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गर्मी में त्वचा की देखभाल

शहनाज हुसैन

दिन का तापमान लगातार बढ़ना शुरू हो गया है और सर्दियों के मौसम की बिदाई महज औपचारिकता मात्र रह गई है। मौसम विभाग की माने तो अगले कुछ दिनों में दिन का तापमान 30 डिग्री से ज्यादा रिकॉर्ड किया जा सकता है। अगले कुछ दिनों में एसी चालू हो जायेंगे, तो ऐसे में मौसम की मार सबसे ज्यादा त्वचा को झेलनी पड़ती है। बदलते मौसम में हमे अपने खान-पान, दिनचर्या, कपड़ों आदि में बदलाव के साथ ही अपनी त्वचा की देखभाल में भी अहम बदलाव लाने की जरूरत है ताकि हमारी त्वचा कोमल, मुलायम और दिव्यमान बनी रहे।

गर्मियों के मौसम में तेज धूप में बाहर घूमने से सूर्य की अल्ट्रावॉयलेंट किरणों की बजह से टैनिंग तथा सनबर्न की समस्या अपने चरम पर होती है।चिलचिलाती धूप तथा यू वी रेडिएशन की बजह से त्वचा में नमी कम हो जाती है जिसकी बजह से त्वचा रूखी, मुरझाई तथा बेजान हो जाती है तथा त्वचा का रंग सामान्य से ज्यादा गहरा या काला हो जाता है। सूर्य की गर्मी तथा बायू प्रदूषण की बजह से चेहरे पर कील-मुहाँसे, छईयां, काले दाग़, ब्लैक हैड, तथा पसीने की बदबू की समस्या आम हो जाती है जिससे आपके सौंदर्य को मानो ग्रहण सा लग जाता है तथा आप घर से बाहर निकलने में असहज महसूस करती है तथा मौसम आप के लिए परेशानी का सबब बन जाता है ।

वास्तव में त्वचा झुलसती कैसे है। त्वचा का सूर्य के सीधे प्रभाव में आने से त्वचा में मेलेनिन की मात्रा बढ़ जाती है जो कि त्वचा की रंगत को प्रभावित करती है। मेलेनिन वास्तव में सूर्य की हानिकारक अल्ट्रा वायलेट किरणों से त्वचा की रक्षा करता है। मेलेनिन जब त्वचा के निचले हिस्सों में पैदा होने के बाद त्वचा के ऊपरी बाहरी हिस्सों तक पहुंचता है। मेलेनिन की रंगत सांवली होती है जिससे त्वचा की रंगत काली पड़ जाती है। भारत में गोरी त्वचा को काफी सराहा जाता है, इसलिए सावंली त्वचा को एक गहरी समस्या के रूप में देखा जाता है, लेकिन इसका पर्याप्त समाधान क्या है? इस समय सूर्य की किरणों से त्वचा के बचाव के लिए सनस्क्रीन का लेप काफी प्रभावी माना जाता है। इसके अलावा टोपी पहनना, छाता लेकर चलना तथा दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक घर में रहना भी वैकल्पिक उपाय माने जाते है। अगर आपको भरी दोपहर में घर से निकलना ही पडे़ तो सूर्य की गर्मी से बचाव करने वाली सनस्क्रीन बाजार में उपलब्ध है।

सूर्य की गर्मी से झुलसी त्वचा की रंगत को दुबारा हल्की रंगत में लाना एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसमें फेशियल स्क्रब महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। आप अपनी त्वचा के अनुरूप फेशियल स्क्रब का उपयोग कर सकते है। यदि आपकी त्वचा शुष्क हो तो सप्ताह में मात्र एक बार ही स्क्रब का उपयोग करना चाहिए लेकिन तैलीय त्वचा में आपका इसका उपयोग दोहरा सकते है। स्क्रब को त्वचा पर आहिस्ता से गोलाकार स्वरूप में उंगलियों के सहारे लगाया जाना चाहिए तथा कुछ समय बाद इसे ताजे सादे पानी से धो डालना चाहिए। इससे त्वचा में मृतक कोशिकाऐं हट जाती है जिससे त्वचा में निखार आ जाता है तथा धूप से झुलसी चमड़ी हट जाती है। आप अपनी रसोई में रखे उत्पादों से आसानी से स्क्रब बना सकती है। वास्तव में रसोई में रखें अनेक उत्पादों को झुलसी त्वचा को ठीक करने के लिए सीधे तौर पर लगाया जा सकता है। सूर्य की गर्मी से झुलसी त्वचा को ठीक करने के घरेलू उपाय निम्नलिखित है।

गर आप दिन भर बाहर रहना नौकरी या पेशेवर मज़बूरी है तो शाम को चेहरे को ठण्डक पहुँचाने के लिए चेहरे पर कुछ समय तक बर्फ के टुकड़ों को रखिए इससे सनबर्न से हुए नुकसान से राहत मिलेगी तथा त्वचा में नमी बढ़ेगी। चेहरे पर टमाटर का पेस्ट लगाने से भी गर्मियों में झुलसी त्वचा को काफी सकून मिलता है। गर्मियों में त्वचा पर सनबर्न के नुकसान को कम करने के लिए चेहरे को बार बार ताजे , साफ तथा ठन्डे पानी से धोइये। चेहरे को धोने के बाद इसे तौलिये से पौंछने की बजाय अपने आप सूखने दें जिससे चेहरे में ठंडक वनी रहेगी। गुलाब जल में तरबूज का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने के 20 मिनट बाद ताजे पानी से धो डालने से सनबर्न का असर ख़तम हो जायेगा

स्क्रब: बादाम से सबसे बेहतरीन फेशियल स्क्रब बनता है। बादाम को गर्म पानी में तब तक भिगोऐ रखे जब तक इसका बाहरी छिल्का न हट जाए। इसके बाद बादाम को सुखाकर पीस ले तथा इस पाऊडर को एक एयरटाईट जार में रख ले। प्रत्येक सुबह दो चम्मच पाऊडर में दही या ठण्डा दूध मिलाकर इस मिश्रण को कोमलता से त्वचा पर लगाऐं तथा बाद में इसे पानी से धो डालें। चावल के पाऊडर में दही मिलाकर स्क्रब के तौर पर उपयोग करने से तैलीय त्वचा को राहत मिलती है। थोड़ी सी हल्दी को दही में मिलाइए इसे प्रतिदिन त्वचा पर कोमलता से लगाइए तथा आधा घण्टा बाद ताजे स्वच्छ पानी से धो डालिए।

एक चम्मच शहद में दो चम्मच नीबूं जूस मिलाइए इसे प्रतिदिन चेहरे पर लगाइए तथा आधा घण्टा बाद ताजे साफ जल से धो डालिए।
तैलीय त्वचा से झुलसी त्वचा को राहत प्रदान करने के लिए खीरे की लुगदी को दही में मिलाइए तथा इस मिश्रण को प्रतिदिन चेहरे पर लगाइए इस मिश्रण को 20 मिनट बाद ताजे स्चच्छ जल से धो डालिए तथा यह तैलीय त्वचा को सबसे ज्यादा उपयुक्त होगा।

तैलीय त्वचा के लिए टमाटर की लुगदी में एक चम्मच शहद मिलाकर इस मिश्रण को प्रतिदिन त्वचा पर लगाइए तथा 20 मिनट बाद धो डालिए। त्वचा को सूर्य की गर्मी से जल जाने से राहत प्रदान करने के लिए काटनवूल की मदद से ठण्डा दूध कोमलता से प्रतिदिन त्वचा पर लगाऐ। इससे त्वचा केा न केवल राहत मिलेगी बल्कि त्वचा कोमल बनकर निखरेगी। लम्बे समय तक इसका उपयोग करने से त्वचा की रंगत में निखार आएगा तथा यह शुष्क तथा सामान्य त्वचा दोनो को उपयोगी सिद्ध होगी।

सूर्य की गर्मी से झुलसी त्वचा के उपचार तथा बचाव में तिल अहम भूमिका अदा करते है। मुट्ठी भर तिल को पीसकर इसे आधे कप पानी में मिला लीजिए तथा दो धण्टा तक मिश्रण को कप में रहने के बाद पानी को छानकर इससे चेहरा साफ कर लीजिए।

क्लींजिग मास्क : खीरे तथा पपीते की लुगदी का मिश्रण करके इसमें एक चम्मच दही, एक चम्मच शहद, चार चम्मच जई का आटा तथा एक चम्मच नीबूं जूस मिला लीजिए तथा इस मिश्रण को सप्ताह में दो बार चेहरे तथा गर्दन पर लगा लीजिए तथा आधा घण्टा बाद ताजे पानी से धो डालिए।

शरीर : शरीर की प्रतिदिन तिल के लेप से मालिश करनी चाहिए। दही में बेसन, नीबूं जूस तथा थोडी हल्दी मिलाइए तथा इसे चेहरे तथा गर्दन पर सप्ताह में तीन बार मालिश तथा 30 मिनट बाद ताजे स्वच्छ पानी से धो डालिए।

हाथो के लिए : दो चम्मच सूर्यमुखी तेल तथा तीन चम्मच खुरदरा चीनी का मिश्रण करके इसका पेस्ट बना लीजिए। इसे हाथों पर रगडिये तथा 15 मिनट बाद हाथों को स्वच्छ जल से धो डालिए।

पैरों के लिए : पानी में नीबूं जूस मिलाकर इसमें पैरों को डूबों दीजिए इससे पैरों में शीतलता, कोमलता तथा ठण्डक का अहसास मिलता है तथा पैरों की दुर्गन्ध समाप्त हो जाती है। पांव पर नीबूं रगड़ने से भी पांवों की सुन्दरता बढ़ती है।

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