वाराणसी बनी एससीओ की पहली पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को समरकंद, उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 22वीं बैठक में भाग लिया। शिखर सम्मेलन के दौरान 2022-2023 की अवधि के दौरान वाराणसी शहर को पहली बार एससीओ पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में नामित किया गया है।उल्लेखनीय है कि भारत इस साल दिसंबर में 1 वर्ष के लिए एससीओ की अध्यक्षता संभालने जा रहा है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार पहली बार एससीओ पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में वाराणसी का नामांकन भारत और एससीओ सदस्य देशों के बीच पर्यटन, सांस्कृतिक और मानवीय आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा। यह एससीओ के सदस्य राज्यों, विशेष रूप से मध्य एशियाई गणराज्यों के साथ भारत के प्राचीन सभ्यतागत संबंधों को भी रेखांकित करता है।
इस प्रमुख सांस्कृतिक आउटरीच कार्यक्रम के ढांचे के तहत, 2022-23 के दौरान वाराणसी में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिसमें एससीओ सदस्य राज्यों से मेहमानों को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इन आयोजनों में भारतविद्, विद्वानों, लेखकों, संगीतकारों और कलाकारों, फोटो पत्रकारों, यात्रा ब्लॉगर्स और अन्य आमंत्रित अतिथियों के पहुंचने की उम्मीद है।
एससीओ पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी के नामांकन के लिए नियमों को 2021 में दुशांबे एससीओ शिखर सम्मेलन में संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में एससीओ सदस्य राज्यों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अपनाया गया था।(हि.स.)