National

जी-20 देश शिक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचार को दें बढ़ावा : मोदी

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को इस बात पर जोर दिया कि जी-20 देश शिक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।जी-20 देशों के शिक्षा मंत्रियों के पुणे में आयोजित समारोह को वाशिंगटन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए श्री मोदी ने उपस्थित गणमान्यों से शिक्षा के क्षेत्र में सामूहिक अनुसंधान को बढ़ावा देने पर काम करने का आह्वान किया।जी-20 देशों की भूमिका पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी द्वारा सामने लाए जा रहे अवसरों और चुनौतियों के बीच सही संतुलन बनाने की जरूरत है।

श्री मोदी ने यह भी बताया कि भारत को इन अनुभवों और संसाधनों को विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के साथ साझा करने में प्रसन्नता होगी।प्रधानमंत्री ने युवाओं में कौशल विकास के लिए लगातार काम करने की जरूरत पर जोर देते हुए युवाओं के काम को उन्नत बनाकर और ऐसी युक्तियों को अपनाकर उनकी दक्षताओं के साथ बढ़ाने पर जोर दिया।उन्होंने कहा, “भारत में, हम कौशल का पता लगाने का कार्य कर रहे हैं जहां शिक्षा, कौशल और श्रम मंत्रालय इस पहल पर मिलकर काम कर रहे हैं।

”श्री मोदी ने यह भी सुझाव दिया कि जी-20 देश वैश्विक स्तर पर कौशल पता लगाने का कार्य कर सकते हैं और उन कमियों का पता लगा सकते हैं जिन्हें दूर करने की जरूरत है। डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा कि यह एक समता प्रदान करने वाले के रूप में काम कर सकता है और समावेशिता को बढ़ावा देता है। यह शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने और भविष्य की जरूरतों के अनुरूप ढलने में एक शक्ति गुणक है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमता पर भी चर्चा की जो सीखने, कौशल और शिक्षा के क्षेत्र में काफी संभावनाएं प्रदान करती है।

अनुसंधान और नवाचार पर दिए गए जोर पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने देश भर में दस हजार ‘अटल टिंकरिंग लैब्स’ स्थापित की हैं जो हमारे स्कूली बच्चों में अनुसंधान और नवाचार को विकसित करने में मदद करती हैं। उन्होंने बताया कि इन प्रयोगशालाओं में 75 लाख से अधिक छात्र 12 लाख से अधिक नवीन परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। बच्चों और युवाओं के भविष्य के प्रति जी 20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि समूह ने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हरित परिवर्तन, डिजिटल परिवर्तन और महिला सशक्तिकरण को त्वरक के रूप में पहचाना है।

प्रधानमंत्री ने कहा,“शिक्षा इन सभी प्रयासों के मूल में है। शिक्षा न केवल वह नींव है जिस पर हमारी सभ्यता का निर्माण हुआ है, बल्कि यह मानवता के भविष्य का वास्तुकार भी है। उन्होंने शिक्षा मंत्रियों को शेरपाओं के रूप में संदर्भित किया और कहा कि वह सभी के लिए विकास, शांति और समृद्धि के प्रयास में मानव जाति का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘नई ई-लर्निंग को नवोन्मेषी ढंग से अपनाने और उपयोग करने की जरूरत है और कहा कि इसका उद्देश्य बेहतर प्रशासन के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना होना चाहिए।”(वार्ता)

VARANASI TRAVEL
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Back to top button
%d bloggers like this: