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मध्य प्रदेश के इस गांव के आगे पस्त हुआ कोरोना, कुछ इस तरह किया काबू

कोरोना की दूसरी लहर ने जितना शहरी इलाकों को प्रभावित किया है, उतना ही ग्रामीण क्षेत्र भी इसके शिकार हुए हैं, लेकिन जहां अक्सर सभी, ग्रामीण इलाकों के लोगों को कम जागरूक और सूचना के अभाव में लापरवाह बताते है, वहीं कई गांव ऐसे भी ही हैं, जो एकजुट हो कर गांव से कोरोना को भगाने में कामयाब रहे।

दरअसल, कोरोना जहां हर जगह संक्रमण फैलाता नजर आ रहा है, वहीं दूसरी ओर लोगों की जागरूकता एवं समय पर लिए गए स्वास्थ्य संबंधी निर्णयों से, यह वायरस उन तमाम जगहों से दूर रहा है। कुछ ऐसा ही मध्य प्रदेश में भी देखने को मिला है, जहां के गांवों की जागरूकता एवं कोरोना को हराने की रणनीति शहरवासियों की तुलना में अधिक सफल साबित हुई है। यही कारण है कि कई ग्रामों में कोरोना का संक्रमण पहुंचा भी तो उसे तुरंत काबू में कर लिया गया।

सूझबूझ से ग्रामीण कोरोना को दे रहे मात

मध्यप्रदेश के भोपाल जिले में भी ऐसे कई गांव सामने आ रहे हैं, जिन्होंने अपनी सूझबूझ से कोरोना का अब तक मात दे रखी है। ऐसा ही एक गांव है मुगालिया छाप। इस गांव के वालंटियर्स के सामने कोरोना का वायरस जैसे भाग खड़ा हुआ है। गांव वालों की टीम ने अब तक 45 वर्ष से अधिक के लगभग 1,000 ग्रामीणों का वैक्सीनेशन कराया है, तो वहीं, 18 वर्ष से अधिक आयु के नौजवानों ने 2,500 से अधिक को टीकाकरण के लिए सूचीबद्ध करवा लिया है। वास्तव में देखा जाए तो कोरोना को लेकर जागरूकता में इस गांव ने एक मिशाल पेश की है।

संक्रमण नियंत्रण के लिए बनाई गई टीम

कोरोना वॉलंटियर्स अभियान के अंतर्गत बनी ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति मुगलियाछाप के अध्यक्ष राधेश्याम पाटीदार एवं उनके सहयोगी आठ सदस्यों की टीम द्वारा अपने ग्राम को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए दिन-रात जागरूकता का अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए सबसे पहले इनकी टीम ने गांव में जनता कर्फ्यू लागू करवाया। फिर ग्राम की आंगनबाड़ियों की संख्या के हिसाब से उन्हें पांच वार्डों में बांटकर आपस में कार्य का बंटवारा किया, जिसमें कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर दो-दो वॉलंटियर्स शासकीय अमले के सहयोग से तैनात करवाए गए।

जांच और उपचार में भी अग्रणी है ग्रामीणों की टीम

समिति अध्यक्ष राधेश्याम पाटीदार कहते हैं कि हमारे सभी साथी अपने गांव में संक्रमितों का सर्वे कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर के साथ मिलकर घर-घर जा रहे हैं। कोरोना के प्रारंभिक लक्षण वाले मरीजों से चर्चा कर उन्हें चिकित्सकीय सलाह एवं दवाइयां सतत उपलब्ध करवाई जा रही हैं। सर्वे में लगभग 100 मरीजों में सामान्य लक्षण पाए गए थे, उनका उपचार कर तथा समझाइश दी गई। इतना ही नहीं, शीघ्रता के साथ ग्राम में कोरोना की जांच के सैंपल भी लिए गए।

आरटीपीसीआर टेस्ट की भी व्यवस्था

वे कहते हैं, कि समिति के अध्यक्ष के नाते यह दायित्व है कि अपने गांव को स्वस्थ और समृद्ध कैसे बनाए रखा जाए? इसकी चिंता करूं और कार्य भी, इसलिए जहां जब मेरी जरूरत होती है, आगे आकर मैं अपने साथियों का मनोबल बढ़ाते हुए सेवा कार्य में जुटा रहता हूं। जब कुछ लोगों को कोरोना टेस्ट करवाने में परहेज देखा, तो आगे आकर हमने उन्हें समझाया और ऐसे 25 लोगों का रैपिड टेस्ट तथा 17 लोगों का आरटीपीसीआर टेस्ट कराया गया। उन्होंने कहा कि यह तो हमारे गांव की कोरोना को लेकर सावधानियां रहीं कि सभी की रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त हुई।

निश्चित अंतराल पर गांव होता है सेनेटाइज

इतना ही नहीं, समिति अध्यक्ष राधेश्याम पाटीदार द्वारा ग्राम में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए माइक से अनाउंसमेंट किया जाता है तथा लोगों को अपनी जांच कराने, मास्क पहनने, बार-बार साबुन से हाथ धोने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाता है। वॉलंटियर्स की टीम द्वारा वैक्सीनेशन के लिए भी सहयोग किया जा रहा है। लोगों को वैक्सीनेशन सेंटर्स तक ले जाने का कार्य भी वालेंटियर्स कर रहे हैं। इसके अलावा टीम के सदस्य ग्राम मुगालियाछाप को निश्चित अंतराल में सेनेटाइज भी करते रहते हैं।

जागरूकता अभियान से ग्रामीण हुए सावधान

वॉलंटियर्स की टीम द्वारा किए जा रहे कार्यों की वहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की डॉक्टर सोनल धोटे भी बार-बार प्रशंसा करती नजर आईं। डॉक्टर सोनल बताती हैं कि राधेश्याम एवं उनकी मित्र मण्डली में शामिल वॉलंटियर्स द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान का ही यह परिणाम है कि इस ग्राम के नागरिकों में अब बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ सकी है। यहां के लोग अपने जीवन को लेकर सावधान हो गए हैं और प्रारंभिक लक्षणों में ही अपनी जांच करा लेते हैं। शासन द्वारा तैयार की गई कोविड स्वास्थ्य किट का यहां भरपूर उपयोग किया जा रहा है, उसकी दवाएं तुरंत लेकर इस बीमारी को अपने से और अपने गांव से दूर रखने का प्रयास यहां के ग्रामीणों को अब तक उभरकर सामने आया है।

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