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भारत-कुवैत संबंधों के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं व्यापार और वाणिज्य : मोदी

भारत-कुवैत संबंधों के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं व्यापार और वाणिज्य : मोदी

कुवैत सिटी/नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि व्यापार एवं वाणिज्य कुवैत और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों के महत्वपूर्ण स्तंभ रहे हैं जिससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि हुई है।श्री मोदी ने कुना को दिए एक साक्षात्कार में कहा ‘व्यापार और वाणिज्य हमारे द्विपक्षीय संबंधों के महत्वपूर्ण स्तंभ रहे हैं। हमारे द्विपक्षीय संबंध लगातार आगे बढ़ रहे हैं। हमारी ऊर्जा साझेदारी हमारे द्विपक्षीय व्यापार में एक अनूठा मूल्य जोड़ती है।’श्री मोदी आज दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुंचे। यह 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है।

उन्होंने कहा, ‘हमें ‘मेक इन इंडिया’ उत्पादों खासकर ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल मशीनरी तथा दूरसंचार क्षेत्रों में कुवैत में नई पैठ बनाते देखकर खुशी हो रही है। भारत आज सबसे किफायती लागत पर विश्व स्तरीय उत्पादों का निर्माण कर रहा है। गैर-तेल व्यापार में विविधता लाना द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने की कुंजी है।’उन्होंने कहा कि फार्मास्यूटिकल, स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी, डिजिटल, नवाचार और कपड़ा क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने की काफी संभावना है। उन्होंने आग्रह किया कि दोनों पक्षों के व्यापार मंडलों, उद्यमियों और नवप्रवर्तकों को एक-दूसरे के साथ अधिक से अधिक जुड़ना चाहिए और बातचीत करनी चाहिए।श्री मोदी ने कहा कि भारत और कुवैत के बीच गहरा और ऐतिहासिक रिश्ता है और दोनों के बीच हमेशा गर्मजोशी और दोस्ती का रिश्ता रहा है और इतिहास की धाराओं , विचारों और वाणिज्य के माध्यम से आदान-प्रदान ने लोगों को एक-दूसरे के करीब ला दिया है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, ‘हम अनादि काल से एक-दूसरे के साथ व्यापार करते आ रहे हैं…फैलाका द्वीप में हुई खोजें हमारे साझा अतीत की कहानी बयां करती हैं। भारतीय रुपया 1961 तक एक सदी से भी अधिक समय तक कुवैत में वैध मुद्रा था। यह दर्शाता है कि हमारी अर्थव्यवस्थाएं कितनी घनिष्ठ रूप से एकीकृत थीं।’उन्होंने कहा कि भारत कुवैत का स्वाभाविक व्यापारिक साझेदार रहा है और समकालीन समय में भी ऐसा ही बना हुआ है और सदियों से लोगों के बीच संबंधों ने दोनों देशों के बीच मित्रता के विशेष बंधन को बढ़ावा दिया है।उन्होंने कहा, ‘कुल मिलाकर द्विपक्षीय संबंध अच्छी तरह से आगे बढ़ रहे हैं और अगर मैं कहूं तो नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। मैं रक्षा, व्यापार, निवेश और ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में हमारे संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए महामहिम अमीर के साथ अपनी बातचीत का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।

‘उन्होंने कहा ‘हमारे ऐतिहासिक संबंधों की मजबूत जड़ों को हमारी 21वीं सदी की साझेदारी के परिणामों से मेल खाना चाहिए – गतिशील, मजबूत और बहुआयामी। हमने साथ मिलकर बहुत कुछ हासिल किया है लेकिन हमारी साझेदारी के लिए संभावनाएं असीम हैं। मुझे यकीन है कि यह यात्रा इसे नई उड़ान देगी।’उन्होंने कहा कि कुवैत में भारतीय सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है जिसकी संख्या दस लाख से अधिक है और भारत कुवैत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है और कई भारतीय कंपनियां कुवैत में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रही हैं और कई क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान कर रही हैं।उन्होंने कहा कि कुवैत निवेश प्राधिकरण ने भारत में पर्याप्त निवेश किया है और अब भारत में निवेश करने में रुचि बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय और बहुपक्षीय रूप से एक-दूसरे के हितों को अच्छी तरह से समझा गया है।उन्होंने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय निवेश के लिए सबसे आकर्षक स्थलों में से एक है और यह कुवैत के लिए कोई नया बाजार नहीं है।

श्री मोदी ने कहा ‘कई कुवैती व्यवसाय हैं जो भारतीय व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र में गहराई से जुड़े हुए हैं और अपने संबंधित उद्योगों में नेतृत्व की स्थिति का आनंद ले रहे हैं। हमारा निवेशक-अनुकूल शासन और उच्च-विकास अर्थव्यवस्था कई और लोगों का स्वागत करने के लिए तैयार है।’उन्होंने कहा कि दोनों देशों के दृष्टिकोण में बहुत अधिक तालमेल है जो कई मोर्चों पर एक दूसरे से मेल खाता है क्योंकि दोनों देशों में आर्थिक गतिविधियों की जबरदस्त गति ने दोनों सरकारों और कंपनियों के लिए सहयोग और सहभागिता के बड़े अवसर खोले हैं।श्री मोदी ने कहा कि भारत और कुवैत के बीच पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र साझेदारी के अलावा शिक्षा, कौशल, प्रौद्योगिकी और रक्षा साझेदारी सहित कई क्षेत्रों में व्यापक साझेदारी है। (वार्ता)

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