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प्रशासनिक दृष्टिकोण से दुद्धी का जिला बनना आवश्यक – सुरेन्द्र अग्रहरि

जिला बनने के बाद ही दुद्धी क्षेत्र का विकास सम्भव

दुद्धी,सोनभद्र – उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में कुछ जिले ऐसे बने हैं जहाँ की जनसंख्या व क्षेत्रफल बहुत ही कम है। लेकिन दुद्धी को जिला बनाने में सरकार द्वारा देरी कर इस क्षेत्र की जनता से अन्याय किया जा रहा है। जिससे इस क्षेत्र का अपेक्षाकृत विकास नहीं हो पा रहा है ।प्रशासनिक तौर पर किसी भी क्षेत्र को जिला बनाने के लिए जाँच होना जरूरी होता है।राज्य सरकार द्वारा अपने बजट में जिला बनाने के लिए समिति गठित करने की घोषणा करनी पड़ती हैं एवं रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है जिसकी अवधि 6 माह की होती हैं।उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता डीसीएफ चेयरमैन सुरेन्द्र अग्रहरि ने कही।

उन्होंने कहा कि दुद्धी जिला की मांग अनवरत डेढ़ दशक से चल रहा है फिर भी बसपा व ,सपा सरकार द्वारा ध्यान न देने के कारण दुद्धी को जिला बनाने की घोषणा नहीं हुई और अब भाजपा सरकार चल रही है ।दुद्धी विधानसभा क्षेत्र में 2017 में हुई चुनावी सभा में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जो इस क्षेत्र से भली भांति परिचित हैं उन्होंने म्योरपुर की चुनावी रैली में कहा था कि भाजपा की सरकार बनती हैं तो दुद्धी को जिला बनाया जाएगा ।साथ ही बभनी के चुनावी रैली में दिल्ली के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी ने भी घोषणा किया था कि दुद्धी को जिला बनाया जाएगा एवं दुद्धी की सरजमी पर अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने भी दुद्धी को जिला बनाने की बात कही थी लेकिन मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्य से घिरे दुद्धी क्षेत्र को जिला बनाने की घोषणा अभी तक नहीं हुई जिससे इस क्षेत्र का अपेक्षित विकास सम्भव नहीं हो पा रहा है ।

इस क्षेत्र की जनता का हक और अधिकार है कि अपने क्षेत्र को जिला बनाने हेतु आवाज बुलन्द करे । जिले को प्रशासनिक और सुचारू रूप से चलाने के लिए छोटे छोटे जिलो में बाटना आवश्यक होता है इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति ऐसी ही है कि इसका जिला बनना आवश्यक है । ज्ञातव्य हो कि दुद्धी को जिला बनाने की जो मांग है उसमें सोन नदी के इस पार के क्षेत्र को लेकर शक्तिनगर ,अनपरा,रेनुकूट, पिपरी, बीजपुर, बभनी, म्योरपुर, दुद्धी, विंढमगंज, डाला,ओबरा, चोपन व कोन के क्षेत्र है जो सोननदी व कनहर नदी के साथ साथ अन्य छोटी छोटी नदियों से घिरी हुई है।

इस क्षेत्र के अन्तर्गत एन. टी.पी.सी. बीजपुर, शक्तिनगर, एन. सी.एल., रेनुसागर पावर प्लांट, ओबरा थर्मल पावर प्लांट, डाला सीमेंट फैक्ट्री, आदित्य बिड़ला केमिकल, हिंडाल्को एलुमिनियम प्लांट,हाईटेक कार्बन प्लान्ट, के साथ साथ कई छोटे छोटे क्रशर प्लान्ट भी है।साथ ही क्षेत्र के विकास के लिए शक्तिनगर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण भी है । दुद्धी में न्यायालय है । ओबरा में सर्वे ऑफिस है।दुद्धी के साथ साथ ओबरा भी तहसील बन चुका है । दुद्धी,म्योरपुर, बभनी, चोपन, कोन 5 ब्लॉक हो चुके है । लगभग ढाई विधानसभा का क्षेत्र है जो 2021 में जनगणना के समय 4 विधानसभा का रूप ले लेगा।

इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के महोबा जिले को 11 फरवरी 1995 को जिला बनाने की घोषणा हुई थी। जिसमें 4 ब्लॉक और तीन तहसील थी , जनसंख्या 875958 थी। भदोही को 30 जून 1994 को जिला बनाया गया जिसमें 6 ब्लॉक थे जनसंख्या लगभग 10 लाख थी ।इस प्रकार दुद्धी को जिला बनाने की जो माँग की जा रही हैं उसमें जनसंख्या 15 लाख के आसपास है । प्रस्तावित जिले में दुद्धी, रेनुकूट, पिपरी, अनपरा, ओबरा, डाला, चोपन मिलाकर 7 नगर पंचायत हो रहे है ।इस प्रकार दुद्धी का जिला बनना प्रत्येक दृष्टिकोण से सम्भव है। उन्होंने कहा कि जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ गढ़ का 28 वा जिला 15 अगस्त 2019 को गौरेला पेन्ड्रा मरवाही बना है।

जिसकी जनसंख्या तीन लाख छत्तीस हजार चार सौ इक्कीस है । मध्यप्रदेश का निवाड़ी जिला जो एक अक्टूबर 2018 को बना है उसकी जनसंख्या 4 लाख है ,दो विधानसभा क्षेत्र आते हैं।झारखण्ड का रामगढ़ जिला जिसकी जनसंख्या 9 49 443 , लोहरदगा 461790, खूंटी 531885, सिमडेगा 599578 है।बिहार का शिवहर जिला जिसकी जनसंख्या 7 लाख है ।इसका अर्थ यह है कि अन्य राज्यों की सरकार अपने क्षेत्र के विकास के लिए कम जनसंख्या वाले स्थानों को भी उनके चतुर्दिक विकास के लिए जिला बनाकर उनका समुचित विकास कर रही हैं तो इसी प्रकारउतर प्रदेश में स्थापित भाजपा सरकार को भी दुद्धी क्षेत्र के विकास के लिए दुद्धी को जिला बनाना चाहिए

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