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कोलकाता से आए पीओपी के सांचे में ढ़लेंगी गौरी-गणेश की मूर्तियां

लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्म निर्भर भारत अभियान को गति देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक और नई पहल की है। मुख्यमंत्री की पहल पर गठित माटी कला बोर्ड ने इस दीपावली पर आत्मनिर्भर भारत अभियान के जरिए स्वदेशी को लोकप्रिय बनाने और चीन से खास मुकाबले की तैयारी की है ।

पहल छोटी संदेश बड़ा

दीपावली में उत्तरप्रदेश में बनने वाली गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां चीन से आने वाली ऐसी ही मूर्तियों से भी खबसूरत हों, इसके लिए अपने हुनर से मिट्टी में जॉन डालने वाले 25 हुनरमंदों को अपर मुख्य सचिव खादी एवं खादी ग्रामोद्योग और माटी कला बोर्ड के महाप्रबंधक नवनीत सहगल ने कोलकाता से मंगाकर मूर्तियों के प्लास्टर ऑफ पेरिस पीओपी के सांचे दे रही है। देखने में ये पहल छोटी लग सकती है, पर इसका संदेश बड़ा है।पहले चरण में सवतंत्रा दिवस पर यहां खादी भवन में आयोजित कार्यक्रम में लखनऊ के 25 मूर्तिकारों को ये सांचे दिये गये। आगे भी गोरखपुर और वाराणसी के मूर्तिकारों को ऐसे ही सांचे दिये जाएंगे।

सांचा बनाने के पहले इनमें किस तरह की मूर्तियां बनेंगी, इसके लिए जाने-माने मूर्तिकारों और उप्र इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के विशेषज्ञों से सलाह ली गयी। इन सबकी पहल पर मूर्तिकारों ने जो मूर्तियां बनाईं उनमें से सबसे अच्छी कुछ मूर्तियों का चयन किया गया। इन मूर्तियों के लिए कोलकाता से सांचा बनवाया गया। सांच आठ और 12 इंच के दो स्टैडर्ड साइज में हैं। दीपावली पर बिकने वाली लक्ष्मी-गणेश की इसी साइज की मूर्तियों की सर्वाधिक मांग भी रहती है। इन सांचों से आटोमैटिक मशीनों द्वारा कैसे बेहतरीन फिनिशिंग वाली मूर्तियां तैयार हों इसके लिए जहां जरूरत होगी वहां बोर्ड की ओर से प्रशिक्षण का कार्यक्रम भी चलेगा।

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