प्रधानमंत्री ने किसानों को दिया मजबूत तर्क , कहा हम किसान का हर हाल में हित करते रहेंगे
वाराणसी। 23 वीं बार अपने संसदीय क्षेत्र काशी पहुंचे पीएम मोदी ने कहा कि भारत के कृषि उत्पाद पूरी दुनिया में मशहूर हैं। क्या किसान की इस बड़े मार्केट ,ज्यादा दाम तक पहुंच नहीं होनी चाहिए? अगर कोई पुराने सिस्टम से ही लेनदेन ठीक समझता है तो, उस पर भी कहां रोक लगाई गई है। प्रधानमंत्री ने अपने मजबूत तर्को से पूरी बात बताई।उन्हों ने किसानों की समस्याओं का समाधान करने की बात कही और बताया कि हम हर हाल में किसानों का हित करते रहेंगे। इस दौरान किसी की साजिश इसमें कदापि काम नहीं आएगी।
विरोध कर रहे किसानों को पीएम ने समझाया
प्रधानमंत्री ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को समझाते हुए कहा कि नए कृषि सुधारों से किसानों को नए विकल्प, नए कानूनी संरक्षण दिए गए हैं। पहले मंडी के बाहर हुए लेनदेन ही गैरकानूनी थे। अब छोटा किसान भी, मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी कार्यवाही कर सकता है। किसान को अब नए विकल्प भी मिले हैं धोखे से बचाने के लिए किसानों को कानूनी संरक्षण भी अब मिला है।
इस सरकार का ट्रैक रिकार्ड देखिये
उन्होंने कहा कि जब इस सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड देखेंगे तो सच अपने आप सामने आ जाएगा। हमने कहा था कि हम यूरिया की कालाबाज़ारी रोकेंगे किसान को पर्याप्त यूरिया देंगे। बीते 6 साल में यूरिया की कमी नहीं होने दी। यहां तक कि लॉकडाउन तक में जब हर गतिविधि बंद थी, तब भी दिक्कत नहीं आने दी गई।
सरकार ने वादा निभाया
पीएम मोदी ने किसानों को बताया कि हमने वादा किया था कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुकूल लागत का डेढ़ गुणा एमएसपी देंगे। ये वादा सिर्फ कागज़ों पर ही पूरा नहीं किया गया, बल्कि किसानों के बैंक खाते तक पहुंचाया है।
दालों की खरीद में 75 गुना हुई बढोत्तरी
पीएम ने कहा कि सिर्फ दाल की ही बात करें तो 2014 से पहले के 5 सालों में लगभग साढ़े 6 सौ करोड़ रुपए की ही दाल किसान से खरीदी गईं। लेकिन इसके बाद के 5 सालों में हमने लगभग 49 हज़ार करोड़ रुपए की दालें खरीदी हैं यानि लगभग 75 गुणा बढ़ोतरी।
धान की खरीद को लेकर उन्होंने कहा कि 2014 से पहले के 5 सालों में पहले की सरकार ने 2 लाख करोड़ रुपए का धान खरीदा था। लेकिन इसके बाद के 5 सालों में 5 लाख करोड़ रुपए धान के MSP के रूप में किसानों तक हमने पहुंचाए हैं यानि लगभग ढाई गुणा ज्यादा पैसा किसान के पास पहुंचा है।
गेंहू की सरकारी खरीद हुई दो गुना
काशी में पीएम ने कहा कि 2014 से पहले के 5 सालों में गेहूं की खरीद पर डेढ़ लाख करोड़ रुपए के आसपास ही किसानों को मिला। हमारे 5 सालों के कार्यकाल में 3 लाख करोड़ रुपए गेहूं किसानों को मिल चुका है।यह लगभग दोगुना हो गया है।किसानों से सवाल पूछते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अब आप ही बताइए कि अगर मंडियों से MSP को ही हटाना था, तो इनको ताकत देने, इन पर इतना निवेश ही क्यों करते? हमारी सरकार तो मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि जिन किसान परिवारों की अभी भी कुछ चिंताएं हैं, कुछ सवाल हैं, तो उनका जवाब भी सरकार निरंतर दे रही है. मुझे विश्वास है, आज जिन किसानों को कृषि सुधारों पर कुछ शंकाएं हैं, वो भी भविष्य में इन कृषि सुधारों का लाभ उठाकर, अपनी आय बढ़ाएंगे.