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‘काशी-तमिल संगमम’ से राष्ट्रीय एकता को मिलेगा बल : एस गुरुमूर्ति

वाराणसी । काशी तमिल संगमम ( #Kashi_Tamil_Sangamam )में तमिलनाडु से आये व्यापारियों और उद्यमियों के दल ने बुधवार को बड़ालालपुर स्थित पं.दीन दयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल परिसर में आयोजित काशी तमिल व्यापार पाठशाला में भागीदारी की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के अंतर्गत काशी-तमिलनाडु के बीच आंतरिक व्यापार पर खुल कर दल में आये प्रतिनिधियों ने चर्चा की। कार्यक्रम में मौजूद बतौर मुख्य अतिथि एस. गुरुमूर्ति ने कहा कि ऐसे आयोजन से उत्तर एवं दक्षिण क्षेत्र का संतुलन और राष्ट्रीय एकता को बल मिलेगा। दोनों क्षेत्रों के धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं व्यापारिक स्थिति क्षमता तथा सम्भावनाओं के बारे में एक दूसरे को जानकारी मिलेगी। इससे भारत विश्वगुरु बनकर उभरेगा।

तमिलनाडु के जाने-माने व्यापारी और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर थायगराजन मिल्स प्रा.लि. हरि थंगराजन ने टेक्सटाइल क्षेत्र को लेकर तमिलनाडु को बेहतर स्थान बताया। उन्होंने कहा कि भारत में कृषि के बाद टेक्सटाइल सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र है। दोनों जगहों के बीच में आंतरिक व्यापार बढ़ाया जा सकता है, जिससे काशी और तमिलनाडु दोनों ही क्षेत्र को फायदा होगा। पद्मश्री डॉ. रजनीकांत ने भौगोलिक संकेत (जीआई) की महत्ता को विस्तार से बताया। भारत लगातार अपने उत्पादों को जीआई के माध्यम से ग्लोबल स्तर तक ले कर जाने के लिए अग्रसर है। तमिलनाडु और काशी में जीआई को लेकर काफी समानताएं हैं। जिसमें तमिलनाडु के अभी तक 9 जीआई उत्पाद हो चुके हैं और काशी क्षेत्र में 15 जीआई उत्पाद हैं और प्रधानमंत्री द्वारा ग्लोबल स्तर पर जीआई उत्पादों का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाता है।

एम चेयरमैन कृष्णन स्वीट्स प्राइवेट लिमिटेड, कोयंबटूर के द्वारा फूड क्षेत्र में उनके कंपनी के द्वारा बनाए जाने वाले ऑर्गेनिक स्वीट्स और एक्सपोर्ट क्वालिटी उत्पाद बनाने के बारे में बताया गया। अनुपम देवा मैनेजिंग डायरेक्टर सिगमा कैपेसिटर वाराणसी के द्वारा पर्यावरण संरक्षण को लेकर कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के माध्यम से किए जा रहे प्रयासों से अवगत करवाया। अन्य प्रमुख वक्ताओं ने उत्तर एवं दक्षिण के व्यापारिक रिश्ते को मजबूत करने को लेकर संभावनाओं को तलाशने एवं एक-दूसरे के साथ मिलकर व्यापार में वृद्धि का प्रस्ताव रखा।

नेशनल सेक्रेट्री आइआइए राजेश भाटिया ने अपील किया कि इसी तर्ज पर एक कार्यक्रम काशी के व्यापारियों को लेकर तमिलनाडु में भी आयोजित किया जाए। शाश्वत खेमका ने आये अतिथि व्यापारियों को धन्यवाद दिया और कहा कि व्यवसाय के लिए यात्रा करना सामान्य बात है, लेकिन व्यापार के विचार और नए क्षेत्र को बदलने के लिए यात्रा करना सराहनीय है। जो इस काशी और तमिल संगम के जरिए देखने को मिल रहा है। कार्यक्रम में तमिलनाडु के 250 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।

काशी तमिल संगमम में भाग लेने बाइक से काशी आये दंपति, गर्मजोशी से स्वागत

‘काशी तमिल संगमम’ को लेकर तमिलनाडु के लोगों में किस कदर उत्साह है। इसका नजारा बुधवार शाम को दिखा। संगमम में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के होशुर जिले के निवासी राजन अपनी पत्नी रमालक्ष्मी के साथ 32 घंटे में 1800 किलोमीटर की यात्रा बाइक से तय करके काशी पहुंचे। जिसने भी उनके जज्बे के बारे में सुना उनका जमकर उत्साह वर्धन कर स्वागत किया।राजन ने बताया कि वह एक सुंदर यात्रा पर तमिलनाडु से निकले थे। उन्हें यह जानकारी थी कि काशी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक भारत श्रेष्ठ भारत के उद्देश्य से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जानकारी के बाद उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत की। यात्रा के दौरान उन्होंने 2 जगहों पर विश्राम किया और वह बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी पहुंचे।

राजलक्ष्मी ने हर हर महादेव के नारे के साथ खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हम काशी पहुंचे हैं काशी में आयोजित काशी तमिल संगम में हम शामिल होकर अपने आपको काफी खुशनसीब समझ रहे हैं। इस सुंदर कार्यक्रम के आयोजन के लिए हम अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद करते हैं। राजन ने बताया कि हमारा यात्रा काफी यादगार रहा। हम दोनों पति-पत्नी ने हजारों किलोमीटर की यात्रा एक साथ तय की है । यात्रा में थोड़ी बहुत कठिनाइयां भी आई है। लेकिन यात्रा काफी अनुभव और सुखद रही है। इस तमिल संगमम में हम लोग पहुंचे हैं । यहां के विभिन्न स्थलों का भ्रमण करेंगे । यहां के सांस्कृतिक कार्यक्रम में हम हिस्सा लेंगे। राजलक्ष्मी ने कहा पति एक बहुत ही अच्छे कूक भी हैं जो दक्षिण के विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को बनाते हैं।(हि.स.)।

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