Varanasi

माहवारी अभिशाप नहीं है, बल्कि सृष्टि सृजन की प्रक्रिया: मोहम्मद मुसा

अंतरराष्ट्रीय महावारी स्वच्छता दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन, ऐसे किया गया जागरूक

वाराणसी:अंतरराष्ट्रीय माहवारी दिवस पर बेनीपुर स्थित शाधिका परियोजना कार्यालय में ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान आजमगढ़ एवं एशियन ब्रिज इंडिया वाराणसी के संयुक्त तत्वाधान में विश्व माहवारी दिवस का आयोजन किया गया जिसमें 215 युवाओं की उपस्थित रही, इस अवसर पर एशियन ब्रिज इंडिया के अध्यक्ष मोहम्मद मूसा आजमी के द्वारा माहवारी पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम का विषय प्रवेश किया कि माहवारी अभिशाप नहीं है, बल्कि सृष्टि सृजन की प्रक्रिया है, माहवारी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो प्रकृति द्वारा बनाई गई है यदि महिलाओं में माहवारी न हो तो हम लोग आज अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आराजी लाइन के स्वास्थ्य अधिकारी शीला ने अपने संबोधन में बताया कि प्रत्येक किशोरियों में माहवारी 9 से लेकर 14 वर्ष के बीच शुरू होती है, माहवारी आना एक अच्छी बात है जबकि माहवारी ना आना एक समस्या है, माहवारी ना आने पर हमें महिला डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, आशा संगनी सरोज ने माहवारी स्वक्षता प्रबंधन पर प्रतिभागियों को जागरूक किया और सरकारी योजनाओं से सभी को अवगत करायाl आशा बहू प्रगीता के द्वारा बताया गया कि किशोरियों एवं महिलाओं के जागरूक करने के लिए सरकार की कई तरह की योजनाएं चलाई जाती है जिसके अंतर्गत ही जूनियर हाई स्कूल स्तर पर किशोरियों को निःशुल्क सेनेटरी पैड दिया जाता है, गांव गांव में घूम कर के आशा और आंगनवाड़ी के द्वारा सलाह दी जाती है जिसके किशोरियों/महिलाओं के अंदर माहवारी को लेकर के जो भी भ्रांतियां हैं वह खत्म की जा सके, इसी क्रम में आशा आंगनबाड़ी ने सरकारी योजनाओं माहवारी पर मिथक पर चर्चा की ।

स्वास्थ्य कृषि वैज्ञानिक डा0 प्रतिक्षा, कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा पोषण पर अपने वक्तव्य दिए और विशेष तौर पर माहवारी के दौरान किशोरियों, लड़कियों और महिलाओं को 4 रंग के भोजन जिसमे सफेद, पीला, लाल और हरे रंग के भोजन ज़रूर हो, एशियन ब्रिज इंडिया के नीति जी के द्वारा माहवारी की रूढ़ियों और भ्रांतियों को तोड़ने पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। कार्यक्रम में 4 पंचायत से आशा, आंगनवाड़ी, एएनएम, पुरुष, महिला, किशोरियों एवं किशोरों की कुल मिलाकर 215 लोगों ने प्रतिभाग किया। महात्मा गॉंधी काशी विद्यापीठ के संपोषि ग्रामीण विकास के विधार्थी धीरज, अनुज, शिवांगी, रोशनी और दीक्षा ने अपने वक्तव्य रखते हुए ग्रामीण युवाओं को माहवरी पर चुप्पी तोड़ने और खुल कर बोलने के लिए प्रोत्साहित कियाl

संस्थान द्वारा कार्यक्रम मे उपस्थित सभी लोगों को सनेटरी पैड दिया गया जिससे समाज में व्याप्त भ्रान्तियों को समाप्त किया जा सके। दीपक, किरण, करन, राकेश, अजीत, लालबहादुर का बिशेष सहयोग रहा। संचालन ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान के जान्हवी दत्त ने किया अंत में सरीता ने सभी को धन्यवाद दिया।

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