नयी दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को राजधानी की एक विशेष अदालत ने वर्ष1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान पश्चिमी दिल्ली के राज नगर में उग्र भीड़ के हमले में पिता-पुत्र हत्या के मामले में बुधवार को दोषी करार दिया।दिल्ली की एक विशेष अदालत की न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने पहले से ही वर्ष1984 के दंगे के एक अन्य मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व कांग्रेस सांसद को दोषी ठहराने वाला यह फैसला सुनाया।अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा, “आरोपी को दोषी ठहराया गया है। अगली सुनवाई की तारीख पर सज़ा पर आदेश के लिए सूचीबद्ध करें।”अदालत ने तब के बाहरी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के कई बार सांसद रहे सज्जन कुमार की सजा पर बहस के लिए 18 फरवरी की तारीख मुकर्रर की है।
कावेरी बावेजा की विशेष अदालत संबंधित पक्षों की दलीलें और सबूतों पर गौर करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची कि राज नगर निवासी एस जसवंत सिंह और उनके बेटे एस तरुण दीप सिंह की सज्जन कुमार के नेतृत्व में हजारों लोगों की उग्र भीड़ ने हत्या कर दी थी। उनके खिलाफ वर्ष 2021 में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 147 (दंगा), 148 (घातक हथियार से लैस होकर दंगा), 149 (समान उद्देश्य के लिए किए गए अपराध के लिए गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य दोषी), 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 395 (डकैती) के अलावा अन्य आरोपों के तहत आरोप तय किए गए थे।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक एक नवंबर 1984 को पूर्व सांसद के नेतृत्व में हजारों लोगों की उग्र भीड़ ने पिता-पुत्र की हत्या कर दी थी।प्राथमिकी शिकायतकर्ता के नौ सितंबर 1985 के हलफनामे के आधार पर दर्ज की गई थी। सुरक्षा कारणों से शिकायतकर्ता जिसकी पहचान गुप्त रखी गई।केंद्रीय गृह मंत्रालय वर्ष 2015 में उन दंगों के मामलों की फिर से जाँच करने के लिए एक विशेष जाँच दल का गठन किया, जिसके बाद मामले में शिकायतकर्ता ने 23 नवंबर 2016 को अपना बयान दर्ज कराया था।दोषी करार दिए गए सज्जन कुमार को छह अप्रैल, 2021 को इस मामले में गिरफ़्तार किया गया था।
सिख समुदाय ने सज्जन कुमार के दोषी सिद्ध होने का किया स्वागत
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगे के मामले में पूर्व सांसद सज्जन कुमार को दोषी ठहराए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए संतोष और प्रसन्नता जाहिर की है।समिति के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और महासचिव जगदीप सिंह काहलो ने यहां कहा कि 41 साल बाद आया यह फैसला सिख समुदाय के लिए बहुत बड़ी राहत है। उन्होंने कहा कि समिति अदालत के फैसले का स्वागत करती हैं और अपील करते हैं कि दोषी को फांसी की सजा सुनाई जाए।उन्होंने कहा कि यह बहुत शर्मनाक बात है कि समय-समय की सरकारों ने सिख समुदाय को न्याय देने के बजाय, दोषियों को सम्मानित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का धन्यवाद किया, जिन्होंने बंद पड़े मामलों की नए सिरे से जांच के लिए एसआईटी का गठन किया।
समिति के पूर्व अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और राजौरी गार्डन के नवनिर्वाचित विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने विशेष जांच दल के गठन को लेकर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का आभार व्यक्त किया।श्री सिरसा ने कहा कि अदालत का यह फैसला सिख समुदाय के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। उन्होंने कहा किकांग्रेस सरकारों ने सिख समुदाय को न्याय से वंचित रखा गया था, जबकि आरोपियों को पद और सम्मान दिए जाते रहे।वर्ष 1984 में 11 वर्ष की रही जनकपुरी की कुलप्रीत वसुना ने इसे दुखद अतीत बताते हुए कहा कि वह इन दंगों की पीड़ित और प्रत्यक्षदर्शी रही है। उन्होंने कहा, “दशकों के बाद इस फैसले से मैं भावुक हूं। आखिरकार न्याय हुआ। आज मैं अपने परिवार की जिजीविषा, अपने पड़ोसी की दयालुता और अनगिनत लोगों के बलिदान का स्मरण करती हूं।”
उन्होंने बताया कि जनकपुरी में उस समय उनके घर को पूरी तरह से जला दिया गया था। उन्होंने कहा, “सौभाग्य से हम बच गए और हमें दूसरे स्थान पर विस्थापित किया गया।” उन्होंने बताया कि नये घर को भी दंगाइयों ने घेर लिया लेकिन एक साहसी पड़ोसी और पूर्व सैनिक ने उनके परिवार की रक्षा की। उन्होंने कहा कि दंगाई उनके पिता को निशाना बना रहे थे। इसलिए परिवार को दूसरे स्थान पर सुरक्षा में रखा गया।
सिरसा ने सज्जन कुमार के दोषी सिद्ध होने पर जताई प्रसन्नता
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के पूर्व अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय सचिव एवं दिल्ली में नवनिर्वाचित विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में पूर्व सांसद सज्जन कुमार को 41 साल बाद दोषी ठहराने पर बुधवार को संतोष और प्रसन्नता व्यक्त की ।श्री सिरसा ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि सज्जन कुमार को दोषी ठहराने के अदालत के इस आदेश से सिख समुदाय को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि यह फैसला केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के बड़े फैसले के कारण आया है और जांच सही तरीके से हुई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले कांग्रेस की सरकारों के दौरान सिख समुदाय के लिए न्याय की बात तो दूर बात थी।
उन्होंने कहा,“ अब 41 साल बाद हमें न्याय मिलना शुरू हुआ है।” उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में जगदीश टाइटलर, कमल नाथ और अन्य दोषियों सहित अन्य कांग्रेस नेताओं को भी वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों में उनकी संलिप्तता के लिए दोषी ठहराया जाएगा।श्री सिरसा ने सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि एसआईटी गठित करने के परिणामस्वरूप अंततः कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दूसरे मामले में दोषी ठहराया गया।इस बीच वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगे से पीड़ितों ने प्रमुख आरोपी सज्जन कुमार के दोषी सिद्ध होने पर प्रसन्नता और संतोष जाहिर किया है।वर्ष 1984 में 11 वर्ष की रही जनकपुरी की कुलप्रीत वसुना ने इसे दुखद अतीत बताते हुए कहा कि वह इन दंगों की पीड़ित और प्रत्यक्षदर्शी रही है।
उन्होंने कहा, “दशकों के बाद इस फैसले से मैं भावुक हूं। आखिरकार न्याय हुआ। आज मैं अपने परिवार की जिजीविषा, अपने पड़ोसी की दयालुता और अनगिनत लोगों के बलिदान का स्मरण करती हूं।”उन्होंने बताया कि जनकपुरी में उस समय उनके घर को पूरी तरह से जला दिया गया था। उन्होंने कहा, “सौभाग्य से हम बच गए और हमें दूसरे स्थान पर विस्थापित किया गया।” उन्होंने बताया कि नये घर को भी दंगाइयों ने घेर लिया लेकिन एक साहसी पड़ोसी और पूर्व सैनिक ने उनके परिवार की रक्षा की। उन्होंने कहा कि दंगाई उनके पिता को निशाना बना रहे थे। इसलिए परिवार को दूसरे स्थान पर सुरक्षा में रखा गया।(वार्ता)
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