प्राक्रतिक खेती के लिये बजट में किया गया प्रावधान स्वस्थ भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा:मुख्यमंत्री 

कैपिटल इन्वेस्टमेंट के लिये 10 लाख करोड़ का प्रावधान उत्तर प्रदेश को इन्फ्रास्ट्रकचर प्रदेश बनाने में अत्यंत सहायक सिद्व होगा.MSME को प्रदान की जाने वाली प्रस्तावित क्रेडिट गारंटी घरेलू अर्थव्यवस्था एवं रोजगार को नई उड़ान देगी.

लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में बुधवार को संसद में केन्द्र सरकार का अमृत काल का पहला आम बजट प्रस्तुत किया गया। वित्तीय वर्ष 2023-24 का यह बजट एक लोक कल्याणकारी बजट जो गाँव, गरीबों, किसानों, जनजातीय, दलितों, पिछड़ों, शोषितों, वंचितों, दिव्यांगजनों, आर्थिक रूप से कमजोर तथा मध्यम वर्ग के लोगों को सशक्त और सक्षम बनाएगा। यह बजट ग्राम विकास, कृषि विकास, श्रमिक कल्याण, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी क्षेत्रों सहित देश के समग्र विकास को समर्पित है। इस बजट के माध्यम से युवाओं के सपने साकार होंगे।

मुख्यमंत्री ने आज अपने सरकारी आवास पर आहूत प्रेसवार्ता में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस बजट की सात प्रथमिकताएं हैं, जिन्हें सप्तऋषि कहा गया है। यह प्राथमिकताएं हैं- (1) समावेशी विकास, (2) अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचना, (3) अवसंरचना एवं निवेश, (4) सक्षमता को सामने लाना, (5) हरित विकास, (6) युवा शक्ति, (7) वित्तीय क्षेत्र। भारत के अमृत काल का यह पहला बजट सप्तऋषि के समान देश का मार्गदर्शन करेगा तथा आकांक्षी भारत के लक्ष्यों को पूरा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

2022-23 के केन्द्रीय करों में राज्य का अंश रू0 01 लाख 46 हजार करोड़ से बढ़ाकर 2023-24 में 01 लाख 83 हजार करोड़ प्रस्तावित किया गया है जो नये भारत के नये उत्तर प्रदेश के निर्माण में उपयोगी सिद्ध होगा.100 प्रतिशत मशीन आधारित सीवर सफाई जहॉ एक तरफ स्वच्छ भारत के कार्यक्रम को और तेजी से आगे बढ़ायेगा तथा सरकार की संवदेनशीलता को रेंखाकिंत करता है.

यह बजट महज वर्ष 2023-24 के डेवलपमेंट का एजेंडा नहीं है, बल्कि देश के लिए अगले 25 से 50 साल हेतु विकसित अर्थव्यवस्था की बुनियाद रखने वाला ब्लू प्रिंट है। देश के 75वें आम बजट में  प्रधानमंत्री  की मंशा के अनुरूप ‘ईज ऑफ लिविंग’ को बढ़ाने पर जोर दिया गया है।प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा देश के नागरिकों को सामाजिक न्याय, समानता, सम्मान और समान अवसर उपलब्ध कराने वाला बजट है। यह दुनिया में सबसे तेज गति से देश को विकास की राह दिखाने वाला और भारत को सुपर इकोनॉमिक पावर बनाने वाला बजट है। उन्होंने सर्व स्पर्शी, सर्व-समावेशी (Inclusive) एवं देश के जन-जन और हर क्षेत्र के सर्वांगीण कल्याण के प्रति समर्पित आम बजट के लिए प्रधानमंत्री , वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन एवं उनकी पूरी टीम का हार्दिक अभिनंदन किया है।

नागरिकों के लिए बड़े अवसर उपलब्ध कराना, विकास और रोजगार सृजन को मजबूत प्रोत्साहन प्रदान करना और व्यापक आर्थिक स्थिरता को सुदृढ़ करना आम बजट 2023-24 का एजेंडा है। सर्वसमावेशी और सर्वकल्याणकारी इस केन्द्रीय बजट में प्रधानमंत्री  के संकल्प ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के अनुरूप सभी वर्गों का पूरा ध्यान रखा गया है।अन्त्योदय योजना के तहत गरीबों के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति को एक वर्ष के लिए बढ़ा देने से उत्तर प्रदेश के 15 करोड़ जरूरतमंदों सहित देश के 80 करोड़ लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

