गंगा फिर उफनाई, नाव संचालन पर रोक
वाराणसी । वाराणसी में गंगा का जलस्तर फिर बढ़ने लगा है। इस सत्र में लगातार पांच बार गंगा के जलस्तर में बढ़ाव से कार्तिक मास पर्यंत स्नान करने वाले नेमियों के साथ घाट किनारे के लोगों की परेशानी बढ़ रही है। घाट के कर्मकांडी ब्राम्हणों, पंडों के साथ माझियों के सामने भी रोजी-रोटी की समस्या गहराने लगी है। जलस्तर में बढ़ोतरी होने के कारण सुरक्षा कारणों से गंगा में नौकायन पर प्रतिबंध लगाया गया है। कार्तिक माह में अच्छी कमाई की आस लगाये नाविक नौका संचालन पर रोक से मायूस हैं।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गुरुवार सुबह 08 बजे तक गंगा का जलस्तर 66.46 मीटर और पूर्वाह्न 10 बजे 66.58 मीटर दर्ज किया गया। गंगा का जलस्तर 06 सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। गंगा में चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर है। उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, कानपुर और लखनऊ में भारी बारिश की वजह से जलस्तर में वृद्धि हो रही है। पिछले दो दिन के अंदर गंगाघाटों की सीढ़ियां डूबने लगी हैं। सम्पर्क मार्ग पर भी पानी चढ़ गया है। गंगा उस पार रेती में भी पानी ही पानी दिख रहा है।
जलस्तर में बढ़ोतरी से घाटों पर लोग स्नान नहीं कर पा रहे हैं। लोगों का कहना है कि कार्तिक मास में पहली बार देखा जा रहा है कि गंगा का पानी घाटों को अपने आगोश में लिए हुए है। नौका संचालन ठप है। उधर, गंगा के कारण वरुणा का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। वरुणा कॉरिडोर भी बाढ़ के पानी और कीचड़ से अभी चलने लायक नहीं हुआ है। गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए देव दीपावली की तैयारियों पर असर दिखने लगा है। गंगा में बाढ़ से अभी तक मिट्टी और गाद पूरी तरह से हट नहीं पाई है।(हि.स.)