नयी दिल्ली : सेमीकंडक्टर के उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाते हुये केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को 125600 करोड़ रुपये के निवेश और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर करीब 80 हजार रोजगार के अवसर सृजित करने वाली तीन और सेमीकंडक्टर इकाइयों को मंजूरी प्रदान कर दी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आज यहां हुयी बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। मंत्रिमंडल ने ‘भारत में सेमीकंडक्टरों और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास’ के तहत तीन सेमीकंडक्टर इकाइयों की स्थापना को मंजूरी दी। अगले 100 दिनों के भीतर तीनों इकाइयों का निर्माण शुरू हो जाएगा।
भारत में सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम दिसंबर 2021 में कुल 76 हजार करोड़ रुपये के व्यय के साथ अधिसूचित किया गया था।जून, 2023 में मंत्रिमंडल ने गुजरात के साणंद में सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के लिए माइक्रोन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। इस इकाई का निर्माण तीव्र गति से चल रहा है और इकाई के पास एक मजबूत अर्धचालक पारिस्थितिकी तंत्र बन उभर रहा है।इसको लेकर जारी बयान में कहा गया है कि आज की घोषणा के साथ उन्नत पैकेजिंग प्रौद्योगिकियों को भारत में स्वदेशी रूप से विकसित किया जाएगा। ये इकाइयां 20 हजार उन्नत प्रौद्योगिकी नौकरियों का प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 60 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करेंगी। ये इकाइयां डाउनस्ट्रीम ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, दूरसंचार विनिर्माण, औद्योगिक विनिर्माण और अन्य सेमीकंडक्टर उपभोक्ता उद्योगों में रोजगार सृजन में तेजी लाएंगी।
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प (पीएसएमसी) के साथ साझेदारी में एक सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करेगी। इस फैब का निर्माण गुजरात के धोलेरा में किया जाएगा। इस फैब में 91,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। पीएसएमसी मेमोरी फाउंड्री सेगमेंट में अपनी विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध है। पीएसएमसी की ताइवान में छह सेमीकंडक्टर फाउंड्री हैं। इसकी क्षमता प्रति माह 50,000 वेफर स्टार्ट (डब्ल्यूएसपीएम) होगी। इसमें 28 एनएम तकनीक के साथ उच्च प्रदर्शन कंप्यूट चिप बनेगा जो इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), दूरसंचार, रक्षा, ऑटोमोटिव, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, डिस्प्ले, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स आदि के लिए पावर प्रबंधन चिप्स के तौर पर उपयोग किया जा सकेगा।
टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड (टीएसएटी) असम के मोरीगांव में 27 हजार करोड़ रुपये के निवेश से एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करेगी। टीएसएटी सेमीकंडक्टर फ्लिप चिप और आईएसआईपी (पैकेज में एकीकृत प्रणाली) प्रौद्योगिकियों सहित स्वदेशी उन्नत सेमीकंडक्टर पैकेजिंग प्रौद्योगिकियों का विकास कर रहा है। इसकी क्षमता 4.8 करोड़ दैनिक होगी। यह चिप ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, मोबाइल फोन आदि में उपयोग होगें।सीजी पावर, रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन, जापान और स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स, थाईलैंड के साथ साझेदारी में गुजरात के साणंद में 7600 करोड़ रुपये के निवेश से एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करेगा।
रेनेसा एक अग्रणी सेमीकंडक्टर कंपनी है जो विशेष चिप पर केंद्रित है। यह 12 सेमीकंडक्टर सुविधाएं संचालित करता है और एनालाॅग, माइक्रोकंट्रोलर, पावर और सिस्टम ऑन चिप (एसओसी) उत्पादों में एक महत्वपूर्ण कंपनी है। सीजी पावर सेमीकंडक्टर यूनिट उपभोक्ता, औद्योगिक, ऑटोमोटिव और बिजली अनुप्रयोगों के लिए चिप का निर्माण करेगी जिसकी क्षमता 1.5 करोड़ दैनिक होगी।बहुत ही कम समय में भारत सेमीकंडक्टर मिशन ने चार बड़ी सफलताएं हासिल की हैं। इन इकाइयों से भारत में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम स्थापित हो जायेगा। चिप डिजाइन में भारत के पास पहले से ही क्षमताएं हैं। इन इकाइयों के साथ, भारत चिप निर्माण में क्षमता विकसित करेगा।(वार्ता)