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डेढ़ साल बाद जम्‍मू-कश्‍मीर में बहाल हुई 4G इंटरनेट सेवा

प्रीपेड यूजर्स के लिए भी वेरिफिकेशन जरूरी

नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए खुशखबरी है। तकरीबन डेढ़ साल यानी 18 महीने बाद एकबार फिर से यहां 4G इंटरनेट सेवा बहाल हो गई है। जम्‍मू-कश्‍मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद 5 अगस्‍त 2019 से इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। हालांकि पिछले साल 25 जनवरी को 2G सेवा बहाल कर दी गई थी। सामान्‍य जनजीवन को पूरी तरह से पटरी पर लाने के लिए अब 4जी इंटरनेट सेवा पूरी तरह से बहाल की गई है।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राज्य में 4G इंटरनेट सेवा बहाल होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि इससे पूरे प्रदेश के लोगों विशेषकर युवाओं की उम्मीदें पूरी होंगी। ऊधर, राजनीतिक नेताओं, सामाजिक और व्यापारिक संगठनों ने भी स्वागत किया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने भी पीएम मोदी से जम्मू कश्मीर में 4जी सेवा शुरू करने की अपील की थी। 4जी सेवा बहाल होने पर पूर्व मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला खुशी का इजहार किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि `4जी मुबारक। अगस्‍त 2019 के बाद पहली बार पूरे जम्‍मू कश्‍मीर में 4जी मोबाइल डेटा सर्विस बहाल हुई। देर आए दुरुस्‍त आए।`

आपको बता दें कि पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू करने से पूर्व चार अगस्त 2019 की मध्यरात्रि गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार टेलीफोन और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया था। जम्मू प्रांत में ब्राडबैंड सेवा व मोबाइल फोन सेवा तीन-चार दिन बाद सामान्य रूप से बहाल कर दिया था, लेकिन मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद थी। जिसके बाद से जम्मू कश्मीर में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों, सामाजिक, व्यापारिक संगठनों के साथ सिविल सोसायटी के लोग 4जी इंटरनेट सेवा बहाली की मांग कर रहे थे। आनलाइन शिक्षा से लेकर टेलीमेडिसन, ई-कामर्स समेत विभिन्न गतिविधियां प्रभावित हो रही थी। सुरक्षा एजेंसियों की ओर से 4जी सेवा के शरारती तत्वों द्वारा दुरुपयोग की आशंका जताने पर बहाल नहीं किया जा रहा था।

अगले हफ्ते से जम्मू कश्मीर के लोग 4 जी इंटरनेट स्पीड का फायदा उठा सकेंगे। हालांकि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन किसी तरह का रिस्क नहीं उठाना चाहता है। राज्य में 4जी सेवा का फायदा वही प्रीपेड यूजर्स उठा सकेंगे, जो अपना वेरिफिकेशन सरकार के पास करवाएंगे। इसके अलावा गृह विभाग ने अधिकारियों और पुलिस विभाग को कहा गया है कि इस प्रतिबंध को हटाने का क्या असर कानून व्यवस्था पर हो रहा है इसका भी आकलन किया जाए। हालांकि सरकार के आदेश में यह स्पष्ट है कि प्रीपेड सिम कार्ड पर हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा नंबर के वेरिफिकेशन के बाद दी जाएगी। इस वेरिफिकेशन के लिए वही प्रक्रिया होगी जो पोस्ट पेड नंबरों के लिए होती है। माना जा रहा है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन हाई स्पीड सुविधा के बेजा इस्तेमाल पर लगाम लगाना चाहता है। घाटी में इंटरनेट इस्तेमाल के कई खतरे हैं, इसलिए सरकार सुरक्षा से जुड़ी कोई चुनौती नहीं लेना चाहती है।

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