40 साल पहले हुई हत्या के आरोपी को उम्रकैद
वाराणसी। अपर जिला जज त्रयोदश मनोज कुमार सिंह की अदालत ने 40 साल पहले साइकिल स्टैंड के ठेका को लेकर हुई हत्या के मामले में आरोपी मान मन्दिर दशाश्वमेध निवासी पारसनाथ यादव को अदालत ने दोषी पाया और उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट में अभियोजन की ओर से एडीजीसी ज्योतिशंकर उपाध्याय और हृदय नरायन द्विवेदी ने पैरवी की।
अभियोजन पक्ष के अनुसार अगस्तकुंड़ा निवासी वादी सतीश कुमार द्विवेदी ने दशाशमेघ थाने में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप लगाया की नगर महापालिका ने 9 जून 1983 को चितरंजन पार्क स्थित साइकिल स्टैंड का ठेका लखनलाल जायसवाल के नाम दिया पहले ये ठेका कमल शर्मा के नाम था। मगर एक साल पहले उसकी हत्या हो गई थी। उसके बाद से पारस यादव साइकिल स्ट्रैंड देखता था।
आरोप था कि ठेका पारस यादव ही लेना चाहता था,10 जून 1983 को वादी और उसका भाई विजय दूबे लखनलाल के ठेके को देख रहा था, इसी रंजिश में 11 जून 83 की सुबह 5 बजे अभियुक्त पारस उसका भाई भरत, मौसेरे भाई विजय यादव, प्रीतम बंगाली व हरिनाथ भुजाली धारदार हथियार लेकर पहुंचे और विजय की हत्या कर दी। इस मामले में विचारण के दौरान हरिनाथ व विजय यादव की मृत्यु हो गई जबकि प्रीतम बंगाली व बबली उर्फ अशोक कपूर की पत्रावली अलग कर दी गई। अदालत ने विचारण के बाद अभियुक्त पारस को दोषी पाया और उम्रकैद की सजा सुनाई।