योगी के लिए योजना नहीं, संकल्प है मिशन शक्ति

गिरीश पांडेय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए “मिशन शक्ति अभियान” सिर्फ योजना नहीं संकल्प है। वह भी मुख्यमंत्री बनने के बहुत पहले से। दरअसल वह गोरखपुर स्थित जिस गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं शुरू से ही नारी सशक्तिकरण उसकी परम्परा रही है। पीठ की ओर से संचालित शैक्षिक प्रकल्प महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद कई दशकों से आधी आबादी के शैक्षिक पुनर्जागरण और आर्थिक स्वावलंबन का अलग-अलग तरीकों से पूरे पूर्वांचल में अलख जगा रहा है।

हर साल पड़ने वाले दोनों नवरात्रि में पीठ में इसका आध्यत्मिक रूप भी दिखता है। कन्या पूजन से इसका समापन होता है। खुद पीठाधीश्वर के रूप में मुख्यमंत्री कन्यायों का पांव पखारते हैं। उनको भोजन कराते हैं और दक्षिणा देकर विदा करते हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद व्यापक फलक पर मिशन शक्ति के रूप में वह अपने इन संकल्पों को मूर्त रूप देने में जुटे हैं।

मालूम हो कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति जितनी ही प्राचीन है देश में नारियों को सम्मान देने की परंपरा। इसी को आगे बढ़ाने के लिए पिछले साल शारदीय नवरात्रि के दिन मुख्यमंत्री ने मिशन शक्ति की शुरुआत की थी। 21 अगस्त से शुरू मिशन शक्ति के तीसरे चरण की मंशा भी यही है। मिशन शक्ति के प्रथम चरण की शुरुआत और इसके लिए चयनित स्थान (देवीपाटन ) खुद में एक संदेश था कि निजी तौर पर और मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ महिलाओं के सुरक्षा और स्वावलंबन को लेकर कितने संजीदा है।

वैसे तो गोरक्षपीठ की ख्याति योग को लोक कल्याण का जरिया बनाने की है। इसी लोक कल्याण के ध्येय को और विस्तारित करते हुए 1932 में तत्कालीन पीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की थी। इस शिक्षा परिषद को योगी आदित्यनाथ के गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने और पुष्पित पल्लवित किया तो वर्तमान पीठाधीश्वर ने इसे वटवृक्ष का रूप दिया। आज इस परिषद के प्रबंधन में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा, व्यावसायिक, तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में दर्जनों शैक्षिक प्रकल्प संचालित हैं।

इन शिक्षण संस्थाओं में से कई में बालिकाओं के लिए सह शिक्षा (कोएजूकेशन) की व्यवस्था है। आठ ऐसे शिक्षण संस्थान हैं जो विशेष तौर पर बालिकाओं की शिक्षा और उनके स्वावलंबन के लिए ही समर्पित हैं। महाराणा प्रताप बालिका इंटर कॉलेज, महाराणा प्रताप महिला पीजी कॉलेज, महाराणा प्रताप टेलरिंग कॉलेज, दिग्विजयनाथ बालिका पूर्व माध्यमिक विद्यालय, महाराणा प्रताप मीराबाई महिला छात्रावास, दिग्विजयनाथ महिला छात्रावास, गुरु श्रीगोरक्षनाथ स्कूल ऑफ नर्सिंग, योगिराज बाबा गम्भीरनाथ निशुल्क सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण केंद्र जैसे संस्थानों से प्रतिवर्ष हजारों बालिकाएं अपने जीवन पथ पर ससम्मान आगे बढ़ रही हैं।

मुख्यमंत्री बनने के बाद भी पीठ की परंपरा के अनुसार विभिन्न योजनाओं के जरिए अबला कही जाने वाली नारी को वह सबला बनाने की पूरी शिद्दत और संजीदगी से प्रयासरत हैं। मिशन शक्ति के साथ स्वयं सहायता समूह,निराश्रित महिला पेंशन और कन्या सुमंगला जैसी योजनाएं इसका जरिया बन रही हैं।

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