वाराणसी: मानसिक चिकित्सालय की वित्तीय जांच के भी आदेश: जिलाधिकारी
जांच रिपोर्ट में यदि कोई दोषी पाया गया तो होगी कठोर कार्यवाही
वाराणसी । पांडेयपुर स्थित मानसिक चिकित्सालय में व्याप्त अव्यवस्था को देखने के बाद बुधवार शाम जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने वित्तीय जांच के भी आदेश दिए है। अस्पताल के औचक निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी को भी खामियां दिखी। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से मानसिक चिकित्सालय में रखरखाव की व्यवस्था को लेकर शिकायतें मिल रही थीं। दो सदस्य प्रशासनिक जांच समिति और मुख्य कोषाधिकारी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यों की वित्तीय जांच करने वाली समिति भी इस दौरान उपस्थित थी।
निरीक्षण के दौरान भर्ती तीन मरीजों की आकस्मिक मृत्यु का मामला भी सामने आया। जिसके लिए एडीएम व मुख्य चिकित्सा अधिकारी की दो सदस्यीय टीम बनाकर व्यवस्था की जांच करायी जा रही है। जिसकी जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में प्रस्तुत होनी है। इसके सभी रिकॉर्ड समिति द्वारा इकठ्ठे किये गये।
जिलाधिकारी ने मानसिक चिकित्सालय में गर्मी से बचाव के कार्य चेक किये। सबसे पहले वार्डों में एयर कूलर एवं पीने के शुद्ध पानी के कूलर की पड़ताल की। मंगलवार शाम दिए गए निर्देशों के अंतर्गत कूलर ठीक कराये और नए कूलर लगाने का कार्य चलता पाया गया। वाटर कूलर में आर.ओ. सिस्टम नए लगवाने के निर्देश दिए गए। कार्यालय में स्टोर रजिस्टर, सभी स्टॉक का रखरखाव चेक कराया गया जिसमें गंभीर लापरवाही पाई गई। इसलिए वहां के स्टोर इंचार्ज काशीनाथ को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए सीएमओ कार्यालय से सम्बद्ध किये जाने का निर्देश दिया।
किसी भी वार्ड में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे होने की जानकारी पर तत्काल समस्त वार्डों में सीसीटीवी कैमरे लगवाने का निर्देश दिया। ताकि सभी सात वार्ड में मरीजों की निगरानी सीसी टीवी से भी की जा रखी जा सके। निरीक्षण में मरीजों की देखभाल के लिए उनके बाल काटने, नाखून काटने, असमर्थ भर्ती मरीजों को भोजन व पानी देने के लिए, बेड की चादर बदलने तथा साफ सफाई के लिए लगाये गये सफाई कर्मियों, उनके इंचार्ज चिकित्सक व महिला मरीजों के लिए नियुक्त सेविकाओं की लापरवाही सामने आयी। इसके लिये आज ही मरीजवार सफाई कर्मी व सेविकाओं की ड्यूटी लगाने का निर्देश दिया गया।
जिलाधिकारी ने अपने सामने मरीजों के बढ़े हुए बाल और नाखून कटवाये गए। साथ ही कर्मचारियों के कॉन्ट्रैक्टर को भी भविष्य में मरीजों की देखभाल अच्छे ढंग से करने हेतु हिदायत दी। अस्पताल में सभी 241 मरीजों की शुगर, बीपी, ईसीजी की जांच कराई गई और प्रतिदिन इंडोर वार्ड चिकित्सकों को इसे फॉलो अप करने हेतु निर्देशित किया गया।जिलाधिकारी ने अलग-अलग कार्यों के लिए प्रभारी बनाये गये डाक्टरों को अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से न निभाने पर चेतावनी दी और रोस्टर के अनुसार जिम्मेदारी से ड्यूटी करने की हिदायत दी।
जिलाधिकारी ने मानसिक अस्पताल की वित्तीय जांच के लिए मुख्य कोषाधिकारी को निर्देशित करते हुए मानसिक अस्पताल के एकाउंटेंट को सहयोग करने का निर्देश दिया। जिसमें विगत वर्ष से अब तक किये गये टेंडर और खर्चों की जांच के साथ ही कृषि आय, अन्य आय के श्रोत और उनसे प्राप्त होने वाली आय का विवरण, अब तक किये गए सब भुगतान आदि की जांच करने का निर्देश दिया।(हि.स.)