बलियाः सरयू किनारे तुर्तीपार घाट पर शुक्रवार को एक लाचार बिटिया ने अपने पिता को मुखाग्नि दी तो बेटियों को बेटों से कमतर आंकने वाले चेहरे छिपाने लगे जबकि बेटियों पर गुमान करने वाले परिवार और समाज का सर फख्र से ऊंचा हो गया। वहीं अपने पिता के निधन पर बिलखती बिटिया और परिजनों का रोरोकर बुरा हाल है।
60 वर्षीय सागर सिंह है संपन्न किसान
भीमपुरा थाना के कसौंडर गांव निवासी सागर सिंह नामक किसान का गुरुवार को अचानक हृदयगति रुकने से निधन हो गया। घर में उनकी पत्नी और एकलौती बिटिया खुश्बू सिंह ही थे। मृतक सागर सिंह अपने तीन भाईयों में सबसे छोटे है। इनमें एक भाई का पूर्व में ही निधन हो गया था। जबकि दूसरे भाई का परिवार समेत गैर प्रांत में रहते है।
अभागी बेटी का पिता नहीं कर सके कन्यादान, बेटी ने दी अंतिम विदाई
शुक्रवार तक मृतक के बड़े भाई समय पर नहीं पहुंच सके तो आसपास के लोगों के कहने पर बिटिया अपने पिता को कंधा देने को आगे आई और तुर्तीपार घाट तक पहुंची। यहां भी काफी देर तक लोग उनके भाई का आने का इंतजार किए किंतु किसी कारण से वे यहां भी नहीं पहुंच सके। जिसके बाद बिटिया ने स्वयं ही अपने पिता को मुखाग्नि देने का निर्णय लिया।
अविवाहित बिटिया कर रही एमएससी की पढ़ाई
सामाजिक रीति रिवाज से हटकर बेटी के इस निर्णय को अधिकांश लोगों ने सराहा। जिसके बाद बेटी ने पिता को मुखाग्नि देकर नया नजीर पेश किया। खुशबू को मुखाग्नि देते देख सबकी आंखे नम हो गई। खुशबू सिंह कमेस्ट्री से एमएससी कर रहीं हैं।