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किसानों का भरोसा भाजपा पर कायम, विपक्ष को नहीं मिल पा रही बढ़त

पिछली सरकार में किसानों को 29,990 करोड़ का भुगतान हुआ, जबकि भाजपा सरकार में 77,405 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान पिछले साल दिसंबर तक हुआ और अभी भी खरीद चल रही .

लखनऊ। विधानसभा चुनाव के दौरान विपक्ष की ओर से किसानों को लेकर किए जा रहे घोषणाओं पर भाजपा सरकार का कार्यकाल भारी पड़ रहा है। सरकार ने पिछली सरकार की तुलना में रिकार्ड तोड़ते हुए दुगुना से अधिक किसानों को लाभ पहुंचाया है। पारदर्शी तरीके से एमएसपी से खरीद और सीधे किसानों के खाते में त्वरित भुगतान से पिछली सरकार की तुलना में भाजपा सरकार में दुगुने से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं। यही कारण है कि किसानों का भरोसा भाजपा पर कायम है और विपक्ष को बढ़त नहीं मिल पा रही है। चुनावी माहौल में सियासी दल किसानों को लुभाने के लिए रोज नए शिगूफे छोड़ रहे हैं, लेकिन इसका असर धरातल पर नहीं दिख रहा है। इसकी कई वजहें हैं।

  • भाजपा सरकार ने पिछली सरकार की तुलना में दुगुना से अधिक किसानों को पहुंचाया लाभ . पारदर्शी तरीके से एमएसपी से खरीद, सीधे किसानों के खाते में हुआ त्वरित भुगतान .पिछली सरकार में धान-गेहूं के किसानों से 217 लाख मीट्रिक टन खरीद हुई, जबकि भाजपा सरकार में पिछले साल दिसंबर तक 454 लाख मीट्रिक टन हुई.पिछली सरकार में 33.89 लाख किसान लाभान्वित हुए, जबकि पिछले पांच साल में 75.63 लाख किसान लाभान्वित हुए .

भाजपा सरकार ने किसानों के हितों के लिए जो कार्य किए हैं, वह पिछली सरकारों की करनी और कथनी को उजागर कर दे रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछली सरकार में धान और गेहूं के किसानों से 217 लाख मीट्रिक टन खरीद हुई थी। जबकि भाजपा सरकार में पिछले साल दिसंबर माह तक 454 लाख मीट्रिक टन हुई है। इससे पिछली सरकार में 33.89 लाख किसान लाभान्वित हुए थे। जबकि अब 75.63 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं। पिछली सरकार में इन किसानों को 29,990 करोड़ का भुगतान किया गया था। जबकि भाजपा सरकार में पिछले साल दिसंबर तक किसानों को 77,405 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है और अभी भी खरीद चल रही है।

एमएसपी से खरीद में तोड़ा रिकार्ड, अभी भी चल रही खरीद

योगी सरकार ने किसानों से एमएसपी से खरीद में भी रिकार्ड तोड़ा है। पिछली सरकार में धान की खरीद 123 लाख मीट्रिक टन हुई थी। जबकि योगी सरकार में पिछले साल 15 दिसंबर तक 244 लाख मीट्रिक टन हुई है। ऐसे ही गेहूं की खरीद पिछली सरकार में 94 लाख मीट्रिक टन हुई थी। जबकि योगी सरकार में 210 लाख मीट्रिक टन हुई है। एमसपी पर अनाज की खरीद से पिछली सरकार में मात्र 14.87 लाख (धान) किसान लाभान्वित हुए थे। जबकि योगी सरकार में 31.88 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं। ऐसे ही गेहूं की खरीद में पिछली सरकार में 19.02 लाख किसान लाभान्वित हुए थे। जबकि योगी सरकार में 43.75 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं और अभी भी खरीद चल रही है।

डीबीटी से सीधे किसानों के खाते में किया भुगतान

सरकार की ओर से अनाज की खरीद का भुगतान सीधे किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से किया गया है। जबकि पहले यह बिचौलियों के माध्यम से आधा अधूरा किसानों को मिल पाता था। पिछली सरकार में गेहूं किसानों को 12,800 करोड़ और धान किसान को 17,190 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था। जबकि योगी सरकार में गेहूं किसानों को 36,405 करोड़ रुपए और धान किसानों को 41 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है और यह प्रक्रिया अभी भी चल रही है।

धान, गेहूं, दलहन और तिलहन का उत्पादन भी बढ़ा

सरकार के प्रयासों से किसानों को दी गई सहूलियतों के कारण धान, गेहूं, दलहन और तिलहन का उत्पादन भी बढ़ा है। धान का उत्पादन पिछली सरकार में 144 लाख मीट्रिक टन हुआ था, जबकि वर्तमान सरकार में 171 लाख मीट्रिक टन, गेहूं का उत्पादन पिछली सरकार में 349 लाख मीट्रिक टन और योगी सरकार में 375 लाख मीट्रिक टन, दलहन का उत्पादन पिछली सरकार में 74 लाख मीट्रिक टन और योगी सरकार में 95.90 लाख मीट्रिक टन और तिलहन का उत्पादन पिछली सरकार में 41 मीट्रिक टन और योगी सरकार में 69.67 लाख मीट्रिक टन हुआ है।

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