लंदन : विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर मसले का एकमात्र बाकी हल पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले हिस्से की वापसी है।डाॅ. जयशंकर ने कल शाम यहां चैथम हाॅल में संवाद कार्यक्रम में एक पाकिस्तानी पत्रकार के जम्मू-कश्मीर के मसले के समाधान के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा, “हमने इसमें से अधिकांश को हल करने के लिए अच्छा काम किया है। अनुच्छेद 370 को हटाना, विकास और समृद्धि को बहाल करना, चुनाव आयोजित करना जिसमें अभूतपूर्व मतदान दर्ज किया गया है।
”विदेश मंत्री ने कहा, “हम जिस चीज़ का इंतजार कर रहे हैं, वह कश्मीर के चोरी हुए हिस्से की वापसी है, जो अवैध पाकिस्तानी कब्जे में है। जब ऐसा किया जाएगा, तो मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, कश्मीर मसला हल हो जाएगा।”पाकिस्तानी पत्रकार ने पूछा था कि अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प शांति एवं बातचीत से विवादों के समाधान के पक्षधर हैं तो क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कश्मीर के मसले के समाधान के लिए बात करेंगे।अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की नीतियों के भारत पर प्रभाव से संबंधित एक सवाल के जवाब में कहा, “पिछले कुछ हफ्तों में हमने जो कुछ भी देखा है, वह वैसा ही है जैसी हमें पहले से उम्मीद थी। मुझे तो इस बात का आश्चर्य है, लोग आश्चर्यचकित हो रहे हैं।
”इससे पहले लंदन की सड़कों पर खालिस्तानी अलगाववादियों एवं आतंकवादियों ने विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर के काफिले को रोक कर भारत विरोधी नारेबाजी की और भारत के राष्ट्रीय ध्वज को फाड़ कर अपमान किया। लंदन पुलिस के अधिकारी इस घटना के मूकदर्शक बने रहे।इस घटना की भारत के विदेश मंत्रालय ने कड़ी निंदा की है और ब्रिटिश सरकार का उसके राजनयिक दायित्वों का निर्वहन करने का आह्वान किया है।
भारत ने की जयशंकर की ब्रिटेन यात्रा के दौरान खालिस्तानियों के हंगामे और राष्ट्रध्वज के अपमान की कड़ी निंदा
भारत ने विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर की ब्रिटेन यात्रा के दौरान खालिस्तानी अलगाववादियों एवं आतंकवादियों द्वारा हंगामा और भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किए जाने की निंदा की है तथा ब्रिटिश सुरक्षा एजेंसियों की निष्क्रियता पर क्षोभ व्यक्त किया है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यहां मीडिया के सवालों पर कहा, “हमने विदेश मंत्री की ब्रिटेन की यात्रा के दौरान सुरक्षा भंग के फुटेज देखे हैं। हम अलगाववादियों और चरमपंथियों के इस छोटे समूह की भड़काऊ गतिविधियों की निंदा करते हैं। हम ऐसे तत्वों द्वारा लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग की भर्त्सना करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि ऐसे मामलों में मेजबान सरकार अपने राजनयिक दायित्वों को पूरी तरह से पूरा करेगी।
”उल्लेखनीय है कि खालिस्तानी आतंकवादियों ने लंदन में डॉ. जयशंकर का रास्ता रोकने करने का प्रयास किया, भारत विरोधी नारे लगाये तथा भारतीय ध्वज फाड़ दिया जबकि वहां मौजूद स्थानीय सुरक्षा अधिकारी हस्तक्षेप करने की बजाय पूरी तरह से निष्क्रिय और उदासीन बने रहे।(वार्ता)