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आपदाओं से निपटने को योगी सरकार ने तीन नई एसडीआरएफ का किया गठन

  • ब्लॉक स्तर पर 2 हजार ऑटोमेटिक रेनगेज स्थापित किए जा रहे
  • 11 आपदाओं को राज्य आपदा की सूची में किया गया शामिल

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को आपदा (बाढ़, सूखा, भूकंप, आकाशीय बिजली) के दौरान जल्द से जल्द राहत पहुंचाने एवं जनहानि को रोकने के लिए पिछले साढ़े छह वर्ष में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में तीन नई राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) का गठन किया गया, जबकि प्रदेश की 11 आपदाओं को राज्य आपदा में शामिल किया गया। इसमें नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई, गैस रिसाव, बोरवेल में गिरना, मानव वन्य जीव द्वन्द, नदी में डूबना समेत 11 आपदाएं शामिल हैं। वहीं प्रदेश में आपदाओं से बचाव व आम जनमानस को जागरुक करने के लिए ग्राम स्तर पर राहत चौपाल का आयोजन किया जा रहा है।

मौसम संबंधी पूर्व चेतावनी तंत्र को मजबूत करने को स्थापित किए जा रहे 450 आटोमेटिक वेदर स्टेशन

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को बाढ़, फ्लैश फ्लड, वेक्टर जनित बीमारियों, औद्योगिक दुर्घटनाओं, भूकंप, नाभिकीय खतरा समेत किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन तंत्र को और मजबूत करने के निर्देश दिये थे। इसी क्रम में प्रदेश में तीन नई राज्य आपदा मोचन बल का गठन किया जा रहा है। वहीं नई कंपनी के लिए 80.75 करोड़ से इक्विपमेंट एवं 9.99 करोड़ से वाहन खरीदे जा रहे हैं। योगी सरकार ने अधिक से अधिक आपदा पीड़ितों को राहत फंड का लाभ दिलाने के लिए कई दुर्घटनाओं को राज्य आपदा में शामिल किया है।

इसमें नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई, गैस रिसाव, बोरवेल में गिरना, मानव वन्य जीव द्वन्द, डूबना, सांड एवं नीलगाय के आघात से होने वाली मृत्यु शामिल है। इसके अलावा स्कूलों के पाठ्यक्रमों एवं उत्तर प्रदेश के शिक्षा परिषदों में आपदा प्रबंधन के विषयों को शामिल किया गया। इसमें प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान, पुलिस अकादमी, राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, सचिवालय प्रशिक्षण संस्थान, राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान सहित अन्य संस्थानाें में आपदा प्रबंधन विषय शामिल है।

मौसम संबंधी पूर्व चेतावनी तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश की सभी तहसीलों में 450 आटोमेटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस), ब्लॉक स्तर पर 2 हजार आटोमेटिक रेनगेज (एआरजी) और प्रदेश के 5 प्रमुख शहरों में 5 डॉप्लर रडार की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा प्रदेश में आपदाओं से बचाव व आम जनमानस को जागरूक करने के उद्​देश्य से ग्राम स्तर पर लगभग सात हजार राहत चौपालों का आयोजन किया जा चुका है, जिसमें जनपद स्तर के अधिकारियों द्वारा ग्रामीणजनों को आपदाओं से बचाव व तैयारी, आपदा के दौरान क्या करें व क्या न करें आदि के संबंध में जागरूक किया जा रहा है।

नौका दुर्घटनाएं रोकने के लिए नाव सुरक्षा एवं नाविक कल्याण नीति बनाई गई

योगी सरकार ने प्रदेश में नौका दुर्घटनाएं रोकने के लिए नाव सुरक्षा एवं नाविक कल्याण नीति-2020 बनाई। इसके जरिये प्रथम फेज में 872 गोताखोर एवं 5123 नाविकों को नाव सुरक्षा किट का वितरण किया गया। वहीं आपदा के दौरान राहत वितरण प्रणाली को समयबद्ध व पारदर्शी बनाने के लिए इंड टू इंड कंप्यूटराइजेशन ऑफ बेनिफिशरी मैनेजमेंट सिस्टम का शुभारंभ किया गया। इससे लाभार्थी के चयन से लेकर डिजिटल अप्रूवल तथा अकाउंट में धनराशि हस्तातंरित करने तक की पूरी प्रक्रिया पेपरलेस हो गई है, जिससे राहत वितरण में पारदर्शिता के साथ-साथ समयबद्धता भी सुनिश्चित हुई है। इसके अलावा प्रदेश में डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए वाराणसी, प्रयागराज एवं गोरखपुर में मुख्यमंत्री बाल तरणवीर कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।

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