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सोनू सूद ने किया बड़ा खुलासा, दिन में करते हैं 22 घंटे काम…

मुंबई । इस कोरोना महामारी में जब लोगों को कहीं से मदद की आस नहीं थी, तब सोनू सूद ने उनकी हर मुमकिन मदद की थी। वे पिछले साल लॉकडाउन के समय से ही, लोगों को अपने स्तर पर मदद पहुंचा रहे हैं। देश के तमाम लोगों को उन्होंने बड़ी-बड़ी मसीबतों से बचाया। ऐसे में लोगों का उन्हें मसीहा मानना लाजिमी है, आखिर वे निःस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करने में लगे हुए हैं। हाल में एक्टर ने अपनी इस जर्नी से जुड़ी तमाम बातें शेयर कीं और बताया कि राहत कार्यों के दौरान, उन्हें किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।

आज ज्यादातर लोग जानना चाहते हैं कि सोनू सूद इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मदद कैसे करते हैं। आज तक से बातचीत के दौरान एक्टर ने इसका जवाब दिया। वे कहते हैं, `मैं ये कहूंगा कि प्रशासन भी मदद कर रहा है, लेकिन हर एक इंसान को ऐसा करना पड़ेगा, क्योंकि इस समय हर किसी को हर किसी की जरूरत है। मैं कैसे करता हूं, मुझे खुद नहीं पता। मैं करीब 22 घंटे फोन पर रहता हूं। हमारे पास 40 हजार से 50 हजार के बीच मदद के लिए रिक्वेस्ट आती है। मेरे 10 लोगों की टीम है, जो सिर्फ रेमडिसिविर के लिए घूमती है। मेरी एक टीम बेड्स के लिए घूमती है। शहर के हिसाब से हम घूमते हैं।`

वे आगे कहते हैं, `मुझे देशभर के डॉक्टर से बात करनी पड़ती है, उन्हें जिस चीज की जरूरत होती है तो हमें जल्द से जल्द मुहैया करानी पड़ती है। हम जिन लोगों की मदद कर चुके हैं, वे एक तरह से हमारी टीम का हिस्सा बन जाते हैं। मैं आपको बताऊं कि मुझे जितनी रिक्वेस्ट आती हैं, अगर उन सबको देखने चलूं तो कम से कम 11 साल लगेंगे उन तक पहुंचने में, इतनी ज्यादा रिक्वेस्ट है। हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचा सकें।`

एक्टर से जब पूछा गया कि वे इतने मुश्किल समय में कैसे अपना धैर्य साधे रखते हैं तो सोनू ने एक कहानी सुनाई। वे कहते हैं, `हम एक लड़की को अस्पताल में बेड दिलाने की कोशिश कर रहे थे, पर बेड नहीं मिल रहा था। रात के 1 बजे रहे थे और उसकी बहन फोन पर बहुत रो रही थी और कह रही थीं कि प्लीज बचा लीजिए, वरना परिवार खत्म हो जाएगा। मैं बहुत परेशान था। ऐसा करते-करते रात के 2.30 बज गए थे। मैं दुआ कर रहा था कि वह लड़की सुबह तक बच जाए, ताकि हम उसे बेड दिलवा सकें। सुबह 6 बजे मुझे कॉल आया और मैंने उसे बेड दिलवाया और अभी वह ठीक है। खुशी होती है कि मैं मदद कर पाया।` साथ में, एक्टर ने कहा कि उनके पास इस समय निगेटिव सोच और गुस्से का समय नहीं है। इस समय लोगों को गुस्सा और चिढ़ छोड़कर अपना ध्यान दूसरों की मदद में लगाना चाहिए।

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