मुंबई के वांगणी स्टेशन पर पटरी पर गिर गए बच्चे की जान बचाने के लिए खुद की परवाह किए बिना सामने आती ट्रेन के सामने दौड़ लगाने वाले मयूर शिल्के पर ‘रेल परिवार’ को गर्व है। मध्य रेलवे के प्वाइंट्समैन मयूर शिल्के को अपने दायित्व को बखूबी निभाने और अपने काम से मानवता को प्रेरित करने के लिए उन्हें पुरस्कृत किया गया। मयूर शिल्के को 50 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।
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रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर कर घटना का वीडियो साझा किया और कहा, “परिस्थितियां जो भी हों, हमारे रेलकर्मी अपना दायित्व निभाने में हमेशा आगे रहे हैं। इसका उदाहरण पेश करते हुए मुंबई के वांगणी स्टेशन पर रेलवे-मैन मयूर शिल्के ने एक बालक को ट्रेन की चपेट में आने से बचाया। रेल परिवार को उन पर गर्व है। उनकी इस बहादुरी के लिये उन्हें पुरस्कृत किया गया।”
रेल मंत्री ने की हौसला अफजाई
मयूर शिल्के छह माह पहले ही रेल परिवार के जुड़े हैं। उन्हें एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट की ओर से बहादुरी के लिए 50 हजार रुपए का इनाम दिया गया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने स्वयं फोन कर मयूर की हौसला अफजाई की।
ट्रैक पर गिरे बच्चे को ट्रेन की चपेट में आने से बचाया
दरअसल, मुंबई के वांगणी स्टेशन पर 17 अप्रैल शाम लगभग 5 बजे यह वाकया हुआ था। प्लेटफॉर्म पर एक महिला अपने बच्चे के साथ चल रही थी। अचानक बच्चा लड़खड़ाकर रेलवे ट्रैक पर गिर गया। नेत्रहीन होने के कारण संगीता शिरसत अपने बच्चे की मदद नहीं कर पा रही थी।
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उसी समय पटरी पर तेज रफ्तार से उद्यान एक्सप्रेस ट्रेन आती दिखाई दी। इसी बीच मध्य रेलवे के प्वाइंट्समैन मयूर शिल्के जो कुछ मीटर की दूरी पर खड़े थे, बच्चे को उठाने के लिए तेजी से दौड़ पड़े और सफल भी रहे। यह पूरी घटना स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। अब वह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और सभी मयूर शिल्के की बहादुरी की चर्चा कर रहे हैं। लोग अब उन्हें वास्तविक जीवन का हीरो बता रहे हैं।