इस बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना का बजट बढ़ा कर 79 हजार करोड़ रुपए प्रस्तावित किया गया है। उत्तर प्रदेश में इस योजना के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के 45 लाख परिवारों को आवास मिल चुके हैं। केन्द्र सरकार के सहयोग से ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ के लक्ष्यों को पूरा किया जाएगा।इस वर्ष के केन्द्रीय बजट में वर्ष 2014 से स्थापित मौजूद 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नये नर्सिंग कॉलेज स्थापित किये जाने का प्रस्ताव है। यह प्राविधान प्रदेश में ‘एक जनपद, एक मेडिकल कॉलेज, एक नर्सिंग कॉलेज’ की परिकल्पना को साकार करने में तथा स्वास्थ्य अधोसंरचनाओं को सुदृढ़ करने में सहायक सिद्ध होगा। नर्सिंग व पैरामेडिकल की शिक्षा के क्षेत्र में ट्रांसफॉर्मेशन लाने के लिए संचालित ‘मिशन निरामयाः’ को इससे जोड़कर केन्द्र की पहल का भरपूर लाभ लेने का प्रयास किया जाएगा।

प्रधानमंत्री  ने इस बजट के माध्यम से पुरानी टैक्स व्यवस्था को खत्म करते हुए मध्य वर्ग के नौकरीपेशा लोगों को ऐतिहासिक तोहफा दिया है। अब नौकरी पेशा लोगों को 7 लाख रुपये सालाना की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। मोटे अनाज उगाने के मोर्चे पर भारत लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। भारत ‘श्री अन्न’ (ज्वार, रागी, बाजरा, कुट्टू, रामदाना, कंगनी, कुटकी, कोदो, चीना और सामा) का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। भारत को श्री अन्न का ग्लोबल हब बनाने के लिए हम कटिबद्ध हैं। मिलेट्स (ज्वार, बाजरा, कोदो, सावां, रागी/मडुआ आदि) की खेती, प्रसंस्करण एवं उपभोग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा ‘उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम’ के संचालन का निर्णय लिया गया है।

पिछड़े जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए PMPBTG विकास मिशन शुरू किये जाने का निर्णय केन्द्र सरकार की जनजाति विकास के प्रति गंभीरता को दिखाता है। इस योजना के लिए लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का कोष बनाया गया है जिससे PBTG बस्तियों में बुनियादी सुविधाएं दी जाएंगी। 100 प्रतिशत मशीन आधारित सीवर सफाई जहॉ एक तरफ स्वच्छ भारत के कार्यक्रम को और तेजी से आगे बढ़ायेगा तथा सरकार की संवदेनशीलता को रेंखाकिंत करता है

बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय स्थापित किया जाना और अगले 3 साल में 740 एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स और सपोर्ट स्टाफ नियुक्त किए जाने का निर्णय युवा शक्ति के भविष्य निर्माण में सहायक होगा। इस हेतु मा0 प्रधानमंत्री जी का आभार।केन्द्र सरकार द्वारा पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किये जाने के प्रस्ताव से प्रदेश के कृषि के ईको सिस्टम को मजबूती प्राप्त होगी।अगले 03 साल तक 01 करोड़ किसानों को नेचुरल फॉर्मिंग में मदद की जाएगी। प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व से ही प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

कृषि से जुड़े स्टार्टअप को प्राथमिकता देने और इसके लिए युवा उद्यमियों हेतु कृषिवर्धक निधि स्थापित करने से उत्तर प्रदेश के कृषि सेक्टर में विविधीकरण बढ़ेगा और ग्रामीण इलाकों के हमारे प्रतिभाशाली युवाओं के लिए नवाचार और स्वावलम्बन के नये अवसर सृजित होंगे। 6,000 करोड़ रुपये के Fund से पी0एम0 मत्स्य संपदा योजना की नई उप-योजना मछुआरे, मछली विक्रेताओं और इस क्षेत्र के micro और small उद्यमियों को और सशक्त बनाएगी।

युवाओं के सपनों को उड़ान देने के लिए पी0एम0 कौशल विकास योजना 4.0 की घोषणा का प्रदेश सरकार स्वागत करती है। इसके तहत देश भर में 30 स्किल इंडिया इण्टरनेशनल सेंटर स्थापित किये जायेंगे जो युवाओं के कौशल में और निखार लाएगा और उन्हें आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करेगा। 3 वर्षों में 47 लाख युवाओं को छात्रवृत्ति सहायता प्रदान करने के लिए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण शुरू किया जाएगा। इसका सर्वाधिक लाभ उत्तर प्रदेश की युवा शक्ति को प्राप्त होगा।

केन्द्र सरकार द्वारा महिला सम्मान विकास पत्र जारी करने के प्रस्ताव के अन्तर्गत महिलाओं को अब 2 लाख रुपए की बचत पर सालाना 7.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। इससे हमारी सरकार द्वारा संचालित ‘मिशन शक्ति’ को गति मिलेगी। वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेविंग्स एकाउंट में रखी जाने वाली रकम की लिमिट को भी 4.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 9 लाख रुपए करने का प्रस्ताव है। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की लिमिट को 15 लाख से बढ़ा कर 30 लाख रुपये किया जाना वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा।

वर्ष 2023-24 का आम बजट ‘Green Growth’ के लक्ष्य का आधार है। नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,700 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है। सरकार द्वारा वर्ष 2030 तक 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। एनर्जी ट्रांजिशन के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। भारत के लिये A.I. विकास की योजना तकनीकी रूप से सशक्त भारत के निर्माण की नींव रखेगा। 5जी सर्विस पर चलने वाले ऐप डेवलप करने के लिए इंजीनियरिंग संस्थानों में 100 लैब बनाई जाएंगी। इन लैब्स के जरिए नए अवसर, बिजनेस मॉडल और रोजगार की संभावनाएं बनेंगी। इन लैब्स में स्मार्ट क्लासरूम, प्रिसाइजन फार्मिंग, इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम और हेल्थकेयर जैसे फील्ड्स के लिए ऐप्स तैयार होंगे।

रेलवे के लिए 02 लाख 40 हजार करोड़ रुपए का बजट दिया गया है, जो वित्तीय वर्ष 2013-14 के बजट से 09 गुना अधिक है। इन्वेस्टमेंट खर्च को 10 लाख करोड़ रुपए किया जा रहा है। राज्यों को मिलने वाले इंटरेस्ट-फ्री लोन को भी एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। साथ ही इसकी पूंजी को भी 1.30 लाख करोड़ रुपये बढ़ा दिया गया है। इससे राज्य को लोक कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में सहायता मिलेगी। रीजनल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए 50 नए एयरपोर्ट, हेलिपैड, वॉटर एरो ड्रोन, एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड्स का विकास किया जाएगा। सरकार शहरी बुनियादी ढांचा विकास कोष के लिए हर साल 10,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूती प्रदान करेगी।

MSME को 09 हजार करोड़ रुपए की क्रेडिट गारंटी दी जाएगी। इससे उन्हें दो लाख करोड़ रुपए का एक्स्ट्रा कोलेटरल फ्री क्रेडिट भी मिल सकेगा। यह राज्य की घरेलू अर्थव्यस्था को एक नई मजबूती देगी तथा इससे रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।उत्तर प्रदेश में देश में सबसे अधिक 96 लाख एम0एस0एम0ई0 इकाइयां है। निश्चित तौर पर प्रदेश के एम0एस0एम0ई0 उद्यमी इनसे सर्वाधिक लाभान्वित होंगे।भारत सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष के अपने बजट में म्युनिसिपल बॉन्ड के लिए शहरों को तैयार किये जाने पर बल दिया है। प्रदेश के लखनऊ और गाजियाबाद नगर निगमों द्वारा पूर्व में बॉन्ड जारी किये जा चुके हैं। केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश के अन्य नगर निगमों को म्युनिसिपल बॉन्ड के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। टीयर-2 तथा टीयर-3 शहरों में इन्फ्रास्ट्रक्चर सृजन के लिए केन्द्र द्वारा शहरी अवसंरचना विकास निधि स्थापित की जाएगी। उत्तर प्रदेश इसका सबसे बड़ा लाभार्थी होगा।

प्रधानमंत्री  के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार की कतिपय पहलों को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जा रहा है। इसके लिए मैं उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूं। केन्द्र सरकार द्वारा देश में 500 ब्लॉकों को कवर करते हुए ‘आकांक्षी ब्लॉक’ कार्यक्रम शुरू किया गया है। पारम्परिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए ‘पी0एम0 विश्वकर्मा कौशल सम्मान (पी0एम0 विकास)’ के माध्यम से सहायता पैकेज की संकल्पना बनायी गई है। ओ0डी0ओ0पी0 (एक जिला एक उत्पाद), जी0आई0 उत्पाद, अन्य हस्तशिल्प उत्पाद के प्रोत्साहन व बिक्री के लिए राज्यों को अपनी राजधानी अथवा वित्तीय राजधानी अथवा सबसे प्रमुख पर्यटन केन्द्र पर एक यूनिटी मॉल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। 50 पर्यटन स्थलों की पहचान की जाएगी।घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन के संपूर्ण पैकेज के रूप में इन्हें विकसित किया जाएगा।

जैव विविधता, कार्बन स्टॉक, इकोटूरिज्म के अवसरों और स्थानीय समुदायों के लिए आय बढ़ाने के लिए अगले 3 वर्षों में अमृत धरोहर योजना लागू की जाएगी। 10,000 करोड़ रुपये के कुल निवेश पर सर्कुलर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए GOBARdhan योजना के तहत 500 नए वेस्ट-टू-वेल्थ प्लांट स्थापित किए जाएंगे। 2022-23 के केन्द्रीय करों में राज्य का अंश रू0 01 लाख 46 हजार करोड़ से बढ़ाकर 2023-24 में 01 लाख 83 हजार करोड़ प्रस्तावित किया गया है जो नये भारत के नये उत्तर प्रदेश के निर्माण में उपयोगी सिद्ध होगाहरित विकास पर प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप यह बजट है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में देश की आर्थिक विकास दर 07 प्रतिशत होने के अनुमान है। यह विकास दर दुनिया की समस्त प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। प्रधानमंत्री  के यशस्वी नेतृत्व और मार्गदर्शन में भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है।

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