सिर्फ ट्विटर पर वोट मांगने से वोट नहीं मिलता, धरातल पर आना होगा : ओपी राजभर
हराने वाली बी टीम होती है, मैं भी उसी का सदस्य
जौनपुर । लखनऊ से चलकर गाजीपुर जाते समय सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बुधवार को जौनपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अखिलेश यादव पर निशाना साधा। कहा अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा था कि मंत्री होने का सम्मान तो है पर दलित होने का अपमान मिलता है। इस मामले पर ओपी राजभर ने उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान हुई चीजों को देखने की नसीहत दी। कहा कि सिर्फ ट्विटर पर वोट मांगने से वोट नहीं मिलता, धरातल पर आना होता है।
उन्होंने हमला बोलते हुए कहा कि आजमगढ़ में हुई सपा की उपचुनाव हार खुद की है। जब मैं वोट मांगने गया तो लोगों ने कहा कि हम किस तरह उन्हें वोट दें जब उनकी सरकार थी, यहां गुंडे माफिया वसूली भी करते थे, हम लोग वोट नहीं देंगे। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कहा कि अखिलेश यादव द्वारा कभी किसी मीटिंग में किसी प्रेस वार्ता में कभी चाय पर बुलाकर किसे वोट करना है चर्चा नहीं किया। यशवंत सिन्हा ने भी कभी वोट नहीं मांगा इस बारे में कोई चर्चा नहीं हुई। खुद राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने मुझसे वोट मांगा और मैंने उनको वोट किया है। एसी में बैठकर राजनीति नहीं हो सकती है। जो साढ़े चार साल एसी में रहा हो और चुनाव के समय 6 महीने के लिए बाहर निकला हो उसे जनता का दुख दर्द क्या मालूम होगा।
राजभर ने कहा कि जिन लोगों ने पूरे एक साल पढ़ाई कर परीक्षा दी वह मेडल लिये और जो साल्व पेपर पढ़कर परीक्षा दी वह पास हुए हैं। जो इस परीक्षा में फेल हुए हैं वह बी टीम में हैं। उस बी टीम का मैं खुद भी हिस्सा हूं। दूसरों के मामले में अखिलेश यादव न देखें, खुद अपने अंदर झांक कर देखें। अखिलेश से गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि पूरा देश पूरा प्रदेश गठबंधन की सरकार पर चल रहा है तो हमारी क्या बात है। वर्ष 2024 के चुनाव में हम किसके साथ रहेंगे यह आने वाला समय बताएगा। जब अखिलेश यादव हम को तलाक दे देंगे तब हम कहीं और जाने की सोचेंगे। मैं खुद से तलाक नहीं लूंगा।
घरेलू सामानों पर जीएसटी लागू होने के मामले पर उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी 60 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिनके दरवाजे पर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंची, ऐसे लोग हैं जिनके शिक्षा और रोजगार तक उपलब्ध नहीं हो पाया है। वह 70 साल से वोट दे रहे थे। लेकिन उनको कोई भी लाभ नजर नहीं आया, अब उनको 5 किलो राशन ही अच्छा नजर आ रहा है।(हि.स.)