Site icon CMGTIMES

केंद्र सरकार के तीन अहम उपाय देश की अर्थव्यवस्था को देंगे मजबूती

news

कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था का उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं रहा लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए निरंतर प्रयासरत है। कोरोना की दूसरी लहर से चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक दो लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान हो चुका है। यह नुकसान ग्रामीण व छोटे शहरों में मांग प्रभावित होने की वजह से मुख्य तौर पर हुआ है। नुकसान का यह आकलन भारतीय रिजर्व बैंक का है, लेकिन अब अर्थव्यवस्था को इससे उबारने के लिए केंद्र सरकार किन उपायों पर काम कर रही है, इसके बारे में भारत सरकार के प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने विस्तार से जानकारी दी है।

संजीव सान्याल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के मानसेवी प्रोफेसर, ड्यूश बैंक के ग्लोबल रणनीतिकार और प्रबंध संचालक तथा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के विजिटिंग स्कॉलर रहे हैं। वे ‘दि लेण्ड ऑफ सेवन रिवर्स’, ‘दि इंडियन रेनेसां’ तथा ‘इंडिया : इन द एज ऑफ आइडियाज’ जैसी प्रसिद्ध पुस्तकों के लेखक हैं। सान्याल को फाइनेंस सेक्टर में लगभग 20 वर्षों का अनुभव हैं। उन्होंने जी 20 देशों के समूह के अंतर्गत बनाए गए वर्किंग ग्रुप में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के द्वारा यंग ग्लोबल लीडर के रूप में नामांकित हुए तथा नगरीय विकास के कार्यों के लिए उन्हें आइजनहॉवर फेलोशिप भी मिल चुकी है।

राज्‍य सरकार भी अपने यहां आर्थिक स्तर के ले सकती है निर्णय
दरअसल, एक दिन के प्रवास पर मध्य प्रदेश आए सान्याल की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुख्य रूप से मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पोस्ट कोविड परिवर्तनों एवं सुधारों के विषय में चर्चा हुई है। इसके साथ ही केंद्र की मोदी सरकार किस तरह से इस संकट के समय में देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए कार्य कर रही है, इसे लेकर भी उन्होंने बहुत सकारात्मक संकेत अपनी चर्चा के दौरान दिए हैं, जिसके अनुभवों का लाभ लेकर राज्य सरकार भी अपने यहां आर्थिक स्तर के निर्णय ले सकती है।

अर्थव्यवस्था के सुधार एवं सतत विकास हेतु अपनाएं सर्विलांस, फीडबैक और एडॉप्टेशन की एप्रोच
देश की अर्थव्‍यवस्‍था के सुधार एवं सतत विकास को लेकर सान्याल कहते हैं कि कोरोना से ध्वस्त अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए हमें नवीन वास्तविकताओं के सर्विलांस, फीडबैक और एडॉप्टेशन की एप्रोच को अपनाना होगा। हमारे आस-पास क्या हो रहा है, इसी के आधार पर हमें आगे बढ़ने की जरूरत है। भारत सरकार का वर्ष 2020-21 का बजट विस्तारवादी था, जिसमें पूंजीगत व्यय, भूमि मुद्रीकरण तथा गैर रणनीतिक क्षेत्रों के निजीकरण पर जोर दिया गया।

केंद्र सरकार के ये तीन उपाय अहम
आर्थिक विशेषज्ञ संजीव सान्याल यह भी बताते हैं कि पोस्ट कोविड अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए इस वक्‍त देश में मुख्य रूप से तीन उपाय किए जा रहे हैं। पहला अर्थव्यवस्था में खपत को प्रोत्साहित करने के लिए राजकोषीय और मौद्रिक समर्थन। दूसरा मांग बढ़ने के कारण हुई मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना और तीसरा सुधार है, अधिक प्रभावित क्षेत्रों को लक्षित सहायता उपलब्ध कराना। इसी तरह से शहरी विकास के विषय में उनका कहना है कि निरंतर पुनर्निवेश के अच्छे परिणाम मिलते हैं। इसके लिए सतत प्रयास होते रहना चाहिए।

मोदी सरकार की इकोनॉमी की दृष्टि से सभी ओर है बराबर दृष्टि
कुल मिलाकर उन्होंने जो बातें की हैं, उनका यही निष्कर्ष था कि केंद्र के स्‍तर पर जिस तरह से मोदी सरकार सभी ओर बराबर से ध्यान देकर नीति बनाने के साथ ही निर्णय भी ले रही है, वैसे ही सभी ओर ध्यान देते हुए निर्णय यदि राज्य सरकारें भी लें तो इस कोरोना के संकट के समय में बाहर निकलने के साथ अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखा जा सकता है। बता दें कि आज जिस तरह से कोरोना प्रभावित क्षेत्र के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपए और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 50 हजार करोड़ रुपए सहित 8 क्षेत्रों के लिए राहत पैकेज की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई है, उससे भी यही लग रहा है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था को इससे गहरा बल मिलेगा और छोटे कारोबारी, ट्रेवल-टूरिज्म, हेल्थ सेक्टर को बड़ी राहत मिलेगी। इस प्रयास को लेकर यह भी कहा जा सकता है कि इकॉनमी की दृष्टि से मोदी सरकार की सभी ओर दृष्टि बराबर से बनी हुई है।

Exit mobile version