
चीन और यूरोप के कमजोर आर्थिक आंकड़ों से शेयर बाजार हलकान
नवंबर में खाद्य, ईंधन के भावों का दबाव कम, थोक मुद्रास्फीति घटकर 1.89 प्रतिशत.नवंबर में भारत का व्यापार घाटा तीन गुना बढ़कर 19.84 अरब डॉलर पर
मुंबई : चीन और यूरोप के कमजोर आर्थिक आंकड़ों तथा बॉन्ड के बढ़ते प्रतिफल से इक्विटी मूल्यांकन को मिल रही चुनौती के बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति बैठक में ब्याज दर पर होने वाले निर्णय को लेकर आशंकित विश्व बाजार में आई गिरावट के दबाव में स्थानीय स्तर पर यूटिलिटीज, धातु, तेल एवं गैस और टेक समेत तेरह समूहों में हुई बिकवाली से आज शेयर बाजार गिरकर बंद हुआ।बीएसई का तीस शेयराें वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 384.55 अंक का गोता लगाकर 81,748.57 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 100.05 अंक की गिरावट लेकर 24,668.25 अंक रह गया।
हालांकि बीएसई की दिग्गज कंपनियों के विपरीत मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त लिवाली हुई, जिससे मिडकैप 0.73 प्रतिशत की छलांग लगाकर 48,126.66 अंक और स्मॉलकैप 0.47 प्रतिशत की तेजी के साथ 57,227.62 अंक पर पहुंच गया।इस दौरान बीएसई में कुल 4240 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 2346 में लिवाली जबकि 1796 में बिकवाली हुई वहीं 98 में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह निफ्टी की 40 कंपनियां लाल जबकि नौ हरे निशान पर रहीं वहीं एक के भाव स्थिर रहे।बीएसई के 13 समूहों में बिकवाली जबकि अन्य में लिवाली हुई। इस दौरान कमोडिटीज 0.40, ऊर्जा 0.53, एफएमसीजी 0.26, आईटी 0.61, दूरसंचार 0.51, यूटिलिटीज 0.63, बैंकिंग 0.02, धातु 0.95, तेल एवं गैस 0.75, पावर 0.17, टेक 0.82, सर्विसेज 0.49 और फोकस्ड आईटी समूह के शेयर 0.74 प्रतिशत टूट गए।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार का रुझान भी नकारात्मक रहा। इससे ब्रिटेन का एफटीएसई 0.35, जर्मनी का डैक्स 0.42, जापान का निक्केई 0.03, हांगकांग का हैंगसेंग 0.88 और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.16 प्रतिशत लुढ़क गया।शुरूआती कारोबार में सेंसेक्स 133 अंक की गिरावट लेकर 82,000.31 अंक पर खुला लेकिन लिवाली के दम पर थोड़ी देर बाद ही 82,116.44 अंक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। वहीं, बिकवाली होने से दोपहर तक यह 81,551.28 अंक के निचले स्तर तक लुढ़क गया। अंत में पिछले दिवस के 82,133.12 अंक के मुकाबले 0.47 प्रतिशत का गोता लगाकर81,748.57 अंक रह गया।इसी तरह निफ्टी भी 15 अंक फिसलकर 24,753.40 अंक पर खुला और सत्र के दौरान 24,781.25 अंक के उच्चतम जबकि 24,601.75 अंक के निचले स्तर पर रहा। अंत में पिछले सत्र के 24,768.30 अंक की तुलना में 0.40 प्रतिशत की गिरावट लेकर 24,668.25 अंक पर बंद हुआ।
इस दौरान सेंसेक्स की जिन 24 कंपनियों ने नुकसान उठाया उनमें टाइटन 2.04, अडानी पोर्ट्स 1.37, टीसीएस 1.29, एनटीपीसी 1.25, भारती एयरटेल 1.16, टेक महिंद्रा 1.11, जेएसडब्ल्यू स्टील 1.08, इंफोसिस 1.01, हिंदुस्तान यूनिलीवर 0.98, टाटा मोटर्स 0.75, एचसीएल टेक 0.74, टाटा स्टील 0.70, रिलायंस 0.42, एचडीएफसी बैंक 0.39, एलटी 0.33, मारुति 0.19, एसबीआई 0.12 और आईटीसी 0.02 प्रतिशत शामिल रही।वहीं, इंडसइंड बैंक 1.28, बजाज फाइनेंस 0.30, पावरग्रिड 0.24, एक्सिस बैंक 0.17, महिंद्रा एंड महिंद्रा 0.12 और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर 0.03 प्रतिशत लाभ में रहे।
नवंबर में खाद्य, ईंधन के भावों का दबाव कम, थोक मुद्रास्फीति घटकर 1.89 प्रतिशत
सरकार द्वारा सोमवार को जारी अनंतिम आंकड़ों के अनुसार थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति नवंबर, 2024 में खाद्य वस्तुओं, ईंधन और प्राथमिक वस्तुओं की मंहगाई का दबाव कम होने से घट कर 1.89 प्रतिशत पर आ गयी।इस वर्ष अक्टूबर में यह 2.36 प्रतिशत और सितंबर में 1.91 प्रतिशत थी।खाद्य मुद्रास्फीति अक्टूबर, 2024 के 11.59 प्रतिशत से घट कर नवंबर में 8.92 प्रतिशत पर आ गयी। इस दौरान विनिर्मित वस्तुओं की थोक मुद्रास्फीति 1.50 प्रतिशत से बढ़ कर दो प्रतिशत और प्राथमिक वस्तुओं की मुद्रास्फीति 8.09 प्रतिशत से घट कर 5.49 प्रतिशत पर आ गयी।
इस दौरान ईंधन के दाम सालाना आधार पर 5.83 प्रतिशत नीचे थे जबकि अक्टूबर में इसके दाम में सालाना आधार पर गिरावट 5.79 प्रतिशत थी।खाद्य वस्तुओं के वर्ग में सब्जियों के दाम नवंबर में सालाना स्तर पर 28.57 प्रतिशत ऊपर रहे जो नवंबर,2023 में सालाना आधार पर 11.13 प्रतिशत अधिक थे।नवंबर में चावल, गेहूं और दालों के थोक भाव सालाना आधार पर क्रमश: 7.58 प्रतिशत, 8.35 प्रतिशत और दालों के थोक भाव 5.92 प्रतिशत ऊपर थे।
नवंबर में भारत का व्यापार घाटा तीन गुना बढ़कर 19.84 अरब डॉलर पर
वाणिज्यिक वस्तुओं एवं सेवा क्षेत्र के निर्यात की तुलना में आयात के 29 प्रतिशत तक बढ़ने से इस वर्ष नवंबर में देश का व्यापार घाटा इसके पिछले वर्ष की इसी अवधि के 6.89 अरब डॉलर के मुकाबले करीब तीन गुना बढ़कर 19.84 अरब डॉलर पर पहुंच गया।वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से सोमवार को यहां जारी आंकड़ाें के अनुसार, नवंबर 2024 में देश का कुल निर्यात नवंबर 2023 के 61.85 अरब डॉलर के मुकाबले 9.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 67.79 अरब डॉलर हो गया। लेकिन, इसी अवधि में कुल आयात में 27.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ, जिससे यह 68.74 अरब डॉलर से बढ़कर 87.63 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
इस तरह इस अवधि में देश का व्यापार घाटा 6.89 अरब डॉलर के मुकाबले करीब तीन गुना बढ़कर 19.84 अरब डॉलर हो गया।आलोच्य अवधि में वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात 33.75 अरब डॉलर की तुलना में 4.9 डॉलर घटकर 32.11 अरब डॉलर रह गया लेकिन आयात 55.06 अरब डॉलर के मुकाबले 27.04 प्रतिशत की छलांग लगाकर 69.95 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इसी तरह सेवा क्षेत्र का कुल निर्यात 28.11 अरब डॉलर से 26.9 प्रतिशत बढ़कर 35.67 अरब डॉलर जबकि आयात 13.68 अरब डॉलर की तुलना में 29.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 17.68 अरब डॉलर हो गया।(वार्ता)
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