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अगले 5 साल में 10 लाख करोड़ के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के निर्माण का लक्ष्य

देश में मोबाइल फोन व अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का विनिर्माण बढ़ाने की दिशा में प्रयासरत केंद्र सरकार ने अगले पांच वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपए के मोबाइल फोन व इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों व उत्पादों के निर्माण और 7 लाख करोड़ रुपए के निर्यात का लक्ष्य भारत सरकार ने रखा है। खास बात यह है कि कोरोना महामारी के कठीन समय में 5 महीने के भीतर दुनिया की सभी बड़ी मोबाइल निर्माता कंपनियां भारत में आ गईं। इनके जरिए 35 हजार करोड़ रुपए के गुड्स प्रोड्यूस हुए। साढ़े 22 हजार लोगों को नौकरी मिल चुकी है व लगभग 1300 करोड़ का पूंजी निवेश हुआ है। भारत सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले पांच साल में 10 लाख करोड़ का निर्माण करेंगे और सात लाख करोड़ का निर्यात करेंगे और लगभग 8 से 9 लाख लोगों को डायरेक्ट-इनडायरेक्ट नौकरी देंगे।

यह जानकारी देते हुए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक सोच है कि हमारी सरकार देश को आत्मनिर्भर बनाए। भारत में मैंन्युफैक्चरिंग का फैसला करे। क्वालिटी इनोवेशन का काम करे और देश में पूंजी निवेश हो और रोजगार के अवसर मिले। इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए कई सनराइज सेक्टर को चिन्हित किए गए हैं जिन्हें प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव कार्यक्रम से जोड़ा गया है।

केंद्रीय मंत्रीमंडल में हुए फैसलों की जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेसवार्ता में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, “मैंने पहले भी बताया था कि प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव बहुत सिम्पल टर्म है। भारत में पूंजी निवेश करें, फैक्ट्री लगाएं, उत्पाद बढ़ाएं, निर्यात करें और इंसेंटिव प्राप्त करें। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पूर्व में मोबाइल के क्षेत्र में कलस्टर के क्षेत्र में हम एक कार्यक्रम लेकर आए। टेलिकॉम प्रोडक्ट्स में भारत में नेटवर्क बने। टेलीकॉम के इक्विपमेंट बने, इसके लिए पीएलआई लेकर मैं आपके सामने आया था।”

लैपटॉप, टैबलेट्स, ऑल इन वन पीसी एंड सर्वर्स के लिए प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव की घोषणा

रविशंकर प्रसाद ने बताया कि देश में 30 हजार करोड़ रुपए के लैपटॉप और 3 हजार करोड़ रुपए के टैबलेट की खपत है। इसमें से 80 प्रतिशत हिस्सा बाहर से आयात होकर भारत में आता है। आज की स्कीम में लैपटॉप और टैबलेट बनाने वाली दुनिया की बड़ी कंपनियों को आकर्षित कर भारत में मैन्युफैक्चरिंग शुरू कराने हमारी कोशिश होगी। इसलिए पांच बड़ी कंपनियां जो पूरी दुनिया के 50 प्रतिशत बाजार को कवर करती है उन्हें देश में लाने की कोशिश होंगी। हमारा उद्देश है कि लैपटॉप और टैबलेट के क्षेत्र में आने वाले पांच वर्षों में भारत कुल 3 लाख 26 हजार करोड़ रुपए उत्पादन करे और 2 लाख 45 हजार करोड़ रुपए का निर्यात करे।

उन्होंने कहा आज इसी कड़ी में तीसरी कड़ी इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में लैपटॉप, टैबलेट्स, ऑल इन वन पीसी एंड सर्वर्स में प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव (पीआईएल) की एक योजना लेकर हम आए हैं। यह इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग का एक पूरा ट्राइंगल तैयार हो रहा है। मोबाइल फोन है उसके कम्पोनेंट्स हैं, पीसीबी है, टेलीकॉम इक्विप्मेंट्स हैं, नेटवर्क इक्विप्मेंट्स हैं और आज जो बहुत पॉपुलर कंज्यूमर प्रोडक्ट्स हैं उसकी घोषणा हम करने आए हैं। हमारी इस स्कीम का फोकस है कि ग्लोबल चैम्पियंस को वर्ल्ड से भारत में लाना है और हिंदुस्तान के मैन्युफैक्चर्र को नेशनल चैम्पियन बनाना है। ग्लोबल चैम्पियन और नेशनल चैम्पियन इसके साथ मिलकर हमें काम करना है।

अप्रैल 2020 में पीआईएल फोर मोबाइल फोन किया गया लॉन्च, मिला अच्छा मुनाफा

रविशंकर प्रसाद ने बताया कि इस बार बजट की चर्चा अच्छा हुई है लेकिन लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या आप समय पर इसे डिलिवर कर पाएंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मैं बताना चाहूंगा कि पहले पीएलआई में मोदी सरकार की क्या उपलब्धि रही। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2020 में पीआईएल फोर मोबाइल फोन लॉन्च किया गया और 31 जुलाई तक उसके एप्लीकेश की तारीख तय की गई थी।

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