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टीडीबी ने कोविड-19 नैदानिक किट के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए स्वदेशी कंपनी के सहयोग को मंजूरी प्रदान की

रीयल-टाइम पीसीआर आधारित आणविक नैदानिक किट, फ्लू जैसे लक्षणों वाले नमूनों से कोविड-19 का खोज और परीक्षण करती है

नई दिल्ली । प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की एक वैधानिक संस्था, ने उनके द्वारा विकसित किए गए कोविड-19 नैदानिक किट के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए माईलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस, पुणे को वित्तीय सहायता की मंजूरी प्रदान की है। कंपनी ने कोविड-19 से निपटने की दिशा में तकनीकी रूप से नवीन समाधानों के प्रस्तावों के लिए मिले निमंत्रण के जवाब में एक आवेदन प्रस्तुत किया है।

माईलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस, रीयल-टाइम पीसीआर आधारित आणविक नैदानिक किट विकसित करने वाली पहली स्वदेशी कंपनी है, जो फ्लू जैसे लक्षण प्रदर्शित करने वाले लोगों के नमूनों से कोविड-19 की खोज और परीक्षण करती है। टीडीबी के समर्थन से, सुविधा केंद्र में वर्तमान मैनुअल प्रक्रिया को ऑटोमेशन में तब्दील करके किट के उत्पादन में तेजी लाया जाएगा, जिससे इसकी क्षमता वर्तमान में प्रति दिन 30,000 परीक्षण से बढ़कर एक लाख परीक्षण प्रति दिन हो जाएगी।

उम्मीद है कि कंपनी अगले कुछ महीनों में ऑटोमेशन पूरा कर लेगी। इस किट को आईसीएमआर और सीडीएससीओ ने मंजूरी प्रदान कर दी है। राष्ट्रीय आपातकाल को देखते हुए किट का इस्तेमाल बहुत कम समय करना शुरू कर दिया जाएगा।

टीबीडी ने 20 मार्च, 2020 को भारतीय कंपनियों और उद्यमों से निरीक्षण, ​​संक्रमण निवारण, नियंत्रण, प्रयोगशाला सहयोग, और विशेष रूप से, कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए गंभीर रूप से बीमार रोगियों के अलगाव और वेंटीलेटर प्रबंधन के संदर्भ में तैयारियों को मजबूती प्रदान करने के लिए आवेदन मंगाया था। टीडीबी की सहमति स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण के लिए प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। माईलैब उन कंपनियों में से एक थी जिन्होंने आमंत्रण का जवाब दिया था। इस आह्वान का उद्देश्य निरीक्षण, संक्रमण निवारण, नियंत्रण, प्रयोगशाला सहयोग और विशेष रूप से कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए गंभीर रूप से बीमार रोगियों के अलगाव और वेंटिलेटर प्रबंधन के संदर्भ में तैयारियों के लिए राष्ट्र की मुख्य क्षमताओं को मजबूती प्रदान करना था। चूंकि इस समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता परीक्षण, अलगाव और संपर्क ट्रेसिंग को आगे बढ़ाना है, जिससे संक्रमण के प्रसार की श्रृंखला को तोड़ा जा सके, टीडीबी ने प्राथमिकता के आधार पर इन श्रेणियों से संबंधित प्रस्तावों के पहले सेट को संसाधित कर लिया है और आईआईटी, आईआईएससी, एम्स, आईसीएमआर, डीएसटी, और डीबीटी जैसे सरकारी और शैक्षणिक संस्थानों के विशेषज्ञों द्वारा किए गए कड़े मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद समर्थन को अंतिम रूप दिया गया है।

 

डीएसटी के सचिव और टीडीबी के अध्यक्ष प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा, “वायरस के समय किए गए कामों ने हमें गति, दक्षता और गुणवत्ता के साथ उद्देश्य की एक अभूतपूर्व तीव्रता हासिल करना सिखाया है, जिसको कोविड​​-19 के बाद एक नया सामान्य व्यवहार बन जाना चाहिए। ऊर्जावान और विशेषज्ञता वाले युवा पेशेवरों वाली टीम हमेशा काम करती है!”

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