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फेड रिजर्व के निर्णय और महंगाई आंकड़े तय करेंगे बाजार की चाल

मुंबई : रिजर्व बैंक (आरबीआई) के महंगाई को नियंत्रित करने के लिए आगे नीतिगत दरों में बढ़ोतरी करने के संकेत के दबाव में बीते सप्ताह 63 हजार अंक के शिखर से गिरकर मामूली बढ़त में रहे शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह अमेरिकी फेड रिजर्व के ब्याज दरों को लेकर होने वाले निर्णय के अलावा देश की खुदरा और थोक मुद्रास्फीति के आंकड़ों से तय होगी।

बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 78.52 अंक की मामूली बढ़त लेकर सप्ताहांत पर 62625.63 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 29.29 अंक बढ़कर 18563.40 अंक पर रहा। वहीं, आलोच्य अवधि में बीएसई की दिग्गज कंपनियों से अधिक मजबूती मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में रही। इससे सप्ताहांत पर मिडकैप 224.09 अंक उछलकर 27518.19 अंक और स्मॉलकैप 506.29 अंक की छलांग लगाकर 31391.99 अंक पर पहुंच गया।

विश्लेषकों के अनुसार, आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा। लेकिन, आरबीआई के अनुमान के अनुसार, मुद्रास्फीति अभी भी लक्ष्य से ऊपर है। उसने महंगाई को लक्षित दायरे में लाने के लिए आगे मौद्रिक नीति को सख्त बनाने के संकेत दिया है। इसी तरह मई में देश की सेवाओं का पीएमआई 13 साल के करीब 62 के अप्रैल के उच्च स्तर से घटकर 61.2 रह गई। इससे निवशकों की निवेशधारण प्रभावित हुई है।

वैश्विक मोर्चे पर, मई में अमेरिकी एसएंडपी ग्लोबल सर्विसेज पीएमआई अप्रैल की 53.6 की तुलना में 54.9 पर आ गई, जो अप्रैल 2022 से मुख्य रूप से नए व्यवसाय द्वारा समर्थित सेवा क्षेत्र में सबसे मजबूत विस्तार की ओर इशारा करता रहा। अप्रैल में अमेरिकी व्यापार घाटा बढ़ा मार्च में 60.6 अरब डॉलर की तुलना में छह माह के उच्चतम स्तर 74.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इन संकेतकों के बीच फेड रिजर्व की ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की अगले सप्ताह 13-14 जून को मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक होने वाली है।

ब्याज दरों को लेकर बैठक में होने वाले निर्णय का बाजार पर असर रहेगा। साथ ही अमेरिका में खुदरा महंगाई, रोजगार के आंकड़े, डॉलर सूचकांक और कच्चे तेल की कीमत पर निवेशकों का फोकस रहेगा।इसके अलावा घरेलू स्तर पर अगले सप्ताह मई का खुदरा मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई और थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित थोक महंगाई, औद्योगिक उत्पादन, विनिर्माण उत्पादन, विदेशी मुद्रा भंडार और व्यापार संतुलन आंकड़ाें का आने वाले सप्ताह में बाजार की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

साथ ही अगले सप्ताह बाजार को दिशा देने में रुपये के प्रदर्शन और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की लिवाली की भी अहम भूमिका रहेगी। एफआईआई जून में अबतक 240.78 करोड़ रुपये के लिवाल रहे वहीं डीआईआई का कुल निवेश 3,010.54 करोड़ रुपये रहा।अमेरिका में रोजगार के मजबूत आंकड़ों की बदौलत फेड रिजर्व के ब्याज दरों में बढ़ोतरी बंद करने की उम्मीद में वैश्विक बाजार के सकारात्मक रुझान से उत्साहित निवेशकों की ऑटो, इंडस्ट्रियल्स, कैपिटल गुड्स और यूटिलिटीज समेत सोलह समूहों में हुई लिवाली से सोमवार को सेंसेक्स 240.36 अंक उछलकर 62787.47 अंक और निफ्टी 59.75 अंक की बढ़त लेकर 18593.85 अंक पर पहुंच गया।

वैश्विक स्तर के मिश्रित संकेतों के बीच घरेलू स्तर पर ऑटो, पावर, बैंकिंग, हेल्थकेयर, यूटिलिटीज और इंडस्ट्रीयल जैसे समूहों में हुयी मामूली लिवाली के बीच आईटी और टेक जैसे समूहों में हुयी भारी बिकवाली के कारण मंगलवार को सेंसेक्स 5.41 अंकों की मामूली बढ़त लेकर 62792.88 अंक पर और निफ्टी 5.15 अंक उठकर 18599 अंक पर सपाट रहा।विदेशी बाजारों के मिलेजुले रुख के बीच आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में ब्याज दराें में लगातार जारी बढ़ोतरी को स्थगित करने की उम्मीद में स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत बुधवार को सेंसेक्स 350.08 अंक की छलांग लगाकर छह माह से अधिक के उच्चतम स्तर एवं 63 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 63142.96 अंक और निफ्टी 127.40 अंक उछलकर 18726.40 अंक पर पहुंच गया।

आरबीआई के नीतिगत दरों को यथावत रखने लेकिन महंगाई नियंत्रित करने के लिए आगे मौद्रिक नीति को और सख्त करने के संकेत से हतोत्साहित निवेशकों की चौतरफा बिकवाली के दबाव में गुरुवार को सेंसेक्स 294.32 अंक की गिरावट लेकर 62848.64 अंक और निफ्टी 91.85 अंक उतरकर 18634.55 अंक पर आ गया। इसी तरह आरबीआई के महंगाई को नियंत्रित करने के लिए आगे नीतिगत दरों में बढ़ोतरी करने के संकेत के बीच निवेशकों के ऊंचे भाव पर हुई मुनाफावसूली के दबाव में शुक्रवार को सेंसेक्स 223.01 अंक का गोता लगाकर 62625.63 अंक और निफ्टी 71.15 अंक उतरकर 18563.40 अंक पर आ गया।(वार्ता)

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