National

कोरोना से लड़ाई में स्टार्ट-अप्स बनेंगे सहयोगी

देश में कोविड की दूसरी लहर की मौजूदा चुनौती से निपटने को स्टार्ट-अप आधारित समाधान के लिये तेजी से कार्रवाई की जा रही है। इसके मद्देनजर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने भारतीय स्टार्ट-अप्स और कंपनियों से आवेदन आमंत्रित किये गये हैं, ताकि इस संकट का सामना करने के लिये नई प्रौद्योगिकियों और अभिनव उत्पादों का विकास किया जाये।

निधि 4 कोविड 2.0 के तहत मांगे गए आवेदन

निधि 4 कोविड 2.0 एक नई पहल है। इसके जरिये भारत में पंजीकृत उन पात्र स्टार्ट-अप और कंपनियों को आर्थिक मदद दी जायेगी, जो ऑक्सीजन नवाचार, आसानी से लाने-ले जाने वाले उपकरण, जरूरी मेडिकल सहायक सामग्री, निदान संबंधी समाधान और कोविड-19 के गहरे असर का सामना करने वाले देश/समाज की मदद तथा इसका असर कम करने का समाधान निकाल सकें।

राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उद्यमिता विकास बोर्ड का है अभियान

यह पहल डीएसटी के अधीन राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उद्यमिता विकास बोर्ड (एनएसटीईडीबी) का विशेष अभियान है, जिसके तहत महामारी के संकट की मौजूदा चुनौती से निपटने में देश को घरेलू समाधान तथा अभिनव उत्पाद मिल सकें।

इस समय ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसे उपकरणों के लिये जिन पुर्जों की जरूरत पड़ती है, उन्हें आयात किया जा रहा है। इन्हीं पुर्जों का विकास और निर्माण भारत में करने का उद्देश्य है। इसके लिये डीएसटी बुनियादी आर्थिक सहायता देगा। बेहतरीन स्टार्ट-अप्स को वित्तीय सहायता मिलेगी और उनके उत्पादों व प्रौद्योगिकियों को अगले स्तर तक ले जाने के लिये सहयोग किया जायेगा, ताकि उत्पादों का तेज विकास करने में मदद हो सके।

पहले भी एनएसटीईडीबी ऐसा कर चुका है

यह पहल एनएसटीईडीबी के पूर्व के अनुभव पर आधारित है। संस्था ने 2020 में स्टार्ट-अप्स की मदद की थी। इस मदद के लिये संस्था ने सेंटर फॉर ऑगमेंटिंग वॉर विद कोविड-19 हेल्थ क्राइसेस (कवच), यानि कोविड-19 स्वास्थ्य चुनौती के खिलाफ जंग में तेजी लाने वाले केंद्र को क्रियान्वित किया था। यह काम स्टार्ट-अप्स के लिए बुनियादी सहायता प्रणाली के जरिए किया गया था।

डीएसटी के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा का कहना है, “ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसे उपकरणों के विकास को सहायता देने से ऐसी तमाम जरूरी चीजों के विकास और निर्माण के अपार अवसर मिल जाते हैं, जिन्हें आयात किया जाता है, जैसे विशिष्ट वाल्व, जियोलाइट पदार्थ, तेल-रहित व शोर-रहित छोटे कंप्रेसर, गैस सेंसर आदि। तमाम सेक्टरों में इन उपकरणों में भरपूर इस्तेमाल होता है।”

कोरोना से लड़ाई में स्टार्ट-अप्स करेंगे सहयोग

मौजूदा हालात में, बाजार में नई प्रौद्योगिकियां और उत्पाद लाने में स्टार्ट-अप्स अहम भूमिका निभा सकते हैं। इस तरह देश कोविड के खिलाफ मौजूदा जंग के दौरान विभिन्न मोर्चों पर मजबूत बनेगा। कुछ स्टार्ट-अप्स की प्रौद्योगिकियां वाकई कारगर हैं, लेकिन उन्हें सलाह, धन और बाजार समर्थन की जरूरत है, ताकि वे अगले स्तर तक पहुंच सकें। लिहाजा, डीएसटी इस नई पहल के जरिये कोशिश कर रहा है कि पात्र स्टार्ट-अप्स को आवश्यक सहयोग मिल सके और उनकी प्रौद्योगिकियां विकसित हों। स्टार्ट-अप्स के उत्पाद विकास स्तर तक पहुंच सकें, इसके लिये डीएसटी हर संभव मदद कर रहा है।

यहां कर सकते हैं आवेदन

जो भी इच्छुक इस अभियान में भाग लेना चाहते हैं, वे पोर्टल https://dstnidhi4covid.in पर 31 मई, 2021 को रात 12 बजे तक आवेदन कर सकते हैं। विस्तृत जानकारी और पात्रता शर्तों के लिये आवेदक https://dstnidhi4covid.in/. पर विजिट करें।

VARANASI TRAVEL
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Back to top button
%d bloggers like this: