UP Live

नेशनल हाइवे निर्माण कार्य की बढ़ी रफ्तार, मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस वे का निर्माण विश्व रिकॉर्ड के करीब

मंत्रालय ने 33 किमी प्रतिदिन से बढ़ाकर 40 किमी का लक्ष्य रखा

राष्ट्रीय राजमार्गों को और सरल, सुगम बनाने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय जहां राजमार्ग का निर्माण और चौड़ी करण का काम तेजी से कर रही है, वहीं राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए रेटिंग जारी भी जारी की। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क निर्माण कार्य अब रिकॉर्ड स्तर 33 किलोमीटर प्रति दिन तक पहुंच गया है। अब तक 11,035 किमी हाइवे का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने प्रतिदिन 40 किलोमीटर सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा और अभी 31 मार्च तक का समय बाकी है।

इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने नेशनल हाईवे स्ट्रेच की रेटिंग और रैंकिंग जारी करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि राजमार्गों की रेटिंग का मूल उद्देश्य “राजमार्ग उपयोगकर्ताओं के लिहाज से तनाव मुक्त वातावरण में अधिकतम सुरक्षाके साथ यात्रा का न्यूनतम समय” है। उन्होंने सड़क निर्माण से जुड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि ये इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है कि इसे कोरोना महामारी के बीच हासिल किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य भी विश्व रिकॉर्ड के करीब है।

एक समय दो किलोमीटर प्रतिदिन थी राजमार्ग निर्माण की रफ्तार

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय का प्रभार संभालने से पूर्व देश में राजमार्ग निर्माण की रफ्तार केवल दो किलोमीटर प्रतिदिन थी और 3.85 लाख करोड़ रुपये के निवेश की 406 परियोजनाएं अटकी हुई थीं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी अड़चनों को दूर करने और राजमार्ग निर्माण की रफ्तार को तेज करने के लिए काफी प्रयास किए गए। इसके तहत 40 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं को रद्द किया गया। इससे सड़क निर्माण की रफ्तार में तेजी लाई जा सकी। उन्होंने कहा कि अब मंत्रालय मार्च के अंत तक प्रतिदिन 40 किलोमीटर राजमार्ग के निर्माण का लक्ष्य लेकर चल रहा है। वहीं टोल प्लाजा को लेकर उन्होंनें कहा कि मंत्रालय ने देश भर में टोल प्लाजा की वास्तविक समय निगरानी शुरू कर दी है। विश्लेषणात्मक आंकड़ों और त्वरित निर्णय लेने वाले आउटपुट के साथ केंद्रीय निगरानी प्रणाली का उपयोग करके टोल प्लाजा / शहर की सड़कों / राजमार्गोंपर यातायात की समस्या को हल करने के लिए यह एक सरल सहायता उपाय है। इसकी वजह से उपयोगकर्ता के अनुभव को बेहतर बनाने, ईंधन की बर्बादी को रोकने, लागत में कमी लाने और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की सुविधा प्रदान करता है।

आईआईटी और इंजीनियरिंग छात्रों को भी जोड़ा जाएगा

इस अवसर पर नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए समस्याओं को दूर करने और उनमें कमी लाने में भी सहायता मिलेगी। साथ ही आईआईटी और इंजीनियरिंग छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हें इस कार्य प्रणाली में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, फास्टैग मुद्दे प्रारंभिक समस्याएं हैं और उन्हें धीरे-धीरे हल किया जा रहा है।

VARANASI TRAVEL
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Back to top button
%d bloggers like this: