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विश्वनाथ थाम में पकड़ा गया टिकट फर्जीवाड़ा ,चार पर मुकदमा

मंदिर के टिकट को स्कैन कर एडिटिंग के बाद बना रहे थे फर्जी टिकट.फ्रॉड की जानकारी मंडलायुक्त, पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी को भी दी गयी.

वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगलवार की शाम एक बड़ा फजीर्वाड़ा पकड़ा गया मंदिर के आईटी विशेषज्ञों ने नया एप्लीकेशन बनाकर गोपनीय तरीके से इसकी जांच कराई तो कुछ फर्जी टिकट का मामला सामने आया। 15 श्रद्धालुओं को ये फर्जी टिकट 500 रुपए से लेकर 800 रुपए तक में बेचे गए थे। इस मामले में मंदिर प्रशासन ने शुभम पांडेय पुत्र जयप्रकाश पांडेय निवासी खोवा गली अरुण पांडेय पुत्र महंत पांडे निवासी बड़ी पटिया थाना भेलूपुर इरफान हैदर सोना अब्बास आलम निवासी शिवाला थाना भेलूपुर और चौथा शुभम अधिकारी निवासी सोनारपुरा के खिलाफ तहरीर दी गई है। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लिया और पूछताछ में जुट गयी है।

बाबा धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कुछ दिनों से मंदिर के अधिकारियों को फर्जी टिकट से दर्शन कराने के मामले की जानकारी मिल रही थी, लेकिन आॅनलाइन आॅफलाइन दोनों तरह के टिकट होने की वजह से यह पकड़ पाना मुश्किल हो रहा था। इसके लिए मंदिर प्रसाशन एवं डीसीपी सुरक्षा की टीम द्वारा संयुक्त प्रयास कर इस फर्जीवाड़ा का पकड़ा गया। मंदिर प्रशासन के आईटी विशेषज्ञों की मदद से एक गोपनीय सिक्योरिटी ऐप तैयार कराया, जिससे एक टिकट को एक बार ही उपयोग किया जा सकता है।

इस ऐप की जानकारी गोपनीय रखी गई केवल गेट पर तैनात कर्मचारी को ही उस ऐप को लॉगिन करके दिया जाता था। कुछ दिन पहले ही जारी हुए इस एप्लीकेशन से मंगलवार को कुछ टिकट प्राप्त हुए, जिसमें एक ही टिकट को एक ही समय में अलग-अलग प्रवेश द्वारों से दर्शनाथियों को दलालों के माध्यम से प्रवेश कराया जा रहा था। जब मामले की जानकारी की गई तब मंदिर के अगल-बगल के दुकानदार और दलालों द्वारा टिकट को एडिट करके उसको ओरिजिनल टिकट में तब्दील किया जा रहा था। साथ ही ग्राहकों को अलग-अलग प्रवेश द्वारों से मंदिर के अंदर प्रवेश दिया जा रहा था।

इस एप्लीकेशन की खासियत यह है कि एक बार कोई टिकट एक जगह स्कैन हो गया तो दूसरी दूसरे प्रवेश द्वार पर उसे इन वैलिड टिकट बताने लगेगा। इस आधार पर जानकारी मिलते ही मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के निर्देश पर हेल्पडेस्क प्रभारी ने चौक थाने में तहरीर दी है। पुलिस को जांच शुरु कर दी है। इसमें हेल्पडेस्क के एक आउटसोर्सिंग वर्कर के संलिप्तता की भी जाँच करायी जा रही है, साथ ही और दलालों एवं दुकानदारों के शामिल होने की आशंका है। जांच में जितने लोग आरोपित होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई और विधिक कार्रवाई की जाएगी। इस तरह के फ्रॉड की जानकारी मंडलायुक्त, पुलिस कमिश्नर, जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है।

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