धनतेरस पर स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के दर्शन की तैयारियां शुरू
वाराणसी । धनतेरस पर्व से शुरू होने वाले चार दिवसीय स्वर्णमयी माता अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए उमड़ने वाली भारी भीड़ की सुरक्षा और सुगम दर्शन को लेकर प्रशासनिक तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंगलवार शाम डीसीपी काशी जोन आर एस गौतम, दशाश्वमेध एसीपी अवधेश पांडेय ने अन्नपूर्णा मंदिर में पहुंच कर मंदिर प्रबंधन से व्यवस्था की जानकारी लेने के साथ पूरे मंदिर परिसर का निरीक्षण भी किया। पुलिस अफसरों ने अफसरों को दिशा निर्देश देने के बाद मंदिर में बने कंट्रोल रूम को देखा।
इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने मंदिर के महंत शंकर पुरी के साथ श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन पूजन की व्यवस्था को लेकर बातचीत की। इसके बाद अन्नपूर्णा मंदिर में प्रवेश व निकास द्वार को देखा। हर वर्ष मंदिर में लगाई जाने वाली अस्थायी सीढ़ियों को देखा और उसके बारे में भी जानकारी ली। मंदिर परिसर में सुरक्षा के लिए लगभग दो दर्जन कैमरे पहले से लगाए गए हैं। निरीक्षण के दौरान डॉ राम नारायण द्विवेदी,मंदिर के प्रबन्धक काशी मिश्रा भी मौजूद रहे।
बताते चले धनतेरस पर्व से शुरू होने वाले चार दिवसीय स्वर्णमयी माता अन्नपूर्णा का दर्शन भोर से शुरु होता है। मंदिर के महंत शंकर पुरी भोर में साढ़े तीन बजे मां को पंचामृत स्नान कराने के बाद विशेष झांकी सजाते हैं। महाआरती के बाद भक्तों के दर्शन के लिए सुबह पांच बजे माता का दरबार खोल दिया जाता है। मान्यता है कि काशी नगरी के पालन-पोषण को देवाधिदेव महादेव भी मां की कृपा पर ही आश्रित हैं। अन्नदात्री मां की ममतामयी छवियुक्त ठोस स्वर्ण प्रतिमा कमलासन पर विराजमान और रजत शिल्प में ढले भगवान शिव की झोली में अन्नदान की मुद्रा में है।
दायीं ओर मां लक्ष्मी और बायीं तरफ भूदेवी का स्वर्ण विग्रह है। इस दरबार के दर्शन वर्ष में सिर्फ चार दिन धनतेरस से अन्नकूट तक ही होते हैं। इसमें पहले दिन धान का लावा, बताशा के साथ मां के खजाने का सिक्का प्रसादस्वरूप वितरित किए जाने की परंपरा है। माता रानी का प्रसाद रूपी खजाना पाने के लिए देश-विदेश से आस्थावानों का रेला उमड़ता है।(हि.स.)