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नोएडा में बनेगा टेक्सटाइल पार्क, रोजगार के खुलेंगे रास्ते

उत्तर भारत का टेक्सटाइल हब बनाने की दिशा में यूपी सरकार ने बड़ी पहल की है। इसके तहत नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर 29 में नोएडा में टेक्सटाइल पार्क की स्थापना के लिए 150 एकड़ भूमि आवंटित कर दी है। सरकार के इस फैसले से अब उत्तर प्रदेश का पहला टेक्सटाइल पार्क नोएडा में बनने का रास्ता साफ हो गया है।

करीब सात लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि नोएडा में बनने वाले इस टेक्सटाइल पार्क में कुल 152 कंपनियां अपनी फैक्ट्री लगाएंगी। करीब 8,365.73 करोड़ रुपये का निवेश कर लगने वाली इन फैक्ट्रियों से करीब पांच लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। अगले वर्ष के पहले महीने में टेक्सटाइल और गारमेंट की 91 फैक्ट्रियों के निर्माण का कार्य शुरू होगा। इन 91 फैक्ट्रियों के निर्माण का कार्य पूरा होने और इनमें उत्पादन शुरू होने पर करीब दो लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही गारमेंट और टेक्सटाइल सेक्टर में भी नोएडा का कद भी देश में बढ़ेगा।

गौरतलब है उत्तर प्रदेश देश का तीसरा सबसे बड़ा कपड़ा उत्पादक राज्य है। कपड़ा उत्पादन में राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 13.24 प्रतिशत है। हैंडलूम की संख्या और सिल्क उत्पादन के लिहाज से उत्तर प्रदेश का देश में पांचवां स्थान है। प्रदेश में 2.58 लाख हैंडलूम बुनकर और 5.5 लाख पावरलूम बुनकर हैं। यूपी में गैर लघु औद्योगिक क्षेत्र में 58 स्पिनिंग मिल और 74 टेक्सटाइल मिल हैं। कालीन उत्पादन में देश में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 90 फीसद है। टेक्सटाइल और गारमेंट के सेक्टर में ही सबसे ज्यादा रोजगार यूपी में लोगों को मिला है।

66 टेक्सटाइल फैक्ट्री लगाने का प्रस्ताव
प्रवक्ता ने बताया कि योगी सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर देश तथा विदेश के 66 बड़े निवेशकों ने बीते चार वर्षों में टेक्सटाइल और गारमेंट के सेक्टर में 8715.16 करोड़ रुपये का निवेश करने संबंधी प्रस्ताव सरकार को सौंपे हैं। इन 66 प्रस्तावों में से 12 टेक्सटाइल फैक्ट्री राज्य में लग गई हैं और 18 टेक्सटाइल फैक्ट्रियों के निर्माण का कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि इसी साल इन 18 टेक्सटाइल फैक्ट्रियों में भी उत्पादन शुरू किए जाने का लक्ष्य है। 17 टेक्सटाइल फैक्ट्रियों की स्थापना के लिए इस वर्ष निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।

कानपुर, गोरखपुर और वाराणसी में भी लग रही फैक्ट्री
प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि राज्य के प्रमुख कपड़ा उत्पादक क्षेत्रों में ऐसे इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क विकसित किए जाएं, जहां उत्पादक इकाइयों को पूरी वैल्यू चैन का लाभ मिल सके। साथ ही, प्रदेश में रोजगार और निर्यात की संभावनाएं बढ़ सकें। प्रवक्ता ने बताया कि सरकार का मत है कि नोएडा में बनने वाला टेक्सटाइल पार्क का निर्माण कार्य जैसे ही पूरा होगा, राज्य के अन्य जिलों में भी बड़े निवेशक इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क की स्थापना में रुचि लेंगे। बताया कि राज्य में टेक्सटाइल तथा गारमेंट सेक्टर में बड़ी-बड़ी कंपनियां अपनी फैक्ट्री कानपुर से लेकर गोरखपुर और वाराणसी में लगा रहीं हैं।

इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क में होंगी सुविधाएं
गौरतलब हो कि हाल के वर्षों में बांग्लादेश, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देश प्रमुख कपड़ा उत्पादकों के रूप में उभरे हैं। प्रदेश सरकार की मंशा इन देशों से आगे होने की है। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेरठ, आगरा, झांसी, गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ और कानपुर मंडलों में जहां कपड़ा उत्पादन परंपरागत तौर पर होता रहा है। वहां निजी क्षेत्र के सहयोग से इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाएं। इन इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क में रेडीमेड फैक्ट्री शेड व भूखंड, वेयरहाउसिंग सुविधाएं, टूल रूम, रॉ मैटेरियल बैंक, टेस्टिंग और शोध व अनुसंधान के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर, कौशल उन्नयन केंद्र, ट्रक टर्मिनल व पार्किंग सुविधाएं, मशीनों की रिपेयरिंग के लिए दुकानें, कर्मचारियों के लिए डॉरमेट्री या हॉस्टल, इनक्यूबेशन सेंटर, फैशन इंस्टीट्यूट व ट्रेनिंग सेंटर आदि होंगे। हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग इसे पार्क आदि बनाने वाले निवेशकों को आवश्यक सहयोग देने के साथ निजी औद्योगिक पार्कों के लिए घोषित राज्य सरकार की नीति के लाभ दिलाने में मदद करेगा।

सभी वर्ग को रोजगार मिलने के खुलेंगे रास्ते
सोसाइटी ऑफ नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर के अध्यक्ष ललित ठुकराल ने बताया कि मुख्यमंत्री की पहल से नोएडा में 150 एकड़ में बनने वाला टेक्सटाइल पार्क राज्य में तामिलनाडु के उद्योगपति भी अपनी फैक्ट्री लगाने को आतुर हैं। इस टेक्सटाइल पार्क में धागे से कपड़ा तैयार करने, कपड़ों की रंगाई, सिलाई वगैरह से लेकर इनकी पैकिंग और ट्रांसपोर्टिंग तक के लिए बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने बताया ​कि टेक्सटाइल पार्क रोजगार की अपार संभावनाएं पैदा करता है। इसमें मजदूरों की भी जरूरत होती है, डिजाइनरों की भी जरूरत होती है, अकाउंटिंग और मैनेजमेंट से जुड़े लोगों की भी जरूरत होती है और रिसर्चरों की भी जरूरत होती है। यानी कुल मिलाकर कहा जाए तो अनपढ़ से लेकर उच्च शिक्षित लोगों तक को रोजगार मिलने की संभावना होती है। ऐसे पार्क के निर्माण का पहल कर प्रदेश सरकार ने रोजगार के नए द्वार तो खोले ही हैं यूपी को उत्तर भारत का टेक्सटाइल हब बनाने की दिशा में भी पहल की है।

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