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देश की एकता हमारे लिए सबसे पहले : नरेंद्र मोदी

चौरी चौरा शताब्‍दी समारोह में शामिल हुए प्रधानमंत्री मोदी ,जारी किया विशेष डाक टिकट .

नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश के चौरी चौरा कांड के सौ साल पूरे होने के मौके पर देश आज से शताब्दी समारोह मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस शताब्दी समारोह की शुरूआत की। नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया। पीएम मोदी ने कहा कि देश को कभी चौरा चौरी की घटना नहीं भूलनी चाहिए, उन्होंने देश के लिए अपनी जान दी है। चौरी-चौरा के शहीदों के सम्मान में यह अब तक का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। यह समारोह साल भर चलेगा।

इस मौके पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चौरी चौरा में जो हुआ वो सिर्फ एक थाने में आग लगाने की घटना नहीं थी, इससे एक बड़ा संदेश अंग्रेजी हुकूमत को दिया गया। पीएम मोदी ने कहा कि इस साल देश की आजादी के 75 साल के वर्ष की भी शुरुआत होगी। पीएम मोदी ने कहा कि इस घटना को इतिहास में सही जगह नहीं दी गई, लेकिन हमें उन शहीदों को सलाम करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि किसानों के लिए पिछले 7 सालों में बहुत काम किए गए। उन्होंने कहा कि बजट में किसानों के लिए कई कदम उठाए गए हैं, मंडी में किसानों के फायदे के लिए उसे कहीं भी फसल बेचने की आजादी होगी। सरकार द्वारा लिए गए सभी फैसले किसान के लाभ का आधार बनेंगे। वहीं पीएम ने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी जमीन पर किसी की बुरी नजर नहीं पड़ेगी।

पीएम मोदी की बड़ी बातें

– चौरी चौरा की पवित्र भूमि पर देश के लिए बलिदान होने वाले, देश के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा देने वाले वीर शहीदों के चरणों में मैं प्रणाम करता हूं, आदरपूर्वक श्रद्धाजंलि देता हूं। 100 वर्ष पहले चौरी चौरा में जो हुआ वो सिर्फ एक आगजनी की घटना, एक थाने में आग लगा देने की घटना नहीं थी, चौरी चौरा का संदेश बहुत बड़ा था, बहुत व्यापक था।

– अनेक वजहों से पहले जब भी चौरी-चौरा की बात हुई उसे एक मात्र मामूली आगजनी के संदर्भ में ही देखा गया, लेकिन आगजनी किन परिस्थितियों में हुई, क्या वजह थी, ये भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। आग थाने में नहीं लगी थी, आग जन-जन के दिलों में प्रज्ज्वलित हो चुकी थी।

– चौरी-चौरा के ऐतिहासिक संग्राम को आज देश के इतिहास में जो स्थान दिया जा रहा है, उससे जो जुड़ा हुआ प्रयास हो रहा है वो प्रशंसनीय है।

– हमें संकल्प लेना है- देश की एकता हमारे लिए सबसे पहले है। देश का सम्मान हमारे लिए सबसे बड़ा है। इसी भावना के साथ हमें हर एक देशवासी को साथ लेकर आगे बढ़ना है।

– कई दिग्गज ये कह रहे थे कि देश ने बड़े संकट का सामना किया है इसलिए सरकार को टैक्स बढ़ाना ही पड़ेगा। लेकिन इस बजट में देशवासियों पर कोई बोझ नहीं बढ़ाया गया, बल्कि देश को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने ज्यादा से ज्यादा खर्च करने का फैसला लिया है।

– कोरोना काल में भारत ने दुनिया के 150 से ज्यादा देशों के नागरिकों की मदद के लिए दवाइयां भेजी। भारत ने दुनिया के अलग अलग देशों से अपने 50 लाख से अधिक नागरिकों को स्वदेश लाने का काम किया। जब भारत ने अनेकों देशों के हजारों नागरिकों को सुरक्षित उनके देश भेजा।

– आज भारत खुद कोरोना की वैक्सीन बना रहा है। दुनिया के बड़े बड़े देशों से भी तेज गति से टीकाकरण कर रहा है। भारत मानव जीवन की रक्षा के लिए दुनिया भर को वैक्सीन पहुंचा रहा है। तो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की आत्मा को गर्व महसूस होता होगा।

– महामारी की चुनौतियों के बीच भी हमारा कृषि क्षेत्र मजबूती से आगे बढ़ा और किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन करके दिखाया। हमारा किसान अगर और सशक्त होगा, तो कृषि क्षेत्र की प्रगति और तेज होगी। किसानों को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। मंडियां किसानों के फायदे का बाजार बनें, इसके लिए 1,000 और मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा।

– अब देश का प्रयास है कि हर गांव, कस्बे में भी इलाज की ऐसी व्यवस्था हो कि हर छोटी मोटी बीमारी के लिए शहर की तरफ न भागना पड़े। इतना ही नहीं शहरों में भी इलाज कराने में तकलीफ न हो, इसके लिए भी बड़े फैंसले लिए गए हैं।

– ग्रामीण क्षेत्र के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये किया गया है। इसका सीधा लाभ देश के किसान हो होगा। ये सभी फैसले हमारे किसान को आत्मनिर्भर बनाएंगे, कृषि को लाभ का व्यापार बनाएंगे।

– सामूहिकता की जिस शक्ति ने गुलामी के बेड़ियों को तोड़ा था, वही शक्ति भारत को दुनिया की बड़ी ताकत भी बनाएगी। सामूहिकता की यही शक्ति आत्मनिर्भर भारत अभियान का मूलभूत आधार है।

– आज से शुरू हो रहे ये कार्यक्रम पूरे साल आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान चौरी-चौरा के साथ ही हर गांव, हर क्षेत्र के वीर बलिदानियों को भी याद किया जाएगा। चौरी चौरा शताब्दी के इन कार्यक्रमों को लोकल कला, संस्कृति और आत्मनिर्भरता से जोड़ने का प्रयास किया गया है। ये प्रयास भी हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति हमारी श्रद्धांजलि होगी।

आपको बता दें कि आज से 100 साल पहले इसी दिन 4 फरवरी 1922 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा की घटना हुई थी जो आजादी की लड़ाई की ऐतिहासिक घटनाओं में एक है। 4 फरवरी 1922 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा में कुछ सत्याग्रही आंदोलन कर रहे थे, इस दौरान अंग्रेज सिपाही ने एक आंदोलनकारी की गांधी टोपी को पांवों तले रौंद दिया था। इसके बाद सत्याग्रही आक्रोशित हो गए और पुलिसवालों को दौड़ा दिया। पुलिसवाले भागकर थाने में छिप गए, लेकिन सत्याग्रहियों ने थाने को घेर लिया। पुलिस ने बचाव में फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें 3 सत्याग्रही मौके पर शहीद हो गए और 50 से ज्यादा घायल गए।

गुस्साए क्रांतिकारियों ने पुलिस चौकी में आग लगा दी, जिसमें थानेदार समेत 23 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। घटना के बाद महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया था। चौरी-चौरा काण्ड में 172 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। बतौर वकील पंडित मदन मोहन मालवीय की पैरवी से इनमें से 151 लोग फांसी की सजा से बच गये। बाकी 19 लोगों को 2 से 11 जुलाई 1923 के दौरान फांसी दे दी गई। इस घटना में 14 लोगों को उम्र कैद और 10 लोगों को 8 साल सश्रम कारावास की सजा हुई। जिन लोगों को फांसी दी गई, उनकी याद में एक स्मारक बनाया गया।

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