1 मई को भारत पहुंचेगी स्पुतनिक-V की पहली खेप…
महामारी से जंग में भारत के पास अब होंगे 3 हथियार
नई दिल्ली । कोरोना संक्रमण के खिलाफ भारत के पास अभी केवल दो टीके कोविशील्ड और कोवैक्सिन है, जिनके बल पर इस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई जारी है। लेकिन अगले महिने भारत को इस लड़ाई के लिए तीसरा हथियार हथियार मिलने वाला है। 1 मई को रूस में बनी स्पुतनिक-वी वैक्सीन की पहली खेप भारत पहुंच जाएगी, जिससे देश के टीकाकरण अभियान को गति मिलेगी। सूत्रों ने रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि भारत को एक मई को रूसी कोरोना वैक्सीन `स्पूतनिक वी` के पहली खेप मिल जाएगी।
बता दें, स्पुतनिक-वी वैक्सीन को गमालेया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित की गई है। आरडीआईएफ के प्रमुख किरिल दिमित्रिक ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रूस की वैक्सीन से भारत को कोरोना महामारी की दूसरी लहर से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।
देश में छह उत्पादन इकाइयां बनाएंगी स्पूतनिक-वी वैक्सीन
भारत में इस वैक्सीन की निर्माता कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दीपक सपरा ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘सीमित मात्रा में स्पूतनिक-वी की पहली खेप रूस से आयात की जाएगी। जैसे ही हम सीधे वैक्सीन की सप्लाई करने लगेंगे, रूस से आयात बंद कर दिया जाएगा। हमारी कंपनी ने भारत में स्पुतनिक-वी वैक्सीन बनाने के लिए छह उत्पादन इकाइयां चुनी हैं। इनमें से दो इकाइयों में जून-जुलाई से सप्लाई शुरू होने की उम्मीद है। अन्य दो इकाइयां अगस्त और आखिरी दो इकाइयां सितंबर-अक्टूबर से सप्लाई शुरू कर सकती हैं।’
सपरा ने आगे कहा, ‘रूस से आयात की जाने वाली वैक्सीन की पहली खेप सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार केंद्र, राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों को दी जाएगी। अभी इस वैक्सीन की कीमत निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है। आयात की गई वैक्सीन और देश में बनाई गई वैक्सीन की कीमतों में अंतर होगा।’ हालांकि, अधिकारी ने यह नहीं बताया कि कितनी वैक्सीन रूस से मंगाई जाएंगी।