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इस राज्य ने देश की आधी आबादी की ‘आत्मनिर्भरता’ के लिए शुरू किए नवाचार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘सशक्त मातृशक्ति’ का सपना अब साकार होता नजर आ रहा है। दरअसल, बहुत तेजी के साथ देश के तमाम हिस्सों में आधी आबादी यानि महिलाओं के उत्थान के लिए विभिन्न स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। महिलाएं भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। ऐसा ही कुछ इन दिनों मध्य प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है। कहते हैं कि देश का दिल मध्य प्रदेश से धड़कता है। ऐसे में यहां की आधी आबादी अपने विकास में पीछे रहे यह सही नहीं होगा, इसलिए राज्‍य सरकार एक के बाद एक नवाचारों को सतत कर रही है। वहीं विकास की धारा में शामिल होने को महिलाएं भी स्वयं आगे भी आ रही हैं। सरकार ने अब तय किया है कि वह महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और उनके लिए रोजगार अवसर को आसान बनाने के उद्देश्य लोक निर्माण विभाग द्वारा पहली बार ठेकेदारी के लिए पंजीकृत होने वाली मध्यप्रदेश की मूल निवासी महिला ठेकेदारों को पंजीयन शुल्क की छूट प्रदान करेगी।

सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री और डिप्लोमा करने वाली युवा महिलाओं को मिलेगा नया अवसर

लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि राज्य शासन के इस निर्णय से सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री और डिप्लोमा करने वाली युवा महिलाओं तथा अन्य महिलाओं को शासकीय कांट्रेक्टर के रूप में कार्य करने में आसानी होगी। राज्य सरकार द्वारा आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश के क्रम में रोजगार संसाधनों के सृजन का जो लक्ष्य रखा गया है, उसी कड़ी में एक कदम है।

25 हजार रुपए की रजिस्ट्रेशन फीस में दी गई है छूट

इसी के साथ प्रमुख सचिव लोक निर्माण नीरज मंडलोई ने बताते हैं कि राज्य सरकार द्वारा लोक निर्माण विभाग ठेकेदारों के पंजीयन की वर्तमान प्रचलित केंद्रीकृत व्यवस्था 2016 में संशोधन कर, सोल-प्रोपराइटर महिला ठेकेदारों को पंजीयन शुल्क से मुक्त किया गया है, लेकिन सोल- प्रोपराइटर महिला ठेकेदार फर्म को अन्य व्यक्तियों को सम्मिलित करते हुए, पार्टनरशिप फर्म अथवा कंपनी के रूप में पंजीकृत होने पर पूर्व के अनुसार पंजीयन शुल्क देना होगा। बता दें कि 25 हजार रजिस्ट्रेशन फीस लोक निर्माण विभाग के ठेके लेने के लिए जमा करने पड़ते हैं, अब नए नियमानुसार यह फीस महिलाओं से नहीं ली जाएगी।

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की नारी शक्‍ति को लेकर हुई अंतर्विभागीय मंत्री-समूह की बैठक

दूसरी ओर आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के तहत महिला सशक्तिकरण एवं बाल कल्याण से संबंधित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये अंतर्विभागीय मंत्री-समूह की बैठक की गई है। बैठक में राज्य में महिला नीति, महिला उद्यमों को विशेष प्रोत्साहन देने, प्रत्येक जिले में वर्किंग वुमेन हॉस्टल खोले जाने के साथ ही अन्य कई मुद्दों पर प्रस्तुत किये गये पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन पर चर्चा हुई है। बैठक में खेल एवं युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर सहित महिला-बाल विकास विभाग एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने अध्यक्षता कर रहे गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के सामने ‘प्रदेश में सशक्त बने महिलाएं’ इस पर गंभीर विचार-विमर्श एवं वर्ष भर के लिए आवश्यक निर्णय लिए गए हैं।

पूरा हो रहा प्रधानमंत्री मोदी का सशक्त मातृशक्ति का सपना

इन नवाचारों को लेकर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर का कहना है कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का जो सशक्त मातृशक्ति का सपना है, वह आज पूरा हो रहा है। जननायक भाई शिवराज सिंह चौहान बेटियों की उन्नति के लिए जितने प्रतिबद्ध हैं और बेटियों की सुरक्षा, उनके सम्मान एवं उनकी उन्नति, प्रगति, अवसर के लिए जितने नए आयाम आज मध्य प्रदेश में वे स्थापित कर रहे हैं, शायद ही दूसरे प्रदेश या दुनिया में कहीं देखने को मिलेंगे। मैं कहूं इतना तो कोई विचार ही नहीं कर पाता।

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