आदिवासी युवक ने थाने में की आत्महत्या, थाना प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मी निलंबित
खंडवा । मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के पंधाना थाना में एक आदिवासी युवक ने आत्महत्या कर ली है। युवक का नाम धर्मेंद्र (32 वर्ष) था, जो खरगोन जिले के देहात निमित गांव का रहने वाला था। उसे चोरी के आरोप में पूछताछ के लिए थाने लाया गया था। शुक्रवार और शनिवार की देर रात, धर्मेंद्र ने थाने में बंद रहते हुए चादर से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस अधीक्षक मनोज राय ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पंधाना थाना प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। निलंबित पुलिसकर्मियों में थाना प्रभारी, एक सब इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबल शामिल हैं। मामले की न्यायिक जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
क्या है पूरा मामला?
धर्मेंद्र, जो शादी के बाद अपने ससुराल खंडवा के गांव दीवाल में रहता था, वहाँ खेती-बाड़ी का काम करता था। कुछ दिन पहले गाँव में चोरी की एक घटना हुई थी, जिसके बाद धर्मेंद्र समेत गाँव के कुछ लोगों पर शक हुआ था। इसी सिलसिले में चार दिन पहले उसे पूछताछ के लिए थाने लाया गया था।
थाने में युवक ने लगाई फांसी
पुलिस के अनुसार, धर्मेंद्र ने थाने के भीतर चादर को फाड़कर फांसी का फंदा बनाया और रोशनदान से बांधकर आत्महत्या कर ली। उसने फांसी लगाने के लिए एक बाल्टी का सहारा लिया। इस घटना के बाद थाने में हड़कंप मच गया। पुलिसकर्मी उसे तुरंत अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। धर्मेंद्र के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
परिजनों के आरोप और ग्रामीणों का आक्रोश
धर्मेंद्र के आत्महत्या की खबर मिलते ही परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने धर्मेंद्र के साथ मारपीट की थी और यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले जब पुलिस गाँव आई थी, तब भी धर्मेंद्र को उनके सामने पीटा गया था। इस घटना के बाद आदिवासी युवा संगठन में भारी आक्रोश है और उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस का पक्ष
पुलिस का कहना है कि धर्मेंद्र ने पूछताछ के दौरान 18 बाइक चोरी करने की बात स्वीकार की थी, जिसमें से तीन बाइक बरामद कर ली गई थी। बाकी की बाइक उसने बेच दी थी। फिलहाल इस मामले की न्यायिक जांच जारी है और पुलिस पर लगे आरोपों की भी जांच की जा रही है।