कांग्रेस अब प्रभावी विपक्ष नहीं रही : कपिल सिब्बल
कम नही हुई है सिब्बल की नाराजगी, तेवर हुए और बागी
नई दिल्ली : कुछ महीने पहले अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के समक्ष `लेटर बम` फोड़ने वाले वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल की नाराजगी कम नहीं हो रही है। ऐसा लग रहा है कि सिब्बल बागी की भूमिका में आ गए हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि विगत दिनों एक बार फिर आलाकमान को कठघरे में खड़ा करते बयान के बाद सिब्बल पर राजस्थान के मुख्य मंत्री अशोक गहलोत समेत अधीर रंजन चौधरी जैसे वरिष्ठ नेताओं ने तीखा हमला बोला था। इस हमले के बावजूद कपिल सिब्बल के तेवर नरम नहीं हुए हैं। उलटे वह मुखर हो गए हैं।
कांग्रेस संगठन की मजबूती के प्रयास ही नहीं कर रही
कपिल सिब्बल ने शीर्ष नेतृत्व पर फिर हमला बोला। इस दिग्गज नेता ने अब यहां तक कह दिया कि कांग्रेस पार्टी देश में असरदार विपक्ष नहीं रह गई है। सिब्बल ने दावा किया कि कांग्रेस अपने संगठन को मजबूत करने का कोई प्रयास नहीं कर रही है। यही नहीं, एक साल से भी ज्यादा वक्त से कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं हो पाने का मुद्दा फिर से उठाते हुए सिब्बल ने पार्टी के कामकाज के तरीकों पर गहरी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने डेढ़ साल पहले पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ा था। ऐसे में कोई राजनीतिक दल डेढ़ साल तक बिना किसी लीडर के कैसे काम कर सकता है… कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पता ही नहीं है कि उन्हें जाना कहां है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हालिया चुनावों से स्पष्ट हो गया कि यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस का कोई प्रभाव नहीं बचा है। इसके अलावा गुजरात मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में जहां कांग्रेस का सीधा मुकाबला बीजेपी से था, वहां नतीजे बेहद खराब आए। उन्होंने कहा, `हम गुजरात की सभी आठ सीटें हार गए. 65% वोट बीजेपी के खाते में चले गए जबकि ये सीटें पाला बदलने वाले कांग्रेसियों ने खाली की थीं। मध्य प्रदेश में सभी 28 सीटें कांग्रेस विधायकों के पाला बदलने के कारण ही खाली हुई थीं, लेकिन पार्टी सिर्फ आठ सीटें जीत पाई।` सिब्बल ने कहा, `जहां भी सीधे बीजेपी से दो-दो हाथ होता है, हम वहां असरदार विकल्प साबित नहीं हो पा रहे हैं। कुछ-न-कुछ तो जरूर गलत हो रहा है. हमें इसे लेकर कुछ करना ही होगा।`
आलाकमान चर्चा तक नहीं कर रहा हार पर
कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्होंने जुलाई महीने में संसदीय समूह की मीटिंग में यह मुद्दा उठाया था। उसके बाद 23 नेताओं ने अगस्त में कांग्रेस अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी, लेकिन कोई चर्चा नहीं हुई, हमसे किसी ने संपर्क नहीं किया। सिब्बल ने बिहार विधानसभा चुनाव कुछ राज्यों में उपचुनावों में कांग्रेस के बेहद खराब प्रदर्शन का मुद्दा उठाया तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अनिल चौधरी हमलावर हो गए। गहलोत ने ट्वीट किया, `कपिल सिब्बल को हमारे आंतरिक मसलों की मीडिया में चर्चा की कोई जरूरत नहीं थी। इसने देशभर में पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को आहत किया है।