक्रेन की आबादी दो फीसदी कम हो गयी है। इस दौरान दस लाख लोगों ने यूक्रेन छोड़ दिया है।यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ विस्थापितों को लेकर खासा चिंतित है। संयुक्त राष्ट्र संघ के विस्थापन आयुक्त फिलिपो ग्रांडी ने दावा किया कि एक सप्ताह में यूक्रेन की कुल जनसंख्या के दो प्रतिशत लोगों ने डर के कारण देश छोड़ दिया है। उन्होंने दावा किया कि युद्ध की वजह से दस लाख से अधिक नागरिकों ने यूक्रेन छोड़ दिया है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक मार्च तक यूक्रेन पर रूसी हमले के कारण 752 लोगों की मौत की जानकारी भी दी है।

रूस ने यूक्रेन पर हमलों की रफ्तार एक मार्च के बाद और बढ़ा दी है। ऐसे में यह संख्या खासी अधिक होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस बीच विश्व बैंक ने रूस के साथ-साथ उसके सहयोगी देश बेलारूस पर भी कार्रवाई की है। विश्व बैंक ने दोनों देशों में अपनी सभी परियोजनाओं पर रोक लगा दी है।संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि यूक्रेन में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, इसलिए दुनिया को इस मसले पर जल्द मजबूत कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वह आने वाले दिनों में टकराव टालने और शांति वार्ता आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास जारी रखेंगे।

रूस-यूक्रेन युद्ध ने कच्चे तेल की कीमतों में लगाई आग, रिकॉर्ड वृद्धि

रूस-यूक्रैन युद्ध से कच्चे तेल की कीमतों में आठ प्रतिशत की रिकार्ड वृद्धि हुई है। दुनिया में रूस के कच्चे तेल के बहिष्कार से ग्लोबल ब्रेंट क्रूड आयल की कीमतें बढ़कर 113.58 डॉलर प्रति बैरल हो गई है, जबकि अमेरिकी वेस्ट टेक्सस इंटरनेशनल की कीमत 109.78 डालर प्रति बैरल हो गई है।खाड़ी में कच्चे तेल के उत्पादन करने वाले संगठन (ओपेक) के अलावा दुनिया में रूस और अमेरिका ऐसे दो बड़े देश हैं जो दस प्रतिशत से अधिक तेल उत्पादन में क्षमता रखते हैं।एनर्जी आसपेक्ट की सह संस्थापक अमृता सेन ने कहा है कि अमेरिका और पश्चिमी देशों की ओर से आर्थिक प्रतिबंधों के बाद रूस की ओर से उत्पादित कच्चे तेल का सत्तर प्रतिशत तेल, घटी कीमतों पर भी उठाने को तैयार नहीं है। इसका बड़ा कारण रूस के बड़े बैंकों पर प्रतिबंध और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्था स्विफ्ट (SWIFT) से मुद्रा के लेनदेन में एक बड़ी बाधा को बताया जा रहा है।

अमेरिका की संवाद समिति सीएनबीसी ने कहा है कि ब्रेंट बैंचमार्क कच्चे तेल में इतनी वृद्धि 2011 के बाद पहली बार हुई है। कहा जा रहा है कि कच्चे तेल की कीमतें 120 डालर प्रति बैरल तक जा सकती हैं, जो दुनिया भर के आम तेल उपभोक्ताओं के लिए पीड़ादायक हो सकती है। अमेरिका के नेतृत्व में मंगलवार को 31 देशों की अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने मार्केट में राहत के इरादे से सामरिक कोष से छह करोड़ कच्चे तेल की निकासी का फैसला किया था। कच्चे तेल के विश्लेषकों की मानें तो ओपेक सदस्य देशों की ओर से कच्चे तेल की कीमतों में बहुत जल्दी राहत मिलने की सम्भावना नहीं है।

डब्ल्यूएचओ के ग्रीन कारिडोर बनाने के प्रस्ताव को रूसी सेना ने किया खारिज

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में घायलों को तत्काल मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के ग्रीन कारिडोर बनाए जाने के प्रस्ताव को रूसी सेना ने खारिज कर दिया है।दरअसल, बुधवार को डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेडरास अधनोम गेबरियसस ने जेनेवा में एक प्रेस कांफ्रेंस में घायलों को चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सा ग्रीन कारिडोर बनाने का सुझाव दिया था। बाद में इसी तरह का सुझाव यूक्रेन की सामाजिक नीति मंत्री मार्यना लोजहना ने भी संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग से भी किया था।

डब्ल्यूएचओ के इस प्रस्ताव को रूसी सेना ने टका सा जवाब देते हुए खारिज कर दिया है। रूसी सेना ने इस प्रस्ताव को अव्यवहारिक और अनावश्यक बताया है। रूसी सेना ने कहा है कि बम के गोले यूं ही बरसते रहेंगे।उल्लेखनीय है कि एक सप्ताह से चल रहे रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध में हज़ारों लोग बमबारी से घायल हो चुके हैं। इन घायलों को तत्काल मेडिकल सेवाओं की ज़रूरत है। डब्ल्यूएचओ और रेडक्रास के चार्टर में इसका प्रावधान है लेकिन रूस इसका पालन करने को तैयार नहीं है।

बेलारूस का दावा- पोलैंड के सीमा रक्षकों ने एक सौ भारतीय छात्रों को पीटा था

यूक्रेन में रूसी सेना के हमले के बाद से अपनी जान बचाने के लिए पोलैंड सीमा पहुंचे भारतीय छात्रों के साथ बदसलूकी करने के साथ उनसे मारपीट की गई। यह दावा बेलारूस ने किया है।बेलारूस ने बुधवार को दावा किया कि पोलैंड के सीमा रक्षकों ने 26 फरवरी को करीब एक सौ भारतीय छात्रों के समूह को पीटा था और उन्हें वापस यूक्रेन सीमा में वापस धकेल दिया गया था। इसके बाद उन्हें रोमानिया के शरणार्थी शिविरों में रखा गया था। वहीं, भारत स्थित रूसी दूतावास ने यूक्रेन पर भारतीय छात्रों को सुरक्षा बलों के उन्हें मानवीय ढाल के रूप में इस्तेमाल करने और रूस पहुंचने से रोकने के लिए बंधक बनाने का आरोप लगाया।

संयुक्त राष्ट्र में बेलारूस के राजदूत वैलेन्टिन रयबाकोव ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बयान देते हुए यह टिप्पणी की। वहीं, संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लिट्स्या ने कहा कि उनके देश में रूसी सैन्य अभियान में एक भारतीय नागरिक मारा गया और एक चीनी नागरिक घायल हो गया।मालूम हो कि भारत यूक्रेन के पश्चिमी पड़ोसियों जैसे रोमानिया, हंगरी और पोलैंड से विशेष उड़ानों के माध्यम से अपने नागरिकों को निकाल रहा है क्योंकि 24 फरवरी से यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद है।

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