हिजाब मामले में अंतरिम आदेश की याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह कर्नाटक में प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों की कक्षाओं में हिजाब पर प्रतिबंध के खिलाफ दायर याचिका पर अंतरिम आदेश की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा।मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने सुनवाई के करने के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ गठित करने की याचिका पर विचार करने के लिए सहमति दी।पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने विद्यार्थियों का पक्ष रखते हुए 06 फरवरी शुरू होनेवाली परीक्षाओं का हवाला देते हुए शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई थी।
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष श्रीमती अरोड़ा ने कहा कि 13 अक्टूबर 2022 के शीर्ष न्यायालय के खंडित फैसले के बाद बहुत सी छात्राएं निजी कॉलेजों में चली गईं, लेकिन परीक्षाएं केवल सरकारी कॉलेजों में आयोजित की जा सकती हैं। ऐसे में उन्हें 06 फरवरी से हिजाब पहनकर परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जा सकती है। इस मामले में अंतरिम आदेश के लिए शीघ्र सुनवाई की जा सकती है।पीठ ने याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद कहा, “यह तीन न्यायाधीशों का मामला है। हम इसे करेंगे।”पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील को रजिस्ट्रार के समक्ष इस मामले का उल्लेख करने का निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत ने 13 अक्टूबर 2022 को कर्नाटक में प्री यूनिवर्सिटी कॉलेजों की कक्षाओं में कुछ मुस्लिम छात्राओं द्वारा पहने जाने वाले हिजाब पर प्रतिबंध की वैधता पर एक खंडित निर्णय दिया था। इस विवाद पर एक बड़ी पीठ द्वारा विचार किया जाना है।शीर्ष अदालत के बहुमत के फैसले के बाद कक्षाओं में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध जारी है।शीर्ष न्यायालय के न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने 13 अक्टूबर 2022 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अलग-अलग राय देते हुए कहा था कि इस मामले को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष भेजा जाएगा, ताकि सुनवाई के लिए बड़ी पीठ गठित की जा सके।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 15 मार्च 2022 के अपने फैसले में हिजाब पहने पर प्रतिबंध लगाने वाले (राज्य सरकार के) पांच फरवरी के आदेश को उचित ठहराया था। इसके खिलाफ शीर्ष अदालत में करीब दो दर्जन से अधिक याचिकाएं दायर की गई थीं।(वार्ता)