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संग्रहालय जाने से सांस्कृतिक जुड़ाव मजबूत होगा: मोदी

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से देशभर में फैले संग्रहालयों की यात्रा करने का आग्रह करते हुए कहा है कि इससे उनका सांस्कृतिक जुड़ाव मजबूत होगा।श्री मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात की 101वीं कड़ी में राष्ट्रवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि जब हम इतिहास की यादों को संजोकर रखते हैं तो वह आने वाली पीढ़ियों की बहुत मदद करता है|

उन्होंने कहा, “मेरा आपसे आग्रह है कि आपको जब भी मौका मिले, अपने देश के संग्रहालय देखने जरुर जाएँ और वहां की आकर्षक तस्वीरों को म्यूजियम मेमोरीज पर साझा करें। इससे अपनी वैभवशाली संस्कृति के साथ हम भारतीयों का जुड़ाव और मजबूत होगा।”श्री मोदी ने अपनी हाल की ही जापान यात्रा के दौरान हिरोशिमा के संग्रहालय का उल्लेख करते हुए कहा कि कई बार संग्रहालय में नए सबक मिलते हैं, तो कई बार बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही भारत में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय प्रदर्शनी का भी आयोजन किया था। इसमें दुनिया के 1200 से अधिक संग्रहालय की विशेषताओं को दर्शाया गया। देश में अलग-अलग प्रकार के ऐसे कई‌ संग्रहालय हैं, जो अतीत से जुड़े अनेक पहलुओं को प्रदर्शित करते हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम में एक अनोखा संग्रहालय – म्यूजिओ कैमरा है। इसमें वर्ष 1860 के बाद के आठ हजार से ज्यादा कैमरों का संग्रह मौजूद है।

तमिलनाडु के म्यूजियम आफ पॉसिबिलिटीज को दिव्यांगजनों को ध्यान में रखकर बनाया किया गया है। मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय एक ऐसा संग्रहालय है, जिसमें 70 हजार से भी अधिक चीजें संरक्षित की गई हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2010 में स्थापित, इंडियन मेमोरी प्रोजेक्ट एक तरह का ऑनलाइन संग्रहालय है। यह दुनियाभर से भेजी गयी तस्वीरों और कहानियों के माध्यम से भारत के गौरवशाली इतिहास की कड़ियों को जोड़ने में जुटा है। विभाजन की विभिषिका से जुड़ी स्मृतियों को भी सामने लाने का प्रयास किया गया है। बीते वर्षों में भी हमने भारत में नए-नए तरह के संग्रहालय और स्मारक बनते देखे हैं।

स्वाधीनता संग्राम में आदिवासी भाई–बहनों के योगदान को समर्पित 10 नए संग्रहालय बनाए जा रहे हैं। कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में ‘बिप्लोबी भारत दीर्घा हो या फिर जलियावालां बाग स्मारक का पुनुरुद्धार,देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों को समर्पित प्रधानमंत्री संग्रहालय भी दिल्ली की शोभा बढ़ा रहा है।श्री मोदी ने कहा कि दिल्ली में ही राष्ट्रीय समर स्मारक और पुलिस स्मारक में हर रोज अनेकों लोग शहीदों को नमन करने आते हैं।

ऐतिहासिक दांडी यात्रा को समर्पित दांडी स्मारक हो और फिर एकता प्रतिमा संग्रहालय‌ भी देखने आ रहे हैंउन्होंने कहा कि पहली बार देश में सभी संग्रहालय के बारे में जरुरी जानकारियों को एकत्र भी किया गया है‌ और यह ऑनलाइन डायरेक्टरी में समाहित है।

युवा संगम के अनुभव ब्लॉग पर लिखकर साझा करें युवा : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को ताकत देने में काशी-तमिल संगमम, सौराष्ट्र-तमिल संगमम, काशी-तेलुगू संगमम की तरह युवा संगम को भी अनूठा प्रयास बताया और कहा कि इस संगम में भाग लेने वाले युवाओं को अपने अनुभव ब्लॉग पर लिखकर देशवासियों के साथ साझा करने चाहिए।श्री मोदी ने आकाशवाणी से प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 101वीं कड़ी में युवा संगम में शामिल हुए अरुणाचल प्रदेश के ग्यामर न्योकुम और बिहार की विशाखा सिंह से फोन पर बात की और कहा कि उन्होंने इस संगम में भाग लेकर जो विशेष अनुभव हासिल किए हैं उन्हें सबके साथ साझा करने के लिए ब्लॉग लिखना चाहिए।

उन्होंने कहा कि युवा संगम अनूठा प्रयास है इसलिए सोचा कि इस बारे में विस्तार से उन्हीं युवाओं से बातचीत की जानी चाहिए जो इस अनूठे प्रयास का हिस्सा रहे हैं। श्री ग्यामर ने कहा कि वह मैकेनिकल इंजीनियरिंग का छात्र है और पहली बार राज्य से बाहर जाने का मौका मिला। उन्होंने बताया “मुझे राजस्थान के बड़े झील और जल संरक्षण को लेकर बहुत कुछ नया-नया सीखने को मिला। जो मुझे बिलकुल ही मालूम नहीं था।”बिहार की विशाखा ने प्रधानमंत्री को बताया कि वह सासाराम की निवासी हैं युवा संगम के बारे में उन्हें कॉलेज के व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए जानकारी मिली और उन्होंने तमिलनाडु की यात्रा का विकल्प चुना।

इस कार्यक्रम में शामिल होने को विशाखा ने गौरवशाली क्षण बताया और कहा इस यात्रा में उन्हें तमिलनाडु की समृद्ध संस्कृति से परिचित होने का मौका मिला।उन्होंने कहा “मैं कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की दूसरी साल की छात्रा हूँ। तमिलनाडु मैं पहली बार गई। पूरी यात्रा मेरे लिए बहुत ही ज्यादा बेहतरीन रही। एक-एक पड़ाव पर मैंने बहुत सीखा है। मैंने तमिलनाडु में जाके अच्छे दोस्त बनाए हैं। वहाँ की संस्कृति को अपनाया और वहाँ के लोगों से मिली लेकिन सबसे ज्यादा अच्छी चीज जो मुझे लगी वह है इसरो जाने का, हम डेलिगेशन में थे तो हमें इसरो जाने का मौका मिला। दूसरी बात सबसे अच्छी थी जब हम राजभवन में राज्यपाल जी से मिले। ये दो क्षण मेरे लिए महत्वपूर्ण थे। मुझे ऐसा लगता है कि जिस उम्र में हम हैं, ये दोनों मौके युवा संगम के ज़रिए मिले है। दोनों मौके मेरे लिए यादगार क्षण थे।”

श्री मोदी के तमिलनाडु में खानपान संबंधी सवाल पर विशाखा ने कहा “जैसे ही हम लोग पहुंचे तो हमें डोसा, इडली, सांभर, उत्तपम, वड़ा, उपमा ये सब सर्व किया गया था।वहाँ का खाना बहुत ही हेल्थी है औरबहुत ही ज्यादा टेस्टी भी है। हमारे नार्थ के खाने से बहुत ही ज्यादा अलग है तो मुझे वहाँ का खाना भी बहुत अच्छा लगा और वहाँ के लोग भी बहुत अच्छे लगे।”प्रधानमंत्री ने ग्यामर और विशाखा को शुभकामनाएं दी और कहा कि युवा संगम में उन्होंने जो सीखा है, वो जीवनपर्यंत उनके साथ रहेगा। उन्होंने दोनों युवाओं से कहा कि वे इन अनुभवों को ब्लॉग लिखकर सबके साथ साझा करें।(वार्ता)

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