कोरोना को हराने की जिम्मेदारी किसी एक की नहीं बल्कि समाज के हर एक व्यक्ति की है। देश की आधी आबादी भी इसे बखूबी जानती है और इसलिए घर के काम के साथ ही कोरोना से लोगों को बचाने के लिए चारदीवारी से बाहर निकल कर अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में कोरोना को हराने में जीविका दीदियां संकटमोचक बन कर समुदाय की सुरक्षा में लगी हुई है। बात चाहे जागरूकता की हो, टीकाकरण की या फिर मास्क निर्माण की। सभी क्षेत्रों में जीविका दीदियों की भूमिका सराहनीय रही है।
जीविका की दीदियों की अनूठी पहल
बिहार के बेतिया जिले में जीविका दीदी के रूप में महिलाएं कोरोना को मात देने में लगी हुई हैं। हाल ही में जीविका की दीदियों के द्वारा एक अनूठी पहल करते हुए, कोरोना संक्रमण को कम करने के लिए सभी संकुल स्तरीय संघों में सामुदायिक निगरानी एवं जागरूकता दल का गठन किया है, जहां मास्टर बुक कीपर एवं सामुदायिक फैसिलिटेटर द्वारा गांव के संक्रमित मरीजों एवं कोरोना लक्षणात्मक व्यक्ति की सूचना संग्रह का काम किया जा रहा है। इसमें सामुदायिक उत्प्रेरक, सामुदायिक लेखपाल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य एवं पोषण साधनसेवी द्वारा भी स्थानीय स्तर की स्वास्थ्य संबंधी सूचना संकुल संघ को भेजी जा रही है। जिले में कुल 50 संकुल संघ कार्य कर रहे हैं।
ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा की पहुंच हुई आसान
संकुल स्तर पर गठित हेल्प डेस्क द्वारा प्रतिदिन लोगों से हाल-चाल जानने और आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं की जानकारी दिए जाने के कारण ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा की पहुंच काफी आसान हो गई है। इससे टीकाकरण और कोरोना जांच में भी सुविधा मिली है। इसके माध्यम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं, कोरोना से बचाव से संबंधित जानकारी और जिला प्रशासन द्वारा कोरोना से बचाव हेतु किये जा रहे उपाय को जन-जन तक पहुंचाने में काफी सुविधा हुई है। टीकाकरण के प्रचार-प्रसार एवं इसके फायदे को भी लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।
हेल्प डेस्क की वजह से टीकाकरण में आई तेजी
हेल्प डेस्क द्वारा 18 से 44 आयु वर्ग वाले लाभार्थियों के टीकाकरण के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और टीकाकरण स्थल की जानकारी भी व्हाट्सएप ग्रुप द्वारा लोगों तक पहुंचाई जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण के ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग में आ रही परेशानी को भी कैडर के माध्यम से दूर किया जा रहा है, जिससे टीकाकरण अभियान में भी तेजी आई है। अब तक जीविका से जुड़े कुल 1,08,572 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।
जरूरतमंदों तक पहुंचना हुआ आसान
कर्मभूमि संकुल संघ, नारी शक्ति संकुल संघ, अधिकार संकुल संघ, बुलंद संकुल संघ जैसे कई संघ कार्य कर रहे हैं। इनसे जुड़ी दीदियों का कहना है कि इस पहल से स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी जानकारी देना आसान हो गई है, अब सभी जरूरतमंदों तक स्वास्थ्य सुविधा आसानी से पहुंचाई जा रही है। इस तरह के प्रयास से समुदाय के सभी जरूरतमंदों तक पहुंचना आसान हो गया है।
उनका कहना है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में दीदियों की यह पहल मील का पत्थर साबित होगा। सतर्कता बरतते हुए सही समय पर जानकारियों के आदान-प्रदान से कोरोना की श्रृंखला को तोड़ने में कामयाब हो सकते हैं।
जागरूकता दल में प्रत्क्षय रूप से कुल 3,015 लोग जुड़ें
जिला परियोजना प्रबंधक अविनाश कुमार ने बताया कि जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार के निर्देश पर जीविका के सभी संकुल संघों, प्रखंड तथा जिला स्तर पर सामुदायिक निगरानी एवं जागरूकता दल का गठन किया गया है। इसमें प्रत्क्षय रूप से कुल 3,015 लोगों को जोड़ा गया है, जो प्रतिदिन कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों तथा लक्षणात्मक लोगों से बात कर उन्हें आवश्यक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य करते हैं। जिले के कुल 50 संकुल संघों के हेल्प डेस्क द्वारा अब तक कुल 6,322 लोगों से सीधा संवाद करते हुए उन्हें जरूरत के अनुसार सलाह-सुझाव उपलब्ध कराया गया है। इस प्रकार के पहल से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में काफी जागरूकता आई है।