नर्स को घर से बाहर रहना पड़ा
पटना। एक तरफ जहां कोरोना से लड़ाई लड़ रहे पुलिस,डॉक्टर, नर्स, का हौसला बढ़ाने के लिए पूरा देश ताली और थाली बजाकर उन्हें सम्मान देता है, तो वहीं दूसरी तरफ कई ऐसे लोग भी हैं जो उनके साथ अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं, और ऐसा करने में उन्हें शर्म तक नही आती।
ताजा मामला पीएमसीएच की एक नर्स का है। लॉकडाउन के अगले दिन ही उनके मकान मालिक ने उन्हें घर आने से मना कर दिया। उन्होंने बताया कि वे खेमनीचक में किराए के मकान में रहती थी। लॉकडाउन के अगले दिन जब वे अस्पताल में ही थीं तो उनके मकान मालिक ने उन्हें फोन पर घर आने से मना कर दिया। मकान मालिक का कहना है कि आप या तो पीएमसीएच में ड्यूटी करेंगीं नहीं, तो फिर आप घर में रहेंगी। अब ड्यूटी करोगी तो आपको घर में घुसने नहीं दिया जाएगा, ताला लगा दिया जाएगा।
जिसके बाद से वे पीएमसीएच में कार्यरत अपनी सहयोगी के घर पर 12 दिनों से रह रही है। इसके साथ ही मकान मालिक ने कहा कि आपका सामान सुरक्षित है, और कोरोना संकट खत्म होने के बाद, जब चाहे, आप घर आकर रह सकती हैं।
नर्स ने बताया कि अच्छी बात मेरे साथ यह रही कि परिवार के लोग अभी पटना में नहीं थे। वह सभी गांव गए हुए थे, और अभी तक गांव में ही है। उसने कहा कि मैंने मकान मालिक को काफी समझाया कि मेरी ड्यूटी कोरोना आइसोलेशन वार्ड में नहीं है। पीएमसीएच में कोरोना का कोई भी मरीज नहीं है। प्रशासन से शिकायत करने की भी बात कही, लेकिन मकान मालिक अपने फैसले पर अडिग रहे।
फिर यह सोचकर शिकायत नहीं की कि कहीं वह इससे नाराज होकर घर से सामान निकालने को भी ना बोल दे। यदि वह ऐसा करता है तो लॉकडाउन के दौरान मुझे घर कौन देगा, और मैं अपना सामान कहां रखूंगी। परिवार और रिश्तेदारों को भी यह बातें नहीं बताई, क्योंकि वह सुनकर परेशान हो जाएंगे।
इस घटना के बारे में बिहार ए ग्रेड नर्सेज एसोसिएशन की महासचिव प्रमिला कुमारी से पूछे जाने पर कहती हैं कि वह नर्स अभी मेरे घर पर ही रह रही है।कोरोना के कारण ऐसी परेशानी इन दिनों कई और नर्सों के साथ भी हो रही है। बेहतर होगा कि हम नर्सों को ऐसे हालात में सरकार फ्लैट मुहैया करवाएं, ताकि बिना किसी परेशानी के मरीजों की सेवा कर सकें। इस बारे में पीएमसीएच के अधीक्षक का कहना है कि अभी मेरे पास कोई ऐसा मामला नहीं आया है, अगर हमें इस तरह की शिकायत मिलती है तो परेशानी दूर करने की कोशिश की जाएगी।
मामला चाहे जो भी हो इस समय मानवता धर्म की लड़ाई में शामिल योद्धाओ के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार शोभा नही देता है। बिहार के मुख्यमंत्री को ऐसे मामलों पर संज्ञान लेना चाहिए और अमानवतावादी ऐसे लोग जो मानवता को शर्मसार कर कोरोना योद्धाओ को आहत कर रहें है, ऐसे लोगो पर कार्यवाई करना चाहिये।