Site icon CMGTIMES

किसान संगठनों का फैसला- वार्ता नाकाम हुई तो और तेज होगा आंदोलन

नई दिल्ली : तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 32वां दिन है। किसानों के इस शांत आंदोलन की `ताकत` भी लगातार बढ़ती जा रही है। सर्दी की परवाह किए बिना हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से किसानों के जत्थे रसद के साथ लगातार धरनास्थल पर पहुंच रहे हैं। वहीं, दिल्ली के बॉर्डर पर जमे किसान 27 और 28 दिसंबर को शहादत दिवस मनाएंगे।
इसके साथ ही किसानों ने यह भी फैसला लिया है कि सरकार से वार्ता नाकाम हुई तो प्रदर्शन तेज किया जाएगा। एनडीए के सांसद, विधायकों के विरोध को बढ़ाया जाएगा और अडानी-अंबानी के प्रोडक्ट्स का बहिष्कार जारी रहेगा। इसके अलावा हरियाणा के साथ-साथ अब पंजाब के टोल भी फ्री कर दिए जाएंगे।

बता दें कि किसानों ने केंद्र सरकार से बातचीत के लिए 29 दिसंबर के दिन 11 बजे का समय प्रस्तावित किया है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार इसपर सोमवार यानी 28 दिसंबर तक अपनी सहमति दे देगी। साथ ही कृषि मंत्रालय के सचिव की ओर से भेजे गए पत्र के जवाब में मोर्चा ने कहा है कि अफसोस है कि इस चिठ्ठी में भी सरकार ने पिछली बैठकों के तथ्यों को छिपाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है।

Exit mobile